नौकरानी के हस्बैंड के मोटे लंड के साथ गंदा सेक्स
हेलो दोस्तों! मेरा नाम मीनू
पाठक है। मैं आपको अपनी एक कहानी बताना चाहती हूँ जब मैंने पहली बार सेक्स किया था।
यह कहानी उसी के बारे में है। उस वक्त मैं केवल 18 साल की थी। उस वक्त हमारे यहाँ पर कामवाली बाई
आती थी। उसका नाम सुनीता था। उसकी उम्र लगभग 20 साल की थी। वैसे तो उसको हमारे घर में काम
करते हुए एक साल हो गया था। हम दोनों के बीच में दोस्ती भी अच्छी थी। मतलब कि वह
मेरे साथ काफी फ्रेंक होकर बात करती थी।
धीरे-धीरे हमारे बीच में
सेक्स के बारे में भी बातें होने लगीं। वैसे वो काफी शर्मीली किस्म की लड़की थी
लेकिन जब हम बात करती थी तो मेरे साथ वह खुल कर बात करती थी।
एक बार हम दोनों सेक्स की
बातें कर रही थी तो हम दोनों ही गर्म हो गईं और हमने उस दिन थोड़ा बहुत सेक्स भी
किया। उसने मेरे चूचों को दबाया और मैंने उसकी बूब्स को भी दबाया। चूत में भी
थोड़ी उंगली कर लेती थी। मगर उसके बाद फिर कभी ऐसा कुछ करने का मौका नहीं मिला।
फिर हम बस किस कर लेते थे और बूब्स को दबा कर मजा लेते थे। मैं भी जवान हो रही थी
और मेरे बूब्स भी काफी बड़े हो रहे थे। उसके बाद उसकी शादी हो गयी। मैं उसका नाम
तो आपको बताना भूल ही गई।
शादी होने के बाद तीन
महीने तक सुनीता हमारे घर पर नहीं आई। तीन महीने के बाद उसने फिर से हमारे घर आना
शुरू किया। जब वो वापस आई तो मैं उसे देख कर काफी खुश हो गई और मैंने उसका हाल-चाल
पूछा।
फिर हम दोनों में पहले की
तरह बात होने लगी। होते-होते बात सेक्स तक पहुंच गई। उसकी तो नई-नई शादी हुई थी।
इसलिए मैं उसकी सेक्स लाइफ के बारे में जाने के लिए बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड हो
रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि उसकी सुहागरात कैसी रही?
उसने अपनी सुहागरात के
बारे में बताते हुए कहा- जब मैं बेड पर बैठी थी तो मेरा हस्बैंड अंदर आया। उसने
मुझसे कोई बात नहीं की और गाली देकर सीधी मुझे बेड पर लेटा दिया। उसके बाद उसने
मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझे पूरी नंगी कर दिया।
उसके बाद उसने भी अपने
सारे कपड़े उतार दिये। जब मैंने उसका लंड देखा तो उसका लंड बहुत ही ज्यादा लम्बा
और मोटा था। फिर जब उसने मेरी चूत में लंड को घुसाया तो दर्द से मैं चीखने लगी।
मैं चिल्लाने लगी लेकिन उसने मेरे होंठों को दबा लिया और अपना लंड मेरी चूत में
घुसाता रहा।
मेरी आंखों से आंसू भी
निकल आये लेकिन मेरे हस्बैंड ने पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे जोर से
पकड़ कर चोद दिया। फिर उसने मेरी चूत को चोदने के बाद मेरी गांड भी मारी।
फिर सुनीता ने बताया कि
उसका हस्बैंड पूछने लगा कि उसको कैसा लगा तो सुनीता ने कहा- पहले तो बहुत दर्द हुआ
लेकिन बाद में बहुत मजा आया। मुझे ऐसा लगा कि जैसे जन्नत मिल गई हो।
सुनीता मुझे बता रही थी
और मेरे पास ही बैठी हुई थी। उसके बाद सुनीता का हाथ मेरी चूत पर चला गया। मेरी
चूत को सहलाते हुए उसने पूछा- तुम्हें भी ऐसे दर्द का मजा लेना है क्या?
मैं उसकी बात सुनकर हँस
पड़ी।
कुछ दिन ऐसे ही निकल गये।
फिर कुछ दिन के बाद मेरे मम्मी-पापा आउट ऑफ स्टेशन चले गये। मुझे पता था कि वो चार
दिन तक नहीं आयेंगे। उनका लंदन में कुछ जरूरी काम था। मैं उनके साथ नहीं जा पाई
क्योंकि मेरे एग्जाम्स चल रहे थे और अभी 2 एग्जाम्स बचे हुए थे। वहां जाने के बाद मम्मी-पापा
का फोन आया कि उनको आने में अभी दस से बारह दिन और लगेंगे।
मैंने मम्मी-पापा से पूछ
लिया- मैं सुनीता को बुला लूँ क्या?
मम्मी-पापा ने सुनीता को
बुलाने के लिए हाँ कह दिया और मैंने उसको बुला लिया। लास्ट एग्जाम होने के बाद
मैंने घर में दोस्तों के साथ एक पार्टी भी रख ली। उस रात पार्टी में हम रात के दस
बजे तक नाचते रहे। नाचते-नाचते मैं थक गई थी।
सुनीता ने खाना बना दिया
था। उसने खाना खाने के लिए कहा। उसके बाद मैं फ्रेश होकर खाना खाने लगी। मेरे
पैरों में बहुत दर्द हो रहा था। डांस करने के कारण मैं काफी थक गई थी। मैंने
पार्टी वाली ड्रेस उतार दी और सलेक्स पहन ली। उसके बाद सुनीता मेरे पैरों को दबाने
लगी। मेरे पैर बहुत दुख रहे थे।
उस दिन मैंने सुनीता से
कहा कि क्या तुम मुझे भी वो दर्द वाला मजा दे सकती हो क्या?
सुनीता बोली- हाँ, बिल्कुल दे सकती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है। फिर
मैं सब तुम्हें सौंप देती हूँ। अब तुम्हें ही सब देखना है।
सुनीता ने उसी वक्त मेरे
कपड़े उतारने शुरू कर दिये। उसने मुझको पूरी नंगी कर दिया और फिर वो मुझे बाथरूम
में ले गई। वहाँ पर जाकर उसने मेरी पूरी बॉडी को मसाज किया। फिर वो मेरे ऊपर बैठ
गई। उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर लगा दी और बोली- इसे चाटो।
मैंने उसकी चूत चाटी।
उसकी चूत काफी टेस्टी थी।
उसके बाद सुनीता ने मेरी
चूत चाटनी शुरू की। मेरी चूत से पहले तो कुछ पानी सा निकला मगर उसके बाद साथ ही
यूरीन भी निकल गया क्योंकि मेरा तो यह पहली बार ही था। उसने उसे थोड़ा सा पीया और
फिर से मेरी चूत को चाटने लगी। उसने फिर मेरी चूत से अंदर का पानी अपने मुंह में
लिया और मुझे लिप किस करने लगी। वह फिर मेरे चूचों को दबाने लगी। फिर वह मेरी गांड
को चाटने लगी। मेरी गांड में अजीब सा कुछ होने लगा। उसके बाद उसने मेरी गांड को
जोर से चाटना शुरू कर दिया। वह बहुत तेजी से मेरी गांड में अपनी जीभ को घुसा रही
थी।
उसके जीभ घुसाने से पता
नहीं क्या हो गया कि मेरा मल निकल आया। उसने मेरे मल को भी चाट लिया। फिर उसने
मेरी चूत में उंगली डाल दी। अपनी चार उंगलियाँ मेरी चूत में डाल कर उसने उंगलियों
को अंदर और बाहर करना शुरू कर दिया। वह तेजी से मेरी चूत को अपनी उंगलियों से चोद
रही थी। फिर मेरी चूत में जोर का प्रेशर बना और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मुझे
बहुत मजा आया। उसके बाद फिर हम नंगे ही सो गये।
सुबह जब हम उठे तो 11 बज गये थे। जब मेरी आंख
खुली तो उसका हस्बैंड भी आ पहुंचा था। वह मेरी चूत पर मसाज कर रहा था। मुझे बड़ा
अच्छा लग रहा था। फिर उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। मुझे मजा आने लगा।
उसका हस्बैंड पहले से ही नंगा हो चुका था और उसका लंड ऐसा था जैसे किसी हाथी का
लंड हो। उसकी पत्नी सुनीता उसके लंड को चाट रही थी। फिर उसने सुनीता को चोदना शुरू
कर दिया। मेरे सामने ही वो सुनीता की चूत मार रहा था। मैं भी उनकी चुदाई देख कर
गर्म हो गई।
मैं देख रही थी कि कैसे सुनीता
उसके मोटे लंड से चुद कर मजे ले रही है। उसकी गांड पूरी उछल रही थी उसका हस्बैंड
जब धक्के लगा रहा था। वह जबरदस्त चुदाई कर रहा था सुनीता की। उसको देख कर मेरा मन
भी करने लगा कि मैं भी उसका लंड अपनी चूत में ले कर चुद लूँ। उसके मोटे लंड से
चुदते हुए सुनीता की चूत से पच-पच की आवाज आ रही थी।
मैं सुनीता के पास गयी तो
उसने बोला- देखो मत, बस करना शुरू कर दो। बहुत मजा आयेगा।
मैंने उससे कहा- मुझे रात
को भी बहुत मजा आया था।
वो बोली- उससे ज्यादा मजा
अब आयेगा तुम्हें लेकिन तुम करना शुरू करो।
उसके बाद मैंने उसके हस्बैंड
को किस करना शुरू कर दिया। उसके हस्बैंड ने मेरे बूब्स दबा दिये और उनको हाथों में
लेकर मसलने लगा। फिर उसने मेरे चूचों को जोर से भींचा और फिर निप्पलों को सक करने
लगा। फिर उसने मेरी टांगों को चौड़ी कर दिया और मेरी चूत को चाटने लगा।
मैं तो जैसे पागल होने
लगी थी। बस मेरे मुंह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाजें निकल रही थीं। मेरे बाल
पूरी तरह बिखर गये थे। वो मुझे पागल कर रहा था। फिर उसने अपने लंड को मेरे चूचों
के बीच में फंसा कर मेरे चूचों को चोदा।
उससे मैं इतनी गर्म हो गई
कि मेरे पूरे बदन पर पसीना आ गया। वो भी पूरा पसीने में हो गया था।
उसके बाद सुनीता ने मेरे
हाथ पकड़ लिये। मेरे हाथों को पकड़ कर वो मुझे किस करने लगी। मुझे लगा कि अब कुछ
जोरदार होने वाला है। फिर अगले ही पल उसके हस्बैंड ने मेरे दोनों पैरों को अलग कर
दिया। उसने अपना लंड अचानक से मेरी चूत में घुसा दिया और मैं दर्द के मारे मरने को
हो गई। उसका मोटा लंड बहुत ज्यादा दर्द दे रहा था।
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सुनीता ने मुझे डीप किस
किया। कुछ ही देर के बाद मेरा दर्द कम हो गया तो फिर मुझे ऐसा लगा कि अब मैं जन्नत
में हूँ। उसके लंड से मुझे जन्नत का सा मजा आने लगा। कुछ देर तक उसने मेरी जोरदार
चुदाई की। उसके बाद जब वो थक कर हांफने लगा तो उसका पूरा बदन पसीने से भर गया। वो
नीचे लेट गया और मैं उसेक लंड पर बैठ कर कूदने लगी। मेरी चूत में उसका लंड जा रहा
था तो फच-फच की आवाज हो रही थी। थोड़ी देर तक उसके लंड से चुदने के बाद मैंने उसके
लंड को चूसना शुरू कर दिया।
उसके लंड को मैं जोर से
चूसने लगी। उसके लंड पर मेरी चूत का रस लगा हुआ था। उसका लंड मेरे मुंह में पूरा
भरा हुआ था। फिर उसके लंड से जब पानी निकलने को हुआ तो उसने लंड को बाहर निकलवा
दिया। उसके कॉन्डम लगे लंड ने वीर्य छोड़ दिया। कॉन्डम उतारा उसका वीर्य उसके लंड
पर बह कर नीचे आने लगा। मैंने उसके वीर्य को चाट लिया। सुनीता ने उसका वीर्य मेरी बूब्स
पर मल दिया। उसने मेरी गांड चाट कर मेरी शिट भी चाट ली।
सुनीता बहुत ही किंकी
किस्म की औरत थी। उसने कुछ मल मेरी बॉडी पर लगा दिया।
मैंने कहा- तुम ये क्या
कर रही हो। मुझे इससे घिन आ रही है।
वो बोली- असली सेक्स तो
यही है जिसमें सब कुछ अच्छा लगने लगे।
मल मेरे शरीर पर लगाने के
बाद उसके हस्बैंड ने उसको चाट लिया। फिर सुनीता ने मुझे नीचे लेटा दिया और वो मेरे
ऊपर आकर बैठ गई। सुनीता की चूत मेरे मुंह पर आ गई थी। मैं उसकी चूत को चाटने लगी।
उसके हस्बैंड ने अब मेरी गांड को चोदना शुरू कर दिया। उसने बिना कॉन्डम के ही मेरी
गांड में लंड को पेल दिया। जब उसने चूत मारी थी तो कॉन्डम लगा कर मारी थी। उसका
माल कॉन्डम में भर गया था जिसको उसने मेरे मुंह में भर दिया। मगर गांड में उसने
बिना कॉन्डम के ही डाल दिया।
वह मेरी गांड को चोदने
लगा। कुछ देर मेरी गांड को चोदने के बाद उसने मेरी गांड में अपना वीर्य छोड़ा तो
मुझे काफी गर्म सा लगा। मैंने उसके हस्बैंड से कहा कि थोड़ा और अंदर घुसा दो, मजा आ रहा है। उसने पूरा
गर्म लंड मेरी गांड में कर दिया। उसका सारा माल मेरी गांड में चला गया।
उसके बाद मैं काफी थक गई
और मुझे नींद आने लगी। फिर हम सब लोग सो गये। उस वक्त दिन के तीन बज गये थे। उसके
बाद रात को आठ बजे जब सोकर उठी तो मुझे बहुत थकान हो रही थी।
फिर हम लोग बाथरूम में
गये। उसके हस्बैंड ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में मेरा यूरीन
निकलने लगा। उसका हस्बैंड मेरे यूरीन को पीने लगा।
मैंने उसके हस्बैंड को
अपनी बांहों में कस लिया, उससे कहा- ये लो और अच्छी तरह से पी जाओ इसे।
सुनीता बोली- जितना मजा
करना है आज ही कर लो मीनू, उसके बाद ऐसा मजा नहीं मिलेगा।
फिर सुनीता और उसका हस्बैंड
तीन दिन तक मेरे घर पर ही रहे और हमने रोज ही मजेदार गंदा सेक्स किया। सुनीता ने
मुझे खूब मजा दिलवाया। उसके हस्बैंड के जाने के बाद सुनीता और मैंने भी खूब मजा
लिया। मेरा पहला एक्सपीरियंस बहुत ही मजेदार रहा। अब मैं 19 साल की हो चुकी हूँ और उसके हस्बैंड के साथ
अभी भी मजा लेती रहती हूँ।
सुनीता ने मुझे सच में
बहुत मजा करवाया। उसने मुझे गंदा सेक्स करना सिखाया। उसके हस्बैंड के मोटे लंड से
मुझे चुदवाया। मेरी चूत को अब लंड लेने में बहुत मजा आता है। उसके हस्बैंड के
लम्बे और मोटे लंड से चुद कर मैं अपनी प्यास बुझाती रहती हूँ। मेरे बूब्स पहले से
भी और ज्यादा बड़े हो गये हैं। उसके हस्बैंड को भी मेरी चूत मारने में बहुत मजा
आता है। इस तरह हम तीनों ही मजे करते रहते हैं।