Driver Ne Apni Malkin Ko Chod kar Khus kiya

Driver Ne Apni Malkin Ko Chod kar Khus kiya

मैंने ड्राइवर के मोटे लंड से चुदवाया

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मेरे प्यारे दोस्तों, नमस्कार मैं रीमा देवी, बत्तीस साल की हु, मैं अम्बाला में रहती हु, मैं अपने हसबैंड के साथ हु, मेरे माता-पिता दोनों भटिंडा से है, मैं वही पली बढ़ी, फिर मेरी शादी हो गई। शादी के समय मेरी उम्र 28 साल थी। और मेरे हसबैंड की उम्र 29 साल, हसबैंड का अनिल सरदाना है। हसबैंड का बहुत बड़ा व्यापार है। मेरी दो दो फैक्ट्री है जो की तौलिया बनाने का काम करती है। किसी चीज की कमी आज तक मुझे नहीं हु। क्यों की मेरा मायका भी व्यापारी फैमिली से ही आता है। मेरी ज़िंदगी काफी खुशहाल थी। मेरे हसबैंड काफी अच्छे व्यबहार के इंसान है। पर आप सोच रहे होंगे की मैंने उनसे वफ़ा क्यों नहीं की। मैं क्यों वेवफा हो गई।



मेरी शादी जब हुई तो वो बॉक्सर थे, पंजाब में बहुत जाना माना नाम था उनका पर एक दुर्घटना ने मेरी ज़िंदगी बदल दी। शरीर में उनके काफी बदलाव आ गया, उसमे से एक उनका प्राइवेट पार्ट भी छोटा हो गया। करीब २ इंच का दिल्ली में कई जगह इलाज करवाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ, वो नेक्स्ट मंथ अमेरिका जा रहे है। इलाज करवाने के लिए। मैं भी दुआ कर रही हु की वो जल्दी ठीक हो जाये।



अब मैं सीधे कहानी पर आती हु, मैं शुरू से काफी चुद्दक्कड किस्म की लड़की थी। जब मैं छोटी थी तब ही मैंने अपने चचेरे भाई से सेक्स सम्बन्ध बना ली। जब मेरी चूचियाँ भी ज्यादा गोल-गोल नहीं हुई थी। तब से ही मैं लड़के को देख कर बौखला जाती थी और मुझे अपनी चूचियाँ सहलवाने का मन करता था। पर मेरे घर बाले का निगाह मेरे ऊपर रहता था, उनलोगो को भी पता था की मैं दो नंबर की लड़की हो गई, पर मुझे माँ पापा के तरफ से काफी डाट डपट मिलता था इस वजह से मैं थोड़ी लाइन पर थी। फिर मेरे रिश्ते यानि की शारीरिक सम्बन्ध कई लोगो से भी बना, जो मेरे यहाँ गाय का देखभाल करता था उससे मैं बहुत चुदी थी क्यों की उसका लंड बहुत हो मोटा और लंबा था, मेरे शरीर को शूट करता था क्यों की मेरी ब्रा की साइज ३६ है। लम्बी चौड़ी हु, गांड बहुत मोटा और पीछे से उभरा हुआ है। होठ मेरे बहुत गुलाबी और गाल मेरे सेव की तरह है।


शादी के कुछ दिन बाद तक तो मेरे हसबैंड मुझे अच्छी तरह से चोदता था पर बाद में बीमारी की वजह से उनका लंड काफी छोटा हो गया और फिर मेरे किसी काम का नहीं बचा। क्यों की मुझे कुछ भी नहीं होता था, एक ही आदत मुझे अपने हसबैंड की अच्छी लगती थी। चोदने के पहले वो मेरे सारे कपडे एक-एक कर के उतारते थे। फिर बाद में मेरा ब्रा और मेरी पेंटी निकलते थे, और लगातार मेरे पुरे शरीर को जीभ से छूटे रहते थे। मजा तो ज्यादा तब आता था जब वो अपने जीभ से मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाते थे बहुत भी लाजवाब लगता था। मैं तो पानी पानी हो जाती थी। मुझे उस समय गजब का एहसास होता था। मैं खूब एन्जॉय करती थी। मेरे चूत से निकला हुआ पानी वो जीभ से चाट जाते थे, फिर वो ऊपर आकर मेरे चूच पर जीभ फिराते थे फिर वो मेरे निप्पल को हलके दाँतों से काटते थे, मेरे रोम रोम खिल उठता था। फिर मैं भी वाइल्ड हो जाती थी और मैं भी हसबैंड को लिटा कर उनके लंड को फिर आंड को और फिर गांड को जीभ से चाटती थी, उनको भी बहुत मजा आता था।



ये सब चलता था फिर मैं तो पागल हो जाती थी। आप यूँ समझिए की ये रोज रोज होता था फिर जब मैं पूरी तरह से गरम हो जाती थी फिर वो अपने मोटे और लम्बे लंड से चोदते थे। पर अब सब कुछ बदल गया था, क्यों की वो मुझे तैयार तो वैसे ही कर देते थे पर जब मुझे चोदते थे तो आग बबूला हो जाती थी। क्यों की उनका दो इंच का लंड कुछ भी नहीं कर पाटा था। मैं उनको धक्का दे के अलग कर देती और तुरंत भी बाथरूम में जाकर नहा लेती ताकि मन शांत हो जाये। मेरे हसबैंड को भी काफी गलानी होती थी। पर मैं कर भी क्या सकती । एक दिन की बात है। मुझे लगा की ज़िंदगी तो जीने की चीज है। मैं क्यों घुट घुट कर मर रही हु। क्यों ना अपने वासना की आग को किसी और से बुझा लु। क्यों की मुझे ऐसे भी बहुत लोगो से पहले भी चूद चुकी हु, तो सोची की चलो एक बार ये गलती और करती हु। फिर मैं अपने हसबैंड को बोली देखो जी आप तो कल मुंबई जा रहे हो। गर्मी ज्यादा है। मैं घर में बोर हो चुकी हु। मुझे दो तिन दिन का मनाली का पैकेज दिलवा दो। मैं आराम कर के आती हु, हसबैंड बोले ठीक है। और फटाफट उन्होंने एक फाइव स्टार होटल में मेरा कमरा बुक करवा दिया। और फिर बोले की तुम ऑडी कार ही ले जाओ और ड्राइवर भी ले जाओ, ड्राइवर के लिए भी उसी होटल के पास एक कमरा दूसरे होटल में बुक करवा दिया।



और मैं फिर मनाली चली गई। मनाली मैं शाम को करीब आठ बजे पहुंची, फिर मेरा ड्राइवर मुझे छोड़ कर वो होटल के निचे ही घूम रहा था, तब मैंने उसके मोबाइल पर फ़ोन किया की बलवीर तुम कहा हो मेरे लिए एक सर दर्द की दवा ला दो। मेरा सर बहुत दुःख रहा है। वो तब तक मैं निचे बार में जाकर करीब तिन पेग शराब पि ली। और हल्का सा कहना भी खा ली। पर मुझे नशा आ गया था, काफी नशा तभी बलवीर का फ़ोन आया मैडम जी। दबाई ला दिया हु। मैं बोली ठीक है मैं आती हु। तब तक वो दरवाजे के बाहर बालकनी में खड़ा था। फिर मैं जाकर दबा ली। बलवीर को बोली बलवीर जाओ तुम कहना खा लो और मैंने अपने पर्श से पांच सौ रुपया निकाल कर दी। पर उसने कहा नहीं नहीं मैडम जी मैंने कहना खा लिया।



मेरा सर का दर्द चूत नहीं रहा था, बलवीर पूछा मैडम जी आपका सर दर्द ठीक हुआ, तो मैंने कहा नहीं नहीं अब तो और भी जोर से होने लगा है। तो बलवीर बोल मैडम जी ऐसे में आपको पीना नहीं था। पर मेरे पास ठंढा तेल है गाडी में आप कहे तो ला दू। मैंने कहा ठीक है ल दो । और वो तुरंत ही निचे जाकर ठंढा तेल ला दिया तब तक मैं अपना बाल खोल कर और नाईट गाउन पहनकर लेट रही थी, बलवीर आया, मैंने कहा बलवीर तुम रख दो तेल अब मैं उठ नहीं पाऊँगी, क्यों की मेरा आँख बंद हो रहा था तब बलवीर बोल मैडम जी अगर आप बुरा नहीं माने तो आप सोये रहे मैं तेल लगा देता हु। आपके सर में मैं काफी अच्छे तरीके से लगा दूंगा क्यों की जब मेरी बीवी का ऐसा दर्द करता है तो मैं ही मालिश कर देता हु। मैंने कहा ठीक है। और वो मुझे बालों में तेल लगाने लगा। मुझे उसका छूना अच्छा लगने लगा फिर मैंने कहा बलवीर तुम मेरे हाथ में भी तेल लगा दो। वो मेरे हाथों में भी तेल लगाने लगा। फिर मैंने कहा पैर में भी लगा दो। और मैंने अपने गाउन को घुटने से ऊपर उठा दिया, अब बलवीर मेरे मोटे-मोटे गोर-गोर पैर को देखने लगा और मालिश करने लगा। मैंने कहा शर्म मत करो, और फिर मैंने अपने पर्श से दो हजार रुपया निकाली और बलवीर को देने लगी पर वो मना कर दिया बोला, नहीं मैडम जी। मेरा तो फर्ज है। आप यहाँ अकेले है अगर मैं नहीं देखूंगा तो और कौन देखेगा।


मैंने कहा बलवीर तू कितना अच्छा है। बलवीर बोला मैडम जी ये तो आपका बड़प्पन है। की आप ये बात बोल रही है। मैडम जी आपको मैं एक बात पुछू, आप बुरा तो नहीं मानोगे, मैंने कहा नहीं नहीं पूछो, मैडम जी पहले तो आप बहुत खुश रहते थे पर आज कल बहुत उदास रहते हो। पहले आप बहुत सजते सवरते थे पर आजकल बहुत नार्मल रहते हो। क्या कारण है। मैं भी भावना में बाह गई और रोने लगी। बोली बलवीर आजकल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। और मैंने उसको खुलकर सब कुछ बता दी। मैं नशे में थी और आपको तो पता है की नशे में इंसान सब कुछ सही सही बोलता है। फिर क्या था बलवीर उठ गया और जाने लगा। बोला ठीक है मैडम जी मैं चलता हु आप आराम करो, मैंने बलवीर का हाथ पकड़ लिया, और बैठाया, बोला बलवीर क्या तुम मेरी मदद करोगे, बलवीर कहने लगा मैडम जी अगर साहब को पता चल जायेगा तो । तो मैंने कहा कभी पता नहीं चलेगा। और फिर बलवीर मुस्कुरा दिया। शायद उससे भी लाटरी लग गई।



उसके बाद मैंने अपना गाउन उतार दिया। मेरी चूचियाँ बाहर आते ही बलवीर देख रहा था, मैंने उसका हाथ पकड़ी और अपने चूची पे रख दिया वो हौले हौले दबाने लगा। फिर क्या था दोस्तों वो भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ा। मजा आ गया मुझे वो मेरे शरीर को इधर से उधर सहलाने लगा और फिर मेरी चूत में ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा, मैं सिसकिया ले रही थी। और फिर मैंने उसको बोला चलो अब चाटो वो तो यार। आह आह आह करके मेरी चूत को चाटने लगा। और फिर मेरे चूचों को मसलने लगा। मेरे गांड में ऊँगली डालने लगा। मैं वैचैन हो गई। और फिर क्या था जब मैंने उसका लंड निकाला उसके पेंट से दंग रह गई।



मोटा काला लंड करीब आठ इंच का फनफना रहा था सलामी दे रहा था। मैंने तुरंत ही उसको अपने चूत के ऊपर रख ली और फिर शुरू हो गया असली खेल, वो मुझे उल्टा के पलटा के खड़ा कर के डौगी बना के चोद रहा था। और मैंने भी हाय हाय कर के छुड़वाने लगी। रात भर करीब करीब ३ बार मैंने खूब मजे लिए। फिर क्या बताऊँ दोस्तों । मनाली का 3 दिन का पैकेज मेरे ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत पैकेज था। मैं खूब एन्जॉय की। अब मैं बहुत खुश हु। क्यों की मुझे अब सब कुछ मिल गया है। जब भी मुझे वाइल्ड सेक्स की जरूरत होती है ड्राइवर को बुला लेती हु।

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