बूढ़े ससुर का 11 इंच का लंड बहु की चुदाई
मेरी शादी हो
चुकी हे..। मेरे हस्बैंड एक मार्केटिंग कम्पनी में जॉब करते हे..। इसलिए वो अक्सर
घर से बहार ही रहते हे..। अभी मेरी शादी को सिर्फ 3 साल हुए हे और ये कहानी दोस्तों आज से करीब 2 साल पहले की हे..। मेरे
घर में मेरे सास, ससुर और मेरी एक 18 साल की ननद रहती हे..।
मेरी शादी को 3 साल चुके हे
लेकिन मैंने अभी तक अपने हस्बैंड के साथ 30-40 बार ही संभोग किया हे..। क्यूंकि मेरे हसबंड
पर इतना टाइम ही नहीं होता..। इसलिए मैं और मेरी चूत चुदाई के लिए लिए तड़पती रहती
हे..। एक दिन की बार हे मैं अपने कमरे में बैठ कर टीवी देख रही थी..। तभी मुझे प्यास
लगी और मैं किचन में से पानी लेने के लिए जाने लगी..। जब मैं किचन में जा रही रही
तभी मुझे अपनी ननद की कमरे से कुछ आवाजे आई..। मैंने उसके कमरे की विंडो में से
चुपके से देखा तो मैं पूरी तरह से हैरान हो गई..।
मैंने देखा की मेरी ननद बिना कपड़ों के लेटी हुई थी..। मुझसे ये सब देखा ना गया इसलिए मैं वहां से हट गई..। मैंने उसे साफ़ साफ़ बता दिया की मैंने उसे ये सब करते हुए देख लिया हे..। वो मेरे सामने रोने लगी..। मैंने उसे कहा देखो मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगी लेकिन तुम ऐसे संभोग करो वो गलत हे..। इस से अच्छा तो तुम किसी लड़के के साथ अफेयर कर लो..।
Jungle Me Girlfriend Ke Sath GangBang Chudai
मेरी ननद बोली:
भाभी मैं बॉयफ्रेंड तो रख लूँ लेकिन आदमी का तो बड़ा होता हे इसलिए मुझे डर लगता हे..।
मैं: अरे नहीं
इतना बड़ा नहीं होता हे जितना तुम समझ रही हो..।
ननद: नहीं भाभी
मैंने देखा हे इसलिए मैं कह रही हूँ..।
मैं: अच्छा किस
का देख लिया हे तूने, कही किसी घोड़े का
लंड तो नहीं देख लिया..।
ननद: नहीं भाभी
मैंने पिता जी का देखा हे..। उनका लंड तो घोड़े से भी बड़ा हे..। कसम से इतना लम्बा
और मोटा लंड तो मैंने आजतक नहीं देखा हे..।
ननद के मुहं से
ऐसी बातें सुनकर मेरी चूत में खुजली होने लगी..। मुझे तो पता नहीं था की मेरे घर
में ही जबरदस्त चुदाई का सामान हे..। अब मैं भी मन ही मन में जैसे गाँठ बाँध के
बैठी थी की मौका मिले तो ससुर जी का लंड देखना जरुर हे! और मुझे जल्दी ही एक मौका
मिल भी गया..। उस दिन मेरे सारे घरवाले किसी शादी में 2 दिन के लिए चले गए..। घर में मैं और मेरे ससुर
ही थे..। जब रात हुई तो मैंने ससुर जी का दूध देने के लिए गई..। मैंने दूध के
अन्दर नींद की गोली डाल दी थी..। दूध पिने के कुछ मिनिट में ही उनको नींद आनी शरु
हो गई..। पर फिर भी मैं कुछ आधे घंटे तक वेट करती रही..। और उसके बाद ही मैं उनके कमरे
में गई..।
मैंने अन्दर जाते
ही ससुर जी को बहुत हिलाया..। पर जब वो नहीं उठे तो मैं समझ गई की अब रास्ता साफ़
हे..। मैंने जल्दी से उनकी धोती को साइड में कर दी और कच्छा खोल कर उनका लंड बहार
निकाल लिया..। उनका लंड देख कर मेरी आँखों में अलग ही चमक आ गई..। मेरी ननद ने जो
कहा था वो एकदम सच था..। मेरे ससुर का लंड सच में काफी बड़ा और मोटा था..। और सब से
कमाल की बात ये थी की वो लंड अभी सोया हुआ था तो भी बहुत मोटा और लम्बा था..। जब
वो लंड कडक होगा तो कैसे होगा!!! मैंने अपने दोनों हाथो से लंड को पकड़ कर ऊपर करना
चालू किया..। और पता नहीं मेरा अपने ऊपर से कंट्रोल ही जैसे चला गया था..। मैंने
लंड को थोडा हिलाया और फिर निचे झुक के अपने होंठो से उसे चूमने भी लगी..। अब मैं
इस मोटे लंड को मुहं में ले के चूमने लग गई..। और निचे से ऊपर तक पुरे लोडे को
अपनी जीभ से चाटने लगी..। तभी अचानक इस बड़े लोडे के अन्दर जैसे करंट आ गया..। और
लंड खड़ा होना शुरू हो गया..। कुछ देर पहले जो लंड 5 इंच का था अब वो लम्बा हो के 11 इंच का हो गया..।
मेरी आँखे खुली
की खुली रह गई और मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ना रहा..। सच में लंड काफी शानदार लग
रहा था..। अब तो मेरी जुबान लंड को चाटने में लगी हुई थी..। लंड को देख कर अब मेरी
चूत में खुजली होनी शरु हो गई थी..। मैं उठी और अपनी साडी और पेटीकोट उतार के सीधा
लंड के ऊपर आ गई और लंड को अपने हाथ में पकड़ के अपनी चूत के ऊपर रगड़ने लग गई..।
मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था..। मैंने इतने बड़े लंड को चूत में कैसे लेना हे वो
भी सोचा नहीं था..। और लंड को चूत पर लगाकर नाप रही थी..। मैंने देखा की अलंद अगर
ये लंड मेरी चूत में पूरा जाता हे तो मेरे पेट तक अ जाएगा!
मुझे अब डर सा
लगने लगा था..। इसलिए अब मैंने जाने का फैसला कर लिया..। मैं लंड के ऊपर से उठ ही
रही थी की ससुर जी ने अपने मजबूत हाथो से मुझे कमर में से पकड़ लिया..। मैं एकदम बहुत
ज्यादा ही डर गई..। मैंने देखा की ससुर जी जाग चुके थे और वो मुझे पकड़ के वापस लंड
पर बिठाने लगे थे..।ससुर जी: बहु अब लंड को नाप तो लिया तो तुम अब इसको अपनी चूत
में भी ले लो ना, कसम से जिसने भी
लिया हे उसकी चूत तडपती हे इसे बार बार लेने के लिए!
मैंने उनसे खुद
को छुडवाने की कोशिश की लेकिन पर उन्होंने एकदम मुझे बेड पर दे मारा और मेरे ऊपर
आकर बहुत ज्यादा बुरी तरह से मेरे बूब्स को मसलने लगे..। मेरी आँखे बंद होनी लगी
थी..। मैं मदहोश भी होने लगी थी..। तभी ससुर जी ने मेरा ब्लाउज पकड़ा और उसे खिंच
कर पूरा फाड़ दिया..। और वो मेरे नंगे बूब्स को एक एक कर के अपने मुहं में ले के
चूसने लगे..। मुझे बहुत ज्यादा ही मजा आने लगा था, मैं पागल सी होने लगी थी क्यूंकि आजतक मेरे
बूब्स मेरे हस्बैंड ने भी नहीं चुसे थे ऐसे तो..।ससुर जी ने अब मेरी चूत में
उंगलिया करनी चालू कर दी..। मेरी चूत गीली होने लगी थी..। मुझे सच में बहुत ज्यादा
ही मजा आ रहा था..। तभी ससुर जी निचे गए और मेरी चूत को अपनी जुबान से चाटने लगे..।
जैसी ही उनकी जीभ मेरी चूत पर लगी वैसे ही मेरे पुरे जिस्म में करंट दौड़ गया..। अब
मेरे एक हाथ में उनका लंड था जिसे मैं जोर जोर से ऊपर निचे कर के हिला रही थी..।
अचानक ससुर जी ने
मेरे हाथ से लंड ले लिया और खुद ही अपने लंड को मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगे..। मेरी
चूत के दाने के ऊपर लंड पूरी स्पीड में ऊपर निचे हो रहा था..। मैं पूरी तरह से
पागल हो चुकी थी क्यूंकि आजतक ऐसा मजा पहले कभी नहीं आया था..। 2 मिनिट बाद ही मेरी चूत
ने काफी सारा पानी बहार निकाल दिया..।
ससुर जी: बहु ये
क्या अभी तो मेरा लंड तेरी चूत के अन्दर गया भी नहीं और तेरी चूत ने पहले ही जवाब
दे के पानी छोड़ दिया..।
उनके मुहं से ऐसी
बातें सुन के मैं शर्मा गई और मैं धीरे से बोली: ससुर जी अब प्लीज़ आप मेरी चूत को
अच्छे से चोदो ये मुझे बहुत परेशान करती हे..।ये सुनते ही ससुर जी ने मेरे होंठों
को चूसा और निचे जाकर मेरी चूत को फिर से चाटने लगे..। अब की वो अपनी जुबान को
मेरी चूत के दाने पर घुमा रहे थे जिस से मेरे मुहं में से अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह
अह्ह्ह की मस्ती भरी आवाजें निकल रही थी..। ससुर जी अब अपनी दो उंगलिया मेरी चूत
में उतार के उसे जोर जोर से ऊपर निचे करने लगे थे..। और साथ में ही ऊपर से मेरी
चूत के दाने को भी चाट रहे थे..। एक साथ दो हमले मेरी चूत सह न कर पाई और करीब एक
मिनिट में ही मेरी चूत ने फिर से अपना सारा पानी निकाल दिया..।
मैं: ससुर जी अब
क्यूँ मुझे तडपा रहे हो प्लीज़ जल्दी से अब आप अपना लंड मेरी चूत में डालो और मेरी
प्यास को बुझा दो प्लीज़!
मैंने उनके बड़े
लंड को हाथ में पकड़ा तो मैंने देखा की ये तो इतना मोटा हे की ये मेरे हाथ में नहीं
आ रहा हे..। ते तो मेरी चूत के चीथड़े चीथड़े कर देगा, ये सोच के एक डर की लहर दौड़ उठी मेरे अन्दर..।
मेरे चहरे पर इस परेशानी के भाव देख कर ससुर जी बोले: मेरी बहु तू फ़िक्र ना कर आज
इस लंड को अपनी चूत में ले ले..। फिर आज के बाद तू किसी दुसरे के लंड को देखेंगी
भी नहीं!
मैं: पर ससुर जी
आप मेरी को अच्छी तरह से चोदना मुझे बहुत तंग किया हुआ हे उसने!
ये सुनते ही ससुर
जी ने मेरी तरफ देख कर हलकी सी स्माइल करने लगी और अपना लंड मेरे मुह के पास कर
दिया..। मैं समझ गई की अब ये क्या चाहते हैं..। मैंने झट से अपना मुहं खोल दिया और
अच्छे से उनके लंड को चूसने लगी..।ससुर जी तभी मेरा सर पकड़ के अपने लंड को जोर जोर
से मेरे मुहं में मारने लगे और मुहं की मस्त चुदाई करने लगे..। अब उनका लंड मेरे
गले के अन्दर जा रहा था जिस से मुझे सांस लेने में बहुत ज्यादा ही दिक्कत हो रही
थी..। पर वो रुके नहीं और करीब 5 मिनिट तक मेरे
मुहं को ऐसे ही बेरहमी से चोदते रहे..।
अब उन्होंने अपने
लंड मेरे मुहं से निकाला और मेरी चूत पर रख कर और थोडा सा जोर लगा कर अपने लंड का
आगे का हिस्सा पहले मेरी चूत में डाला और बाद में फिर एक जोर से धक्का लगा कर करीब
4-5 इंच जितना लंड
मेरी चूत में उतार दिया..।लंड अंदर जाते ही मेरी जान निकल सी गई..। मैं उनके निचे
एक मछली की तरह तडप रही थी..। अब ससुर जी बहुत ज्यादा पुराने खिलाडी थे और धीरे
धीरे मेरी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर कर रहे थे..। उन्होंने अभी तक आधे से भी कम
लंड ही अन्दर डाला था और ऐसे मुझे चोद रहे थे..। ससुर जी ने अब मेरी गांड के निचे
एक तकिया लगा दिया जिस से मेरी चूत ऊपर उठ गई और अब तो ससुर जी ने अपना लंड मेरी
चूत के एकदम साला और ऊपर निचे करने लगे..। अब ससुर जी मेरे ऊपर आ गए और जोर जोर से
मेरी चूत को चोदने लगे..।
चाचा का लण्ड चूसा और चदवाने लगी
ससुर जी ने अब
अपना लंड बहार निकाला और फिर एक धक्के से
अपना पूरा 11 इंच का लंड एक ही
बार में मेरी चूत में उतार दिया..। अब मैंने अपनी दोनों टांगो को ऊपर उठा ली और
अपनी गांड उठा उठा कर अपने ससुर जी का लंड अपनी चूत में लेने लग गई..। ससुर जी ने
मेरी दोनों टांगो को अपने कंधे के ऊपर रख दिया और जोर जोर से मुझे चोदने लगे..।
मुझे बहुत हो ही मजा आ रहा था..। मैंने अपनी दोनों आँखे बंद कर के ससुर जी के हर
धक्के का मजा लिया..।करीब 20 मिनिट की इस
घमशान चुदाई के बाद अचानक मेरा पूरा जिस्म अकड गया था..। मेरी चूत ने ससुर जी के
लंड पर अपने पानी की बारिश कर दी और 2 मिनिट बाद ही ससुर जी ने भी अपना सारा पानी मेरी चूत में ही
निकाल दिया..। मुझे बहुत ज्यादा जोर से पेशाब आ रही थी पर मेरे से उठा भी नहीं जा
रहा था..। इसलिए ससुर जी ने मुझे अपनी गोदी में उठा के बाथकमरे में ले जा के
मुताया..। ससुर जी मेरी चूत में से निकलते हुए पेशाब को देख रहे थे..। मेरी चूत से
निकलते गरम गरम पीले पीले पेशाब को देख कर ससुर जी फिर से गरम हो गए और अपने लंड
को मेरे मुहं में डाल कर फिर से मेरे मुहं को चोदने लग गए..। फिर ससुर जी ने मुझे
टॉयलेट की सिट पर बिठाया और मेरी दोनों टांगो को ऊपर कर के मेरी चूत और गांड दोनों
मारी..। आज मेरी चूत और गांड दोनों अच्छी तरह से फट चुकी थी..। और मेरी बहुत
ज्यादा हालत ख़राब हो चुकी थी..।उस दिन से मैं रोज रात को अपने ससुर जी से चुदवाती
हूँ..। एक दिन मेरी ननद ने मुझे और अपने पिता से संभोग करते देख लिया..। फिर मैंने
अपने साथ उसे भी ले लिया..। अब हम तीनो इस संभोग लाइफ का पूरा मजा लेते हे!