Farmhouse par zabardasti balatkar ki kahani

Farmhouse par zabardasti balatkar ki kahani

फार्महाउस पर ज़बरदस्ती बलात्कार की कहानी

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम सारिका है ..मेरी उम्र ३४ साल और मेरे हस्बैंड अनिल ४० साल के हैं …मेरे दो बच्चे हैं ……....मैंने यहाँ बहुत सी कहानिया पड़ी तो सोचा की मैं अपने साथ बीती कहानी भी तुम को बताऊँ ……..

तीन साल पहले की बात है .अनिल के किसी रिश्तेदार के घर का महूरत था नाहन में पौंटा के पास ……...उसी दिन हमारी शादी की सालगिरह भी थी ….तो अनिल ने मंसूरी मैं होटल बुक करवाया …बच्चों को मैंने अपने माता पता के घर छोड़ दिया ! महूरत के बाद लगभग चार बजे हम मंसूरी के लिए निकले ……..अभी हम देहरादून से पंद्रह -बीस किलोमीटर पीछे थे कि हमारी कार बंद हो गई.,…..अनिल ने चेक किया तो पता चला कि किसी ने पट्रोल निकाल लिया था …..अक्तूबर का महिना था और शाम हो चुकी थी ……..आस पास जंगल था ….अनिल ने कहा कोई गाड़ी आएगी तो उससे मदद मांगते हैं ……..…बहुत देर बीत जाने के बाद देहरादून कि तरफ से एक बस आई ….बस रोकने पर ड्राईवर बोला ..”आज हड़ताल है इसलिए गाडिया नहीं आयेंगी ….और यह जंगल है और खतरनाक इलाका है आप बस में आ जाओ …सुबह गाड़ी ले के आगे चले जाना ” पर अनिल ने मन कर दिया !.


बस जाने के एक घंटे बाद पोंटा कि तरफ से एक सफारी जीप आई अनिल ने उन्हें रोका सफारी में दो लड़के थे पचीस -छबीस के …दोनों बहुत भले लग रहे थे और हमने अपनी प्रॉब्लम बताई ….. ….तो वो बोले कि हमारी गाड़ी तो डीज़ल वाली है ….यहाँ से एक किलोमीटर आगे हमारा फार्म हाउस है वहां पेट्रोल वाली गाड़ी है वहां से आप तेल डलवा के आगे चले जाना …

उन्होंने अपनी गाड़ी के पीछे हमारी कार बांधी और चल पड़े ….अँधेरा हो चुका था ……...एक किलोमीटर आगे जा के उन्होंने गाड़ी एक छोटी सड़क कि तरफ मोड़ दी ….काफी आगे जा के एक बहुत ही बड़ा फार्म हाउस आया ….वहां दो बड़ी कारें खड़ी थी …. उन लड़कों में से एक का नाम सोहेल दूसरे का वैभव था…..वैभव बोला ” सोहेल तुम गाड़ी में तेल डालो तब तक यह लोग कुछ फ्रेश हो ले और चाय पी लें ” अनिल ने मना किया पर दोनों ने जब बहुत कहा तो अनिल मान गया ……..फार्म हाउस अन्दर से भी बहुत बड़ा था…..मैं बाथरूम गई और अनिल वैभव के साथ बैठ कर बातें करने लगा ……....दस मिनट बाद जब मैं बाहर आई तो मेरे पैरो तले से जमीन ही निकाल गई ….अनिल कुर्सी पर बंधा था …..उसका मुहँ भी बंधा था ……....वहां दो और लड़के भी थे …..मैं जोर से चीखी ….और अनिल कि तरफ भागी …वैभव ने मुझे पकड़ लिया और सोहेल ने अनिल कि गर्दन पर चाकू रख दिया ….वैभव बोला ” अगर चीखना -चिल्लाना है जितनी मर्जी जोर से चीखो यहाँ कोई सुनने वाला नहीं है …बेहतर होगा कि आराम से बैठ कर बात सुनो” मैं अनिल के पास बैठ गई !

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अनिल बोला “यह मेरा फारम हाउस है….मेरे पिता बहुत बड़े आदमी है हमारा इस इलाके मैं बहुत दबदबा है……..यह मेरे दोस्त हैं अब्दुल और मृदुल …..सोहेल को तो तुम मिल ही चुके हो…..आज हमारा यहाँ रंडी चोदने का प्रोग्राम था पर बो हरामजादी ऐन मौके पर दगा दे गई …..पर हमारी किस्मत से तुम मिल गई……....अब ये तुम पर है कि आराम से चुदवाती हो या जबरदस्ती से” ….मैं रोने लग पड़ी और उनकी मिन्नते करने लगी पर उन पर कोई असर न हुआ ……....वैभव बोला “कपडे फाड़ कर नंगी करो साली को ” मैं हाथ जोड़ने लगी …..तभी अनिल सर हिलाने लगा और गूं-गूं करने लगा जैसे कुछ कहना चाहता हो…..अब्दुल ने अनिल का मुहँ खोल दिया ……....अनिल बोला ” मुझे खोल दो मैं इसे समझाता हूँ” अब्दुल बोला” कोई चालाकी कि तो मार कर यही गाढ़ देंगे ….और अनिल को खोल दिया ……...अनिल बोला ” आप लोग बाहर जाओ मैं इससे बात करता हूँ ……...बो लोग बाहर चले गए ..अनिल ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और कहा ” देखो सारिका हम यहाँ बुरी तरह फंस चुके है …..यह हमें ऐसे तो छोडेगे नहीं …..बेहतर हो तुम आराम से इन्हें करने दो नहीं तो यह जबरदस्ती करेंगे और तुम्हे तकलीफ भी देंगे ….में इनसे मिन्नत करूँगा कि तुमसे आराम से करें और तुम्हे किसी तरह का नुक्सान न पहुंचाए ”

मैं रोने लगी पर अनिल ने बहुत समझाया और कहा मैं हूँ न तुम्हारे साथ ……...और अनिल मुझे लेकर बाहर आ गया ॥बो चारो लोब्बी मैं बैठ कर व्हिस्की पी रहे थे ….अनिल बोले ” सारिका आप लोगो के साथ करने के लिए तैयार है पर हमारी बिनती है कि आप लोग गलियां वागेरह मत निकलना और जब सारिका बस बोले तो उसे आराम देना ….और व्हिस्की कम पियें ताकि कोई नुक्सान न हो प्लीज़ ” वैभव बोला ” हम भी आराम से चोदना और मज़ा लेना चाहते है …..हम आप लोगो का नुक्सान नहीं करेंगे ” अनिल बोला ” हमें भी पैग बना कर दो” ……....मैं कभी कभी अनिल के साथ आधा पैग शेयर कर लेती थी सोहेल पैग बनाने लगा तो अनिल बोला पैग मैं बनाऊंगा ……...अनिल साइड बार पर जा कर दो पैग बना लाया ….मेरे लिए कोक वाली……..…हम बैठ कर बातें करने लगे और पैग लगते रहे ……..मेरे को अभी भी कुछ डर लग रहा था …पैग ख़तम होने पर अनिल दो और पैग बना लाया …मैंने मना किया तो अनिल ने कहा पी लो ये तुम्हारे भले के लिए ही है ……..…मुझे नशा होने लगा था …..फिर अनिल ने सब से कहा अब व्हिस्की बस और सब अन्दर चलो …..हम सब बेडरूम में आ गए ……..अनिल मुझे बेड पर ले आया और सब से बोला आपने कपडे उतार दो ……..फिर अनिल मेरे को किस करने लगा और मेरे बूब्स मसलने लगा ……....अनिल ने मेरा टॉप उतार दिया …….... फिर मेरी जींस को आराम से उतार दिया मेर आँखे बंद थी …अनिल मुझ से बोला कि आँखे खोलूं ……..चारो बेड के पास नंगे खड़े थे ……..सब अपने अपने लंड को मसल रहे थे ……...सब के लंड एकदम खड़े थे ……..वैभव का लंड बड़ा था पर अब्दुल का……....बहुत बड़ा और मोटा था ….आगे से तीखा और मास कटा हुआ……....अनिल बोला अब पैंटी भी में ही निकलूं क्या …..तो सब लड़के बेड पर आ गए और मेरे को भी नंगी कर दिया……..……..


मैं बेड पर नंगी चारो लड़कों के बीच पड़ी थी ..अनिल बेड से उतर कर सोफे पे जा बेठा ……..मैंने आँखें बंद कर ली…..मुझे खूब नशा हो चूका था ……...मुझे बो सब फिल्में और फोटो याद आ रही थी जो मैंने अनिल के साथ कम्पूटर पर देखी थी…..जिनमे एक औरत कई मर्दों के साथ सेक्स करती है …..ऐसी बहुत सी फिल्म फोटो हमने देखी थी……..…..मैं बो सब सोच कर बहुत गरम हो गई थी …..मैंने आँखें खोल कर देखा ….वैभव मेरी टांगो के बीच बैठा था …उसने मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया …..मृदुल और सोहेल ने मेरी चुचिओं को अपने मुहँ में ले लिया ….अब्दुल ने अपना मोटा तगड़ा लैंड मेरे मुहँ में दे दिया ……..कुछ देर बाद वैभव ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया ……....उसने अपनी जीभ पूरी अन्दर कर दी ……....मैं सिसक उठी ……..…मैं बहुत गरम हो चुकी थी……...मैंने अपनी चूत ऊपर नीचे करनी शुरू कर दी….बहुत मज़ा आ रहा था……..मैंने सोहेल और मृदुल के लंड पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया ……..…..मेरे बदन पर सब हाथ फेर रहे थे……....कुछ देर बाद वैभव ने अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दिया……....उसके तीन चार धको मैं ही मैं खलास हो गई …पर बो अपनी स्पीड पर धक्के लगता रहा……..मैं पूरा मज़ा ले रही थी….


थोडी ही देर मैं मैं मस्त हो कर चूत उछालने लगी ……...वैभव ने भी अपनी स्पीड बढा दी……...दस मिनट बाद बो और मैं इकठे ही खलास हो गए……..वैभव सोफे पे जा बैठा ……...अब मृदुल उसकी जगह पर आ गया ……....उसके बाद सोहेल……..….जब तीनो का काम हो गया मैं भी थक गई थी ……..मेरी चूत और टांगे दुखने लगी थी……..…इतनी देर से ऊपर जो उठी थी……..…अब्दुल अब तक नहीं झडा था……..….मैंने अपनी टांगे फैला कर लेट गई…..अब्दुल ने अपना लंड निकल लिया और मेरी चुचिओं से खेलने लगा ….कुछ देर बाद अब्दुल ने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरी गांड पर लंड रगड़ने लगा……..मैंने मना किया और कहा मैंने कभी ऐसा नहीं किया है……..तो बो बोला कभी पहले एक साथ चार से चुदवाई थी……...नहीं न ……...तो इसका भी मज़ा ले लो आज ……..मैंने कहा तुम्हारा बहुत बड़ा है……..तो बो बोला ….मज़ा भी बड़ा ही आएगा ……....उसने वैभव और सोहेल को भी बेड पर बुला लिया……..वैभव मेरे सामने लेट गया और अपना लंड मेरे मुहँ में दे दिया….मैं उसका लंड चूसने लगी ……....सोहेल मेरे बुब्स चूसने लगा……....अब्दुल ने मुझे कुतियाकी तरह कर के मेरी गांड पर खूब थूक लगे …..फिर बो अपना लंड रगड़ने लगा ……...उसने एक जोर का धक्का मारा और उसका मोटा लंड मेरी गांड मैं थोडा सा घुस गया…..मैं चीखना चाहती थी पर वैभव ने मेरा सर पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया……..उसका लंड मेरे मुहँ मैं था और उसने जोर से मेरा सर पकड़ रखा था ……..अब्दुल ने फिर धक्का मारा और सारा लंड अन्दर……....मुझे लगा किसी ने मोटा पाइप गरम करके मेरी कुवारी गांड मैं दे दिया है……..…..मेरी आँखों मैं आंसू आ गए……..…अब्दुल धीरे धीरे आगे पीछे होने लगा……....कुछ ही देर मैं मेरा दर्द जाता रहा……...और मुझे मुझे मज़ा आने लगा ……..…वैभव नै तब अपने हाथ हटा लिए……..…मैंने वैभव का लंड हाथ मैं ले लिया और साथ ही उसका लंड चूसने लगी……..…मृदुल मुझे आ कर मेरी चूची से खेलने लगा……....बहुत देर यही पोजीशन रही……..…फिर वैभव झड़ गया ……...मैंने उसका सारा वीर्य पी लिया……...बहुत अछी तरह से उसका लंड साफ़ कर दिया ……....फिर मृदुल ने अपना लंड मेरे मुहँ मैं दे दिया ……..…..जब उसका छुटा तभी अब्दुल का काम मुझे हो गया……..….उसके बाद सोहेल ने अपना लंड मेरी गांड मैं दे दिया……....जब बो झडा ……..उसके बाद मैं एकदम निडाल हो कर बिस्तर पर पसर गई……...और अपनी आँखें बंद कर ली……..…..मेरा अंग अंग दुःख रहा था पर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत मैं हूँ……...व्हिस्की और चार लंड का नशा मुझ पर छाया हुआ था ……..…बहुत देर मैं ऐसे ही लेटी रही

कुछ देर ऐसे ही आराम करने के बाद वैभव बोला चल कुछ खा पी लेते हैं ……..सब लड़कों ने अपने अंडर विअर डाले मैंने भी पैंटी और अपना टॉप डाल लिया …..हम सब बाहर आ गए ……..लड़कों ने डिन्नर टेबल पर लगाया ……....चिक्केन …मट्टन…चहस्बैंडया…सलाद …सब कुछ था ……..अनिल ने पूछा के यह खाना कहाँ से आया तो वैभव बोला ….. हम सब का यहाँ रंडी लाने का प्रोग्राम था … मैं और सोहेल रंडी लेने गए थे ….मटन –चिक्कन ..अब्दुल ने बनाया था ….चाहस्बैंडया नोकर ने……..जब हम लोगो को कॉल गर्ल नहीं मिली और तुम जब मिल गए …..तो हमने अब्दुल को फोन करके नोकरो को उनके क्वाटरों में भेज दिया ….और अब्दुल ,मृदुल को छुप जाने को कहा था……..…फिर हमने खाना खाया …अब्दुल पैग लगाना चाहता था पर अनिल ने मना कर दिया……...खाने के बाद हम सोफे पे बैठ कर बातें करने लगे……...सब लड़कों के बड़ा कसरती बदन थे……....अब्दुल बोला …अनिल भाई ..पैग नहीं red शराब तो पी सकतें हैं …अनिल बोला ठीक है …..में अनिल के साथ बैठी थी….अब्दुल मेरे साथ आ के बैठ गया ….शराब पीते पीते अब्दुल मेरी लातों पर हाथ फिराने लगा ….और बोला ..हमने यहाँ बहुत काल गर्ल के साथ सेक्स किया ….हर लड़की एक बार में एक लड़के को ही चड़ने देती थी…….. और कोई भी इतने जोश के साथ नहीं करती थी ……..अनिल भाई भाभी बहुत गरम है……...वैभव बोला ……..सही बात है ….कोई भी इतने मज़े से लंड नहीं चूसती …..सारा माल पी लिया भाभी ने …..मेरा जिन्दगी में ऐसा किसी ने नहीं चूसा ……..अनिल बोला ….ये मेरी दी हुई ट्रेनिंग है……....वैसे भी आज हमारी शादी की सालगिरह है ……....सब लड़कों ने हमें मुबारक बाद दी……..मैं गर्म हो रही थी अपनी तारीफ़ सुन कर……...मैं उठ गई और बोली चलो सोने चलतें हैं …..अनिल हँस पड़ा और बोला …देखो कैसे मचल रही है चुदने को……...मुझे शर्म आ गई ….मैं बोली मैं तो ऐसे ही कह रही थी…..सब हसने लगे ……..….हम सब बेड रूम मैं आ गए ……..अनिल सोफे पे लेट गया ….मैं बेड पर बैठ गई……...अब्दुल बोला ……..भाभी अब तुम अपनी मर्ज़ी से करो हमारे साथ ….मैंने अनिल की तरफ देखा ..तो अनिल बोला मेरी तरफ क्या देख रही हो …मज़ा करो……....जैसा तुम्हे अछा लगे……....मैंने अपना टॉप पैंटी उतार दी …लड़के भी एकदम नंगे हो गए ……..सब के लंड तने हुए थे ……..…मैंने अब्दुल को बोला की बो लेट जाये……..मैंने जब से अब्दुल का लंड देखा था …मेरी चूत में कुछ कुछ हो रहा था …..में कब से उसे अन्दर लेना चाहती थी…..पर बो गांड मारने का शोकीन था……..अब्दुल को नीचे लिटा कर में उसके ऊपर बैठ गई ……..मैंने उसका लंड पकड़ कर चूत में डलवाना शुरू कर दिया……..धीरे धीरे सारा लंड अन्दर चला गया ……..….उसके बाद मैंने मृदुल को बोला की मेरी चुचिओं को मसलता रहे और चूसता रहे ……....सोहेल का लंड मैंने मुहँ में ले लिया ……....फिर मैंने वैभव को बोला की अपना लंड मेरी गांड में दे दे ……....वैभव ने वैसा ही किया…. मुझे अन्दर दोनों के लंड टक्कर लगाते लग रहे थे ….मेरी चूत और गांड बहुत चिकनी महसूस हो रही थी अन्दर से ……..……..मुझे बहुत मज़ा आ रहा था …मुझे लग रहा था की मैं किसी पोर्न फिल्म की हेरोइन हूँ ……...मैं जोर जोर से चूत रगड़ रही थी और धक्के लगा रही थी …..लंड चूस रही थी ……..बूब्स चुसवा रही थी……..……....वैभव और अब्दुल भी जोर से धक्के लगा रहे थे …….... मैं बहुत मस्ती में थी और सिस्किया ले रही थी ….दस मिनट बाद वैभव झड़ गया और अपना गर्म वीर्य मेरे अंदर उडेल दिया ……..वैभव दुसरे सोफे पे जा बैठा ….मैंने मृदुल को वैभव की जगह लेने को बोला ……...मृदुल जोर जोर से मेरी गांड मारने लग गया ……...मैं सोहेल का लंड चोकलेट कुल्फी की तरह चूस रही थी ……....पूरा का पूरा लंड ….गले तक जा रहा था ……....तभी सोहेल झड़ गया ….सारा का सारा माल मैं पी गई …..एक बूंद भी ख़राब नहीं होने दी……...पूरी तरह से साफ़ कर दिया ……..….बो भी निडाल हो के लेट गया ……..मृदुल और अब्दुल जोर जोर से धक्के मार रहे थे ……....कुछ देर बाद मृदुल भी झड़ गया ……..…अब्दुल अब भी भी मैदान में था…..मैं जोर जोर से चूत उछालने लगी ……..…जिंदगी मैं इतना बड़ा लंड पहली बार अंदर गया था ….मैं पुरे जोश में थी……...तभी अब्दुल ने जोर से मेरी बूब्स खीच ली …..बो भी झड़ गया …मैं तो कई बार झड़ चुकी थी……..…मैंने उठ कर अब्दुल का लंड मुहँ मैं ले लिया ,……..…उसके और मेरे माल का स्वाद बहुत अछा लग रहा था मुझे ……....पूरा लंड अछी तरह से साफ़ करने के बाद मैंने देखा ..अनिल मुस्करा रहा था …..मैं अनिल के पास गई और उसको नंगा करके उसके ऊपर बैठ कर लंड अन्दर ले कर अनिल की सवारी करने लगी ……..…कुछ ही देर मैं बो भी झड़ गया ……..कयोंकि बो लाइव मूवी देख कर काफी उतेजित था …..मैंने उसका लंड भी चाट चाट कर साफ़ कर दिया

मुझे नंगी देखकर चाचा का जानवर जग गया

बहुत थकावट हो रही थी इसलिए मैं बेड पर लेट गई ..कब मुझे नींद आ गई पता ही न चला ……...सुबह जब नींद टूटी……..तो देखा अब्दुल ,मृदुल, सोहेल मेरे साथ सो रहे थे नंगे ……....अनिल सोफे पर था ….वैभव दुसरे सोफे पर था……...मेरा सारा बदन दुःख रहा था ……...मैं बाथ रूम गई ….फ्रेश हुई……..बाहर आई तो सब उठ गए……..….मैंने अपनी टी शर्ट डाल ली ……..सब फ्रेश होने लगे बारी बारी ……..…..फ्रेश होने के बाद अब्दुल और सोहेल चाय और बिस्कुट ले आये ……....चाय पी कर हम बाहर आ गए ….वैभव ने हमें सारा फार्म हाउस दिखाया ….बहुत ही सुन्दर और बढिया फार्म हाउस था……..……..अनिल बोला चलो अब नहा कर नाश्ता कर ले और हम जब अब जाना चाहते है ……..….वैभव बोला ….अनिल यार आज रात और रुक जाओ ……..बहुत ही मज़ा आया ….आज कहीं चलते है आसपास घुमने ……..रात को फिर मज़ा करेंगे ……..……..…वैसे तुम भी तो मज़ा कर रहे हो न ……...अनिल बोले ….हाँ …बहुत सालों से मेरे मन में था की इस को कोई मेरे सामने चोदे ……...कंप्युटर पर जब लोग अपनी बीवी दिखाते ….उनकी फोटो दिखाते ….तब मेरे मन भी आता था ……..इसकी फोटो खींच कर कंप्युटर पर लगाऊ……..….पर ये नहीं मानती थी……..अब्दुल बोला …..वह भाई जान ….फिर तो रुक जाओ ….आज अपने स्टाइल से चुदवाना भाभी को……....अनिल बोला ……..नहीं …एक काम करो ……...अभी एक बार कर लेते हैं …..फिर हम लोग जायेंगे ……...आप अपना नंबर दे दो ……...अगर हमारा मूड बना तो हम कल यहाँ वापिस आ जायेंगे ……..…..अब्दुल वैभव सब अपने नंबर दे दिए……....मुझे मज़ा आ रहा था …..मैं जाना नहीं चाहती थी …रहना चाहती थी वहां पर……....पर ……..……....फिर अनिल मुझे बोला …कि नहा लो……....जब मैं जब नहा कर बाहर आई ….अनिल ने ओम्लेट बनवा कर रखे थे …. अनिल ने मुझे टेबल पर लिटा दिया …..अनिल ने मेरे बदन पर ओम्लेट रख कर …सोस लगा दी …..चुचियो पर ….लातो पर …मुहँ पर ……..चूत पर……...सब जगह……..फिर सब लोग मेरे बदन पर से चाट चाट कर सोस और ओम्लेट खाने लगे ……..……....पांचो नंगो के लंड खड़े थे ……..….मेरे बदन में आग लगी थी ……..……..वैभव ने अपना लंड सोस लगा कर मेरे मुहँ में दे दिया ……..सोहेल मृदुल चुचिओं को चूसने लगे ……..…अनिल चूत चाटने लगा ……....अब्दुल मेरी टांगो से सोस चाट रहा था ……..कि एकदम दरवाज़ा खुला और ……..……..…..

एकदम से दरवाज़ा खुला और एक पचास पचपन साल का आदमी अन्दर आ गया ……....उसे देखते ही सब लड़कों को सांप सूंघ गया ……...सभी भागे वहां से ……..मैं भी उठ कर अपने कपडे ढूडने लगी ……....अनिल भी अपनी पेंट पहन रहा था……...बो मुझे देखते हुए बाहर चले गए ……...वैभव अब्दुल सब कपडे डाल कर आये और हमें बताया की वो वैभव के पिता है ……..हम सब बाहर लॉबी में आ गए ……..राणा साहेब वहां बैठे थे……...लड़कों को देख कर राणा जी बोले ……..मुझे यह तो पता था की तुम लोग कभी कभी मस्ती के लिए यहाँ कॉल गर्ल लाते हो …..बो तो मैं बर्दाश्त कर लेता था …पर कल रात जब मुझे पता चला की तुम ने किसी को अगवा किया है तो मैं सीधा मुंबई से यहाँ चला आया……...कुछ शर्म करो वैभव ……..कुछ तो मेरी इज्ज़त का ख्याल करो ……....वैभव राणा जी से माफ़ी मांगने लगा ……....राणा जी बोले ….अब भाग जाओ यहाँ से……..…..सीधे फैक्ट्री जाओ …मैं तुम्हे वहीँ मिलूँगा……..……....सभी लड़के वहां से चले गए……....


राणा जी हम लोगो से बार बार वैभव की करतूत के लिए माफ़ी मांगने लगे …अनिल बोला कोई बात नहीं राणा जी ….उन्हों ने गलती की आप ने माफ़ी मांग ली अब हमें भी जाने की इजाज़त दीजिए …राणा जी बोले …तुम लोग मंसूरी जा रहे हो तो वहां मेरा एक बंगला है …..तुम लोग वहां जा के रहो …….. अनिल बोला नहीं हमारा होटल रूम बुक है तो राणा जी बोले …..मुझे अछा लगेगा अगर तुम वह जा के रहोगे तो……...राणा जी के बहुत जोर देने पर अनिल मान गया …..

राणा जी हमें बाहर छोड़ने आये …..हमें पता दिया अपने बंगले का…..


रस्ते में अनिल बोला ….राणा जी वैभव की करतूत के लिए माफ़ी मांग रहे थे उन्हें क्या पता की हम उनकी करतूतों का मज़ा ले रहे थे……..मैं बोली …..और क्या इतना मज़ा आ रहा था की बूढा बीच में ही आ गया …..एक आधा घंटा रुक कर आता तो क्या बिगड़ जाता उस का……...अनिल मेरी तरफ देखने लगा ……..और बोला …..जब मैं तुमसे पूछता था किसी और के साथ करने को तब क्यों मना करती थी ….अब क्या हो गया…..मैं बोली ……... जब तुम कहते थे यह सब करने को …..तो मैं हमेशा यही सोचती थी की कुछ भी हो जाये किसी दुसरे मर्द के साथ सेक्स नहीं करुँगी ……...पर जब लड़कों ने अगवा किया और जबरदस्ती करने को बोलने लगे तब भी मैंने यही सोचा था की मर जाउंगी पर किसी को हाथ नहीं लगाने दूँगी ……...फिर जब तुमने समझाया ….तो मैंने भी यही सोचा ……...की करना तो उन्होंने है ही …..बेहतर है की मज़ा ही ले लिया जाये ……...व्हिस्की पीने के बाद तो मैं खुद को पोर्न फिल्म की हेरोइन समज रही थी ……..और वैसे भी मैंने कभी सपने मैं भी नहीं सोचा था की इतना मज़ा आता है ऐसे करने में…..यह पता होता तो कब से शुरू कर देती यह ……..……..अनिल बोला …तो अब मेरे से वादा करो की अगर तुम्हारा मन किया किसी और से करने को तो शर्म नहीं करोगी मुझे बता दोगी……...मैं बोली ….शर्म करके अपना नुक्सान क्यों करवाउंगी मैं ……..अनिल हसने लगा……...हम लोग राणा जी के बंगले पहुँच गए ….बहुत बड़ा और आलिशान बंगला था ……..फार्म हाउस से भी आलिशान ……..वहां नोकरों ने बताया की राणा जी का फोन आया था ….हमारे बारे में……..…. नोकर ने हमें हमारा कमरा दिखाया ……..हम लोग नहा कर खाना खाने के लिए लॉबी में आ गए …..बहुत शानदार खाना तयार था …..खाना खा के हम लोग घुमने जाने लगे ……..


नोकर गाड़ी ले कर तयार खडा था …..हम काफी घूमे….बहुत सी जगह देखी……..रात को हम वापिस आ के कपडे बदल के बंगला देखने लगे ……..…बार में बहुत किस्म की विदेशी शराब की बोतलें पड़ी थी …..मैंने दो पैग बनाये और पैग पीते हुए टी वी देखने लगे ……..….दो दो पैग लगा हम ने खाना खाया और बाहर लॉन में घुमने लगे ……...बातों बातों में राणा साहेब का जिकर आया तो मुझे उनपर बहुत गुस्सा था सो मैं खूब बोली उन के खिलाफ ……..फिर हम ने अन्दर आ के दो गिलास भरे red शराब के और अपने रूम मैं आ गए ……..…हम लोग सोफे पे बैठ कर शराब पी रहे थे की अनिल ने मेरा टॉप उतार दिया और शराबमेरे स्तनों पर उडेल दी और चाटने लगा ……..….कुछ देर बाद मुझे नंगी कर बीच टेबल पर लिटा सारे बदन पर शराब डाल डाल कर चाटने लगा ……....मैं गर्म हो रही थी …..मुझे बो सीन याद आने लगा जब सब लड़के मुझे टेबल पर लिटा सोस चाट रहे थे …पांच पांच जीभे ….दस हाथ मेरे बदन पर फिर रहे थे ….यही सोचते सोचते मैं बहुत गर्म हो गई और मैंने उठ कर अनिल को नंगा कर बेड पर लिटा दिया और उसका लंड मुहँ मैं ले कर चूसने लगी ……...मैं बहुत ही उतेजित थी और बहुत जोर से उसका लंड चूस रही थी ……....एकदम से अनिल का वीर्य छूटा मैंने सारे का सारा चाट लिया ……...मेरा बदन जल रहा था ऐसा लग रहा था की चूत के अन्दर आग लगी है ……..…मैंने अपनी चूत अनिल के मुह पर टिका दी …..अनिल ने अपनी साड़ी जीभ मेरी चूत के अन्दर डाल दी…..मैं जोर जोर से चूत रगड़ने लगी ……..….अनिल खूब जोर लगा के चाट रहा था ……....मैं भी बहुत जयादा उतेजित और गर्म थी सो कुछ ही देर मेरा भी काम तमाम हो गया……..….मैं अनिल के ऊपर ही लेट गई ……..पर मेरी तसल्ली नहीं हुई थी अभी …सो मैं अनिल का लंड पकड़ कर सहलाने लगी …..जब बो कुछ उतेजित हुआ मैंने उसे मुह मैं ले कर चाटने लगी ……..जब पूरी तरह खडा हो गया मैंने अनिल के ऊपर बैठ कर अपनी चूत में डाल लिया और अनिल की सवारी करने लगी ……..में जोर जोर से चूत रगड़ रही थी ……...मैंने अनिल के दोनों हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख दिए …..और उसे बोला की जोर से मसलो और खींचो इनको……..….मैं जोर से ऊउह अआह की अव्वाज कर रही थी और जोर से धक्के लगा रही थी …..एकदम जंगली हो चुकी थी मैं ……..……..मेरा दिल कर रहा था की अनिल नोच ले मेरे बदन को……..तभी अनिल का छूट गया ….मेरा दो बार छूट चूका था ….पर मैं अभी भी अनिल की सवारी कर रही थी ……..कि अनिल का लंड ढीला हो कर बाहर आ गया ……..मैं बेड पे लेट गई ……...मैंने कभी भी ऐसे नहीं किया था अनिल के साथ …..कुछ देर बाद अनिल बोला ….जानेमन मज़ा तो बहुत आया आज …..पहली बार तुमने इतने जोश के साथ किया …..पर कृपया मेरा धयान रखना ….इतनी जोर से दबा दबा कर रगडोगी तो मेरा तो टूट कर अन्दर ही रह जाये गा किसी दिन ……..…मैं हंस कर बोली …अछा है हमेशा अन्दर ही रहेगा …..अनिल बोला बहुत चालू हो गई हो एक ही दिन में……...फिर हम दोनों सो गए……..……..….सुबह उठ कर तयार हो हम घुमने चले गए …शाम को हम घूम कर वापिस आये ….मैंने नहा कर सिर्फ टॉप डाला और बाहर आ गई …..अनिल भी नहा कर निक्कर डाल बैठ गया …..बाहर ठण्ड थी पर कमरा गर्म था ….ब्लोवर चल रहा था ……..अनिल व्हिस्की ले आया ……..हम दोनों पैग लगते हुए टी वी देखने लगे कि किसी ने दरवाज़ा खट ख़्टाय़ा ……..……..……..…..अनिल बोला ….कोई नोकर होगा खाने के बारे मैं पूछने के लिए ……..…मैंने सिर्फ टॉप डाला था सो मैं बेड पर बैठ गई और अपने को कम्बल से ढक लिया ……...अनिल ने दरवाजा खोला तो सामने राणा साहेब खड़े थे ….अनिल ने उन्हें हेल्लो कहा और राणा जी को अन्दर बुला लिया …राणा जी बोले ……....आज यहाँ एक मीटिंग थी सो यहाँ आया तो सोचा तुम लोगो से भी मिलता चलू……..….राणा जी अन्दर आ सोफे पे बैठ गए और मुझे नमस्ते कहा ….मैंने भी नमस्ते कहा …राणा जी बोले ….मैं वैभव और उसके दोस्तों के किए पे बहुत शर्मिंदा हूँ ….प्लीज़ उन्हें माफ़ कर देना …..अनिल बोला …..माफ़ तो आप के कहने पर कल ही कर दिया था ……...राणा जी हाथ जोड़ कर हम दोनों से शुक्रिया बोलने लगे …और मन में सोचा ….आज फिर बूढा मज़ा खराब करने आ गया ……..मेरा मूड खराब हो रहा था सो मैंने टी वी का रिमोट उठा कर चेंनल बदलने लगी ….राणा जी ने टेबल पर देखा और बोले …..अरे तुम लोग पैग लगा रहे थे ……..अनिल मेरे पास एक बहुत ही बढिया शराब है मैं अमरीका से लाया था ……..अभी मंगवाता हूँ वो पी के देखो ……..अनिल के मना करते करते राणा जी ने नोकर को आवाज़ दी और उसे सामान मंगवाने लगे ……....कुछ ही देर में नोकर बोतलें और बहुत सा खाने का सामान ले आया …..राणा जी ने अनिल का और खुद का पैग बनाया और एक दूसरी बोतल से एक पैग बना मुझे पकडाते हुए बोले ……..यह औरतों के लिए स्पेशल है ……..पी के देखो ……..मैंने गिलास ले लिया …मन ही मन राणा को गालिया देते मैंने गिलास मुहँ को लगाया ……...पर वाकई बहुत ही लाजवाब सवाद था शराब का …बिलकुल स्ट्रा बेरी जैसा ……..राणा जी अनिल से बातें करने लगे …उसके काम के बारे में बातें करने लगे ……...तभी नोकर चिक्कन टिक्का दे गया …..राणा जी ने उठ कर मुझे प्लेट दी ……..उसके बाद राणा जी अनिल का एक और पैग बना कर देने लगे तो मैंने अनिल से कहा ……..अनिल अब बस करो तुम पहले ही दो पैग लगा चुके हो ….अनिल बोला ….अरे फिर क्या हुआ ….मैं कोई बहका थोड़े ही हूँ …वैसे भी यह विदेशी शराबें जयादा तेज नहीं होती ……....राणा जी भी हाँ में हाँ मिलते हुए बोले ……..बिलकुल सारिका यह जयादा तेज नहीं है ……...तुम्हारी वाली तो शराब से भी कम तेज है……....उन्होंने यह कह कर मेरे वाली बोतल मेरे पास रख दी ……...अनिल अपने कारोबार वगेरह के बारे में बता रहा था ….राणा जी अपने कारोबार के बारे में ……...राणा जी ने बताया उनकी बहुत सी फक्ट्रिया थी बहुत से शहरों में……..बहुत फैला हुआ कारोबार था…राणा जी और अनिल का पैग ख़तम हुआ तो राणा जी ने और बना लिया …मेरा पैग ख़तम हुआ तो मैंने भी एक और बना लिया ……..क्योंकि राणा जी ने कहा था के यह ज्यादा तेज नहीं है ……...मुझे बहुत गर्मी महसूस हो रही थी ..पता नहीं शराब की गर्मी थी या कमरा गरम हो चुका था …मैंने अनिल से ब्लोवेर बंद करने को कहा तो राणा जी ने उठ कर बंद कर दिया ……..कुछ देर बाद मुझे अहसास हुआ की अनिल बहक गया है …..राणा जी ने उसके गिलास में और शराब डाल दी …..मैंने अनिल को मना किया पर बो नहीं माना …उठ कर गिलास में छीन नहीं सकती थी ……..क्योंकि मेरे तन पर सिर्फ टॉप था ……....राणा जी अनिल से बोले ……...अनिल मैं तुम से एक बात पूछना चाहता हूँ ……....अनिल बोला ……...पूउऊ …छोऊऊऊओ रा ना साहेब ……...राणा जी बोले ……....मैं मुंबई में था तो मेरे नोकर ने फोन पर बताया कि वैभव और उसके दोस्त किसी दम्पति को अगवा कर लाये है ….यह सुन मैं वहां से भागा आया …पर जब मैं फार्म हाउस पहुंचा तो मैंने यह देखा कि तुम भी वैभव और लड़कों के साथ लगे थे और सारिका भी विरोध नहीं कर रही थी …..यह चक्कर क्या है ….

छोटी भतीजी की छोटी चूचियां मसल मसल चोदा चाचा ने

अनिल बहकती आवाज़ में बोला …..”बो राणा जी बात यह है अगवा तो लड़कों ने किया था और जबरदस्ती भी करना चाही पर मैंने सोचा कि अगर लड़के सारिका से जबरदस्ती करेंगे तो इस के मना करने या शोर करने पर मार पीट भी करेंगे तो कोई चोट भी लग सकती है ….बेहतर है कि बो जो करना चाहतें है करने दिया जाए इस लिए मैंने सारिका को भी यही समझाया ”……..……...राणा जी बोले ””…चलो मान लेता हूँ तुम्हारी बात पर सुबह तुम भी नंगे हो साथ में क्या कर रहे थे ”’……..….अनिल बोला ””’इसको भी मज़ा आ रहा था और मुझे भी सो मैं भी लग गया लड़कों के साथ और पता है जब आप आये तो हमें बहुत बुरा लगा हमें आप कवाब में हड्डी लगे क्यों सारिका ”……..मुझे शर्म आ रही थी पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी मुझे भी सरुर हो रहा था ….सर भारी हो रहा था ……...मुझे अब समझ आया राणा जी अनिल को ज्यादा शराब पिला बहका क्यों रहे थे ……..….राणा जी ने अनिल को एक और मोटा सा पैग बना कर दिया ……..मैं मना कर रही थी पर बो सुन ही नहीं रहा था मेरी बात ……...तभी राणा जी बोले “”"दस साल पहले ॥दो साल बीमार रहने के बाद मेरी बीवी चल बसी ….मैंने उसके मरने के बाद अपना सारा धयान वैभव कि परवरिश पर और काम पर लगाया ……....मैंने दूसरी शादी भी नहीं कि कहीं सोतेली माँ वैभव कि परवरिश ठीक से ना कर पाए ”…..बात करते करते राणा जी कि आँखों में आंसू आ गए ……...अनिल पैग ख़तम कर चुका था …..अनिल ने सर सोफे पे टिका आँखें बंद कर ली …..राणा जी सोफे से उठ गए और धीरे धीरे बेड कि तरफ चलते हुए बोलने लगे ””’मैंने वैभव कि माँ के बीमार होने पर या उस के मर जाने के बाद किसी औरत के बारे में सोचा तक नहीं ….सेक्स तो दूर कि बात है …..मैंने अपनी जिन्दगी में अपनी बीवी का ही नंगा बदन देखा था …पर कल जब तुम्हे नंगे बदन देखा तो मेरा मन बैचैन हो गया …..मेरे दिमाग में कल से तुम्हारा बदन कोंध रहा है …..काम में भी दिल नहीं लगा तभी मैं यहाँ चला आया” ……..बोलते बोलते राणा जी बेड पर मेरे पैरों कि तरफ बैठ गए …..मैं घबरा गई थी मैंने अनिल कि तरफ देखा तो बो सोया पड़ा था …राणा जी बोले ””’सारिका तुम बहुत ही खुबसूरत हो बहुत ही कमसिन और कसा हुआ बदन है तुम्हारा …..तुम्हे और तुम्हारे बदन को देख कर नहीं लगता कि तुम दो बच्चों कि माँ हो ” बोलते बोलते राणा जी ने अपने हाथ मेरे घुटनों पर रख दिए…मैंने उनके हाथ हटा दिए और बोली ..”आप चले जाइये यहाँ से …..मुझ से ऐसी बातें मत करिए”"पर राणा जी नहीं टले ”’बोले तुम्हारा बहुत उपकार होगा मुझ पर अगर तुम मुझे सेक्स करने कि इजाज़त दे दो ….मैंने किसी से भी सेक्स नहीं किया है बारह सालों से ……..तुम्हारा गोरा गोरा बदन मेरे दिमाग में छाया हुआ है …में पागल हो रहा हूँ” ……..बोलते बोलते राणा जी ने कम्बल खींच लिया ……...मैंने कुछ पहना तो था नहीं नीचे ……...मेरी टाँगे नंगी थी और मेरी चूत भी दिख रही थी ……..राणा जी कि आँखें फटी रह गई यह देख कर …..मैं सकपका गई ……..मैं राणा जी को भगाना चाहती थी पर मेरा बस नहीं चल रहा था

मैं राणा जी को भगाना चाहती थी …..अनिल सोफे पे सोया पड़ा था एकदम बेखबर कि एक बूढा उसकी बीवी को चोदना चाहता है …..मुझे अनिल पर बहुत गुस्सा आ रहा था ……...राणा जी बोले ” मैंने जब तुम लोगों को फार्म हाउस में देखा …कि तुम अपनी मर्ज़ी से अपना नंगा बदन पांचो से चटवा रही थी …तो मेरे दिमाग में आया हो न हो तुम कोई कॉल गर्ल हो जिसे अनिल ले कर मज़ा करने जा रहा होगा …लड़कों ने तुम लोगों को अगवा कर लिया और तुम अपनी मर्ज़ी से इसी लिए करवा रही हो……..इसी लिए मैंने तुम लोगों को यहाँ रहने कि मिन्नत की….इसी लिए मैंने अनिल को ज्यादा शराब पिलाई ताकि बो टल्ली होकर सच बोले ……...पर जब उसने बताया कि तुम लोग मिया बीवी हो तो मैंने उसे और मोटा पैग पिला उसे बेहोश कर दिया ……....सारिका मैंने जब से तुम्हारा बदन देखा है मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ ……..मैंने सिर्फ अपनी बीवी को ही नंगा देखा है किसी और औरत को हाथ तक नहीं लगाया ……...मैं चाहता तो किसी भी टॉप मोडल या टॉप की कॉल गर्ल पर भी पैसा खर्च सकता था पर मैंने अपना मन मज़बूत किए रखा ……....जब मैंने तुम्हे देखा तो मैं बस पागल हो गया तुमने मेरी सालों कि तपस्या भंग कर दी ……...मुझे लगा कि अगर तुम कॉल गर्ल होगी तो अनिल को बेहोश कर तुमसे सोदा करूँगा तुम्हारी एक रात के लिए …..पर तुम अनिल कि बीवी हो ……...इसलिए तुम से सोदा तो नहीं पर बिनती कर रहा हूँ ….मुझे एक बार करने दो….प्लीज़ ”’


मैंने कहा ”’मैं कोई कॉल गर्ल तो नहीं हूँ …..परसों रात या कल जो हुआ बो मज़बूरी थी …..या यह कह लीजिए मज़बूरी थी ….या तो मार खा के करवाती या मज़ा ले कर……..मार खा के करवाने से मज़ा लेना बेहतर समझा इसी लिए चटवा रही थी ……..पर अब कोई मज़बूरी नहीं है ….आप यहाँ से चले जाये ….आप कोई कॉल गर्ल से कर लेना ……..प्लीज़”’


राणा जी बोले ”करूँगा तो तुम्हारे साथ ..नहीं तो किसी के साथ नहीं ……...जैसा की मैंने पहले भी कहा ….तुम दूसरी औरत हो जिसका नंगा बदन मैंने देखा है ……..अगर मैं बारह सालों तक अपने मन पर काबू कर सका तो आगे भी कर सकता हूँ ….पर मैं तुमसे बिनती करता हूँ मुझ पर उपकार करो मैं जीवन भर तुम्हारा आभारी रहूँगा …..सिर्फ एक बार प्लीज़”


मैंने सपने में भी नहीं सोचा था की कोई मर्द ऐसे भी चूत के लिए ऐसे मिनतें कर सकता है ……..मैं सोचने लगी राणा जी मुझे नंगी देख भी चुके हैं …अभी भी मेरी चूत इनके सामने नंगी है ……..अनिल बेहोश है …..एक बार करने देती हूँ …..और वैसे भी ये बूढे हैं …बारह सालों से किया भी नहीं है …दो मिनट में काम तमाम हो जायेगा इनका …यह सोच मैंने कहा ”ठीक है सिर्फ एक बार ….और आप बाहर चले जायेंगे ……..सुबह हम लोग वापिस चले जायेंगे ……..अनिल को कुछ पता नहीं चलना चाहिए ……..


राणा जी के चेहरे पर ऐसी रोनक आ गई जैसे कोई खजाना मिल गया हो ……...मैं बिस्तर पर पसर गई ……..राणा जी ने फटाफट अपनी कमीज़ पेंट खोली …..बनिआन उतारी और मुझ पर छागए ……..…दोनों हाथों से मेरे बुब्स दबाने लगे …..राणा जी के हाथ काफी बड़े थे और गर्म भी थे ……..मेरा सारा बदन झनझना गया ……..बो अपने हाथ मेरे बदन पर फिराने लगे ……...धीरे धीरे अपना हाथ मेरी चूत पर ले गए ……...और उसे सहलाने लगे ……....फिर बो मुझ पर लेट कर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे ……...मैंने अपना टॉप उतारा नहीं था ..सिर्फ ऊपर किया हुआ था ….राणा जी ने भी अंडरवियर नहीं उतारा था ……....उनका बड़ा बहुत गठीला था …..एकदम कसरती ….कसा हुआ ……..जब बो मुझ पर लेटे तो मुझे उनका बदन बहुत गर्म लगा …जैसे उन्हें बहुत बुखार हो …..बाहर ठण्ड थी …उनका गर्म शरीर मुझे बहुत अछा लग रहा था ……...बो अपना शरीर मुझ पर रगड़ रहे थे ….मुझे लगा अगर यूँ ही रगड़ते रहे तो ऐसे ही इनका छुट जायेगा ……...कुछ देर देर बाद राणा जी लाइट बंद करने लगे ….मैंने कहा लाइट जगने दो ऐसे ही कर लो …पर बो लाइट बंद करना चाहते थे …मुझे लगा कोई गड़बड़ है ….मैंने कहा ….ऐसे ही करलो वर्ना रहने दो……...राणा जी के पास कोई और आप्शन न थी ……..उन्होंने जब अपना अंडरवियर उतारा तो

राणा जी ने जब अपना अंडरवियर उतारा तो मैं उनका लंड देख कर हैरान रह गई ……...उनका लंड करीब करीब अब्दुल जितना लम्बा था पर मोटा बहुत ही ज्यादा था ……..मैं घबरा कर बोली……....मैं तो यह नहीं लूंगी……..….राणा जी मिन्नत करते हुए बोले ……..मैं बहुत आराम से करूँगा …तुम जितना बोलोगी उतना ही डालूँगा ……..….मैं कुछ सोच नहीं पा रही थी ….मेरा दिमाग सुन्न हो गया था ……....फिर मैंने एक तरकीब सोची ….मैंने कहा …..आप बेड पर लेट जायिए ….जो करना है मैं करुँगी ..आप कुछ नहीं करेंगे ……..….राणा जी फटाफट लेट गए ……...मैंने सोचा लंड को मुहँ में डाल के ही इनका छुड़वा दूंगी …..बस ……..…मैंने राणा जी का लंड हाथ में पकडा और ऊपर निचे करने लगी ……...बहुत गर्म था उनका लंड …..एकदम तराशा हुआ …..ऊपर से पतला पर जड़ तक जाते जाते मोटा …जैसे कोई मीनार हो …..एकदम गोरा ……..मैंने ऊपर नीचे करते देखा तो उनके लंड का मास निचे हुआ तो देखा ….लंड का सुपाडा एकदम लाल था ……..जैसे सारा खून सुपाडे में आ गया हो……..….मैंने उनका सुपाडा मुहँ में लिया और चूसने लगी …..साथ साथ में लंड को हाथ से ऊपर निचे कर रही थी ……...मेरी चूत से पानी रिसने लगा था …..राणा जी ने अपने हाथ बढा कर मेरी बूब्स पकड मसलने लगे ….मेरा बदन झनझना गया ……...मैं जोर से चूसने लगी और हाथ तेजी से ऊपर नीचे करने लगी ……....राणा जी के मुहँ से आवाजें निकल रही थी ….ऊऊऊऊऊऊऊउ आआआआआआआह ……..…म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म मैं पूरे जोश से चूस रही थी ….राणा जी ने अपने हाथ मेरे सर पर रख बालों में फिराने लगे ……..…..मैं बहुत देर चुस्ती रही पर राणा जी का नहीं छुटा……..….मैंने सोचा की इसे चूत में ले कर देखती हूँ ……...इसलिए मैं लंड को अपने थूक से अछी तरह गीला करने लगी ……... मैं सारे लंड को अपने थूक से गीला करने के बाद राणा जी के ऊपर सवार हो गई ……..…मैंने अपना एक हाथ राणा जी के कंधे पे रखा और दुसरे हाथ से लंड पकड़ लंड का सुपाडा चूत पर घिसने लगी……..फिर पॉइंट पर टिका थोडा सा लंड अंदर ले लिया ….और ऊपर नीचे चूत हिलाने लगी …..जब लंड कुछ एडजस्ट हुआ तो थोडा और अन्दर ले लिया ……..मेरी चूत से छमाँछम पानी छूट रहा था …..एकदम गीली महसूस हो रहा था अन्दर से ……...इसी तरह धीरे धीरे काफी समय लगा अपने हिसाब से मैंने पूरा लंड जड़ तक अंदर ले लिया …..मुझे महसूस हो रहा था की जैसे कोई गरम मोटी स्टील की पाइप मेरी चूत के अन्दर डली हो ……..अन्दर दीवारों पर और नाभि तक लंड महसूस हो रहा था ……....पूरा लंड लेने के बाद जैसे ही मैंने पहला घसा मारा ……..मेरा छूट गया ……....मैं राणा जी के ऊपर ढेह गई ……..राणा जी ने मुझे अपनी बाँहों में कास लिया …कुछ समय बाद मैं सीधी हो बैठ गई …लंड अंदर ही था …एकदम तना हुआ ……...मैं ऊपर नीचे होने लगी ……..…मैं फिर से उतेजित हो चुकी थी ……....मैंने राणा जी के हाथ पकड़ कर अपनी छातियो पर रखे और बोली ……....मसल दो इनको आज अछी तरह से ……...आआआआआअह ऊऊऊऊऊउह जोर से खींचो ……..……..….मैंने अपने हाथ राणा जी के कंधो पर टिका रखे थे ……...मैं जोर जोर से अपनी गांड उछाल रही थी राणा जी भी अपने चुतड उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रहे थे ……....छपाक छपाक की आवाजें आ रही थी ……..राणा जी होंठ भींच कर म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् म्म्म्म ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊह की आवाजें लगा रहे थे ……..…बहुत देर ऐसे ही करने के बाद मेरा एकदम से छूट गया ……...मैंने कुछ और धक्के लगाये और राणा जी की छाती से लग गई और जोर जोर से साँसे लेने लगी ….मेरा सारा बदन पसीने से भीग गया था ……..……..…राणा जी बोले ….क्या हुआ मेरी जान ……...मैंने कहा ”मेरा काम हो गया है……..राणा जी बोले ”पर मेरा नहीं छुटा अभी तक ……...मैंने कहा ” मेरी तो हिम्मत नहीं है आप ऊपर आ जाओ ””’ मैं राणा जी के ऊपर से जब उठी और उनका लंड बाहर निकाला तो देखा उनका लंड एकदम तरबतर था …..मैं नीचे लेट गई ……....राणा जी ने अपना लंड मेरी चूत पर टिका अन्दर ठेलने लगे ……...मैंने भी अपनी चूत ढीली कर दी ….लंड आराम से अंदर चला गया ……..….राणा जी ने मेरी टाँगे उठा अपने कन्धों पर टिका ली और धक्के मारने लगे ……....इस पोज़ में मुझे उनका लंड नाभि से भी ऊपर जाता लग रहा था ……..…राणा जी के धक्के मारने का ढंग भी सब से जुदा था ……...बो लगबग पूरे से कुछ कम लंड बाहर निकाल फिर उसी वेग से अन्दर घुसाते धक्के लगा रहे थे ……...हरेक धक्का मुझे अपने शरीर के हर जोड़ पर लगता लग रहा था ….. मेरा पूरा बदन हिल रहा था ……..….मुझे अपनी चूत की दीवारें छिलती महसूस हो रही थी ……....मैंने अपने होंठ भींचे हुए थे ……...मेरे मुहँ से म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् म्म

Dada Ji Ne BalatKar Kiya Mera

ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ की आवाज़ निकल रही थी ……..…..मुझे महसूस हुआ की कुछ ही पल में मेरा फिर से हो जायेगा मैंने राणा जी से पूछा ” कब छुटेगा आप का ……..राणा जी मसुमिअत से बोले …वही तो कोशिश कर रहा हूँ ……...तबी मेरे दिमाग में आया जब अनिल ज्यादा शराब पी लेता है और उसका नहीं छूटता है वही तरीका आजमाती हूँ ……..मैंने दोनों हाथों से राणा जी की बूब्स पकड़ कर मसलने लगी …..राणा जी फुल सपीड से धक्के लगा रहे थे ……...मैंने जब बूब्स मस्लनी शुरू की राणा जी के मुहँ से ईईईईईईईईईईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ऊऊऊऊऊऊऊऊम्म्म की आवाजे निकलने लगी …..मुझे पता चल गया मेरा फार्मूला काम कर गया ……..….तभी मेरा छूट गया …मेरा बदन ऐठने लगा की तभी राणा जी भी जोर से ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ करते मुझ पर आ गए ……...मैंने उन्हें अपनी बाँहों में ले लिया …..राणा जी अभी भी धक्का लगा रहे थे और हरेक धक्के में मुझे राणा जी के गर्म गर्म वीर्य का फोवारा अपनी चूत के अन्दर महसूस हो रहा था ……..…आठ दस जोर के धक्के लगाने के बाद राणा जी मुझ पर पस्त हो गए ….हम दोनों एक साथ ही छूटे थे ….हमने एकदूसरे को बाहों में ले रखा था ……....मैं राणा जी की धड़कने साफ़ महसूस कर रही थी ……..…मुझे बहुत अछा लग रहा था उनकी बाँहों में……..……..……..……..……..……..


कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे ……..मुझे अपना और राणा जी का वीर्य अपनी चूत से बहता महसूस हो रहा था ……...मुझे बिस्तर भी गीला गीला लग रहा था मैंने राणा जी को साइड में होने को कहा ….जैसे ही राणा जी ने लंड निकाला मुझे लगा की बहुत सा वीर्य बाहर निकला है ……..मैंने उठ कर देखा तो राणा जी का लंड एकदम वीर्य से लथपथ था …राणा जी अपनी बनिआन से उसे साफ़ करने लगे तो मैंने बनिआन उनके हाथ से ले ली और बोली में साफ़ करती हूँ ……...पहले मैंने अपनी चूत साफ़ की ……...बहुत माल निकला अन्दर से …बनिआन काफी गीली हो गई थी …फिर मैंने राणा जी का लंड मुहँ में ले कर साफ़ करने लगी ….अछी तरह से चाट चाट कर मैंने पूरा लंड एकदम साफ़ कर दिया …..लंड पहले से भी ज्यादा गोरा और लाल महसूस हो रहा था ……..जब मैंने पूरा साफ़ कर दिया तो मैं राणा जी के साथ लेट गई …राणा जी ने मुझे खींच कर अपनी छाती पे लिटा लिया …..और अपनी बाहों में भर लिया ……....मुझे बहुत अछा लग रहा था क्योंकि जब मैं और अनिल करते थे तो करने के बाद हम अलग अलग लेट जाते थे …..मुझे राणा जी की छाती पे लगे ऐसा मेसूस हो रहा था जैसे इनका और मेरा कोई पुराना सम्बन्ध हो …..मैं ऐसे ही लेटे लेटे सो गई ……..….कुछ देर बाद मुझे पेशाब करने की इच्छा हुई …मैं उठ कर पेशाब करने चली गई ,……..…पेशाब करते हुए मुझे कुछ जलन सी हुई ….जब मैं बाहर आई राणा जी उठ कर जाने लगे …..मैंने पूछा क्या हुआ तो बो बोले ”तुमने एक बार करने की इजाज़त दी थी अब तुम आराम करो ……...मैंने राणा जी का हाथ पकडा और उन्हें बेड की दूसरी तरफ बिठा दिया क्योंकि जहा हमने किया था वहां चद्दर एकदम गीली थी ……..….राणा जी पुश्त पर पीठ टिका बैठ गए ……...मैंने शराब का एक पैग बना राणा जी के साथ बैठ गई ……....मैंने पैग राणा जी को दिया और कम्बल से अपने दोनों के शरीर ढक सर राणा जी के कंधे पे टिका राणा जी की छाती के बालों पे हाथ फिराने लगी ……..……..….

राणा जी मेरे बालों में अपनी उंगलिया फिरते हुए बोले ” सारिका मैंने अपनी जिन्दगी में कभी ऐसे सेक्स नहीं किया …..मेरी बीवी सीधी लेट जाती थी और बस ….जो करना है आप करो……...ज्यादा खुश हुई तो घोडी बन कर करवा लेती थी ……..…..पहली बार मैंने जिन्दगी में चुस्वाया है ……...और इतना मज़ा ……...में कभी सोच भी नहीं सकता था……..…मेरा दिल कर रहा है की तुम्हे अपने पास रख लू हमेशा के लिए”’ ……..….मैं कुछ न बोली……..…राणा जी बोले ””’जानती हो जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था तो मुझे लगा की तुम से मेरा कोई पुराना सम्बन्ध है ……..कि मैं तुम्हे बहुत पुराना जानता हूँ……..कि तुम कोई अपनी ही हो……...तुम्हे ऐसा महसूस नहीं हुआ क्या ??????……..……..……..मैं बोली ……... नहीं …पहले तो ऐसा नहीं लगा था …पर जब आप ने मुझे छाती से लगाया तो मुझे भी यही लगा था ”” राणा जी बोले ”’सच ……...मैं तो तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ ””……....और उन्होंने ने मुझे बाँहों में ले मेरे माथे पे किस करने लगे ……..….

फिर मैंने पूछा ….”आप ने लगबग अनिल के बराबर ही शराब पी थी फिर आप को क्यों नहीं चडी ….अनिल ही टल्ली क्यों हुआ”

राणा जी बोले””’मैं कभी भी दो से ज्यादा पैग नहीं पीता …..आज तो लगबग आधा ही पैग पिया था मैंने ……...अब तुमसे क्या छुपाना ……....मैं अपना पैग तुम लोगो कि नज़र से छुपा कर सोफे पे उडेल देता था …..अगर मैं भी टल्ली हो जाता तो मुझे तुम्हारा साथ कैसे मिलता”’

मैंने कहा ”शक्ल से तो आप बहुत भोले और मासूम दिखते हो पर हो बहुत चालाक”’राणा जी बोले ”’तुम्हे पाने कि चाहत ने सब सिखा दिया ”’मैं बोली ”अगर मैं ना करने देती तो ??????

राणा जी बोले ”’न करने देती तो तुम्हारी और मिन्नतें करता …फिर भी न मानती तो चल जाता यहाँ से …पर जबरदस्ती न करता”

मुझे बहुत प्यार आया राणा जी पर और मैंने ऊपर उठ अपने होंठ राणा जी के होंठो पर रख राणा जी के होठों को चूसने लगी ….फिर धीरे से राणा जी नीचे सरक कर लेट गये ……...मैं उनके होंठ चूस रही थी …..फिर मैंने उनके चेहरे को किस करती हुई उनका कान मुहँ में ले चूसने लगी ……..मैंने कम्बल साइड में किया और राणा जी के ऊपर सवार हो गई ….फिर मैं धीरे धीरे उनकी गर्दन पर किस करते हुए अपनी जीभ से उनकी छाती चाटते हुए नीचे सरक गई ……...उनकी चूची पर अपनी जीभ फिराने लगी ……...राणा जी के मुह से सिसकारी निकल रही थी ……..ईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स

फिर मैं दूसरी चूची को अपने अंगूठे और ऊँगली से धीरे धीरे मसलने लगी ……..……....राणा जी मस्त हो रहे थे ……..उनका लंड सांप कि तरह फुफकारने लगा था ……..…फिर मैंने दूसरी चूची भी दुसरे हाथ से मसलते हुए उनकी छाती फिर पेट पर किस करते नीचे कि तरफ मुहँ ले जाने लगी ……...मैं उनके लंड के आस पास किस कर और चाट रही थी पर लंड को नहीं ……...उनका लंड तन कर पेट से चिपका हुआ था ……...मैंने जानबूझ कर लंड को हाथ भी न लगाया न ही किस किया ……..ऐसे ही धीरे धीरे मैं ऊपर हो फिर से उनके होंठ चूसने लगी ……..…..राणा जी पूरी तरह से उतेजित हो चुके थे ……...मैं उनके ऊपर से उठ कर उनकी साइड पे लेट गई ….राणा जी बोले क्या हुआ ……....मैंने कहा ”’आप ने ही पहले कहा था एक बार करने दो …..एक बार हो चुका है अब बस ……..……..….राणा जी बोले …क्यों तडफा रही हो करो न ……....मैं हसने लगी और बोली …ठीक है पर आप अब कि बार मेरे अन्दर मत छुटना ……..मुझे पहले ही बता देना ……..…और आप इतनी देर तक रोके क्यों रखते हो ……...मेरा कई बार हो गया और आप ने जान बूझ कर रोके रखा ……..……...राणा जी बोले ”जानबूझ कर नहीं मेरी जान ….मेरा जल्दी छूटता नहीं है और वैसे भी मैं इन नौजवानों कि तरह पिज्जा बर्गर नहीं खाता ……..रोज़ वर्जिश करता हूँ ……..मालिश करवाता हूँ …..दंड पेलता हूँ ……...बादाम पिस्ते पीस घी का तड़का लगा दूध पीता हूँ ……..ये बदन ऐसे ही नहीं बना है ……..…मैंने मन में सोचा तभी तो इन सबसे दमदार भी हो ……..….

मैंने कहा ”’ठीक है पहलवान जी …..कृपया पहले बता देना मैंने अनिल का इंतजाम भी करना है ”’राणा जी बोले ”’क्या मतलब ”……..……..…मैंने कहा ”आप मतलब वतलब मुझ पर छोड़ दीजिए ……...और मैं राणा जी का लंड हाथ में ले ऊपर नीचे करने लगी ……...फिर मैंने लंड का सुपाडा मुहँ में लिया और लालीपॉप कि तरह चूसने लगी ……....राणा जी अपने दोनों हाथ मेरे सर पे फिराने लगे ……..……..मैं पूरे मज़े और स्वाद से सुपाडा चूस रही थी ……...बीच बीच में मैं अपनी जीभ सुपाड़े के छेद पर घुमा देती थी …..तब राणा जी का लंड और सख्त हो जाता था ……..….मैंने चुसना छोड़ ऊपर उठी तो देखा राणा जी का चेहरा एकदम लाल था ……...मैंने उनके होंठों पर किस किया और उनपर सवार हो लंड चूत में लेने लगी ……..…पूरा लंड अन्दर करने के बाद मैं चूत उछालने लगी ……...राणा जी मेरी छतिया मसलने और दबाने लगे ……..…..बहुत देर ऐसे ही करने के बाद मेरा छूट गया ……...मैं ऊपर से उतर घोडी बन गई ……..राणा जी ने पीछे से लंड मेरी चूत में घुसा दिया


और दोनों हाथों से मेरी छातिया पकड़ ली ……..……..……..……..… राणा लगबग सुपाड़े तक लंड बाहर निकलते फिर पूरे जोर से धक्का लगते हुए अंदर घुसाते ……..…मैंने मन मैं सोचा अभी पहलवानी निकलती हूँ इनकी ……..और जैसे ही राणा जी आगे की तरफ धक्का लगते मैं उतने ही जोर से पीछे धक्का लगाती ……..लंड अन्दर कहाँ कहाँ टक्करें मार रहा था मैं बता नहीं सकती ……....मेरा जोड़ जोड़ हिल रहा था पर न मैं हार मान रही थी न ही राणा जी ……..……..……..…पर कहाँ मैं कहाँ बो पहलवान ……....मेरा फिर से छूट गया ……..…..मैं एकदम से आगे हो लेट गई ……..लंड एकदम से बाहर आ गया ……..…मेरी चूत पूरी गीली थी …..मैं बुरी तरह थक गई थी ……..मैंने राणा जी को लिटाया और उनका लंड चूसने लगी ताकि मुझ में कुछ दम आ सके ……...कुछ ही पल बाद मैंने राणा जी को बैठाया और उनकी टांगों से ऊपर टाँगे उनकी कमर के गिर्द डाल लंड अन्दर डलवा लिया ……..…मेरी छातिया उनके चेहरे के सामने थी …..मैंने उनका सर पकड़ चूची उनके मुहँ में दे दी …..राणा जी ने अपने दोनों हाथ से मेरे चूतडो को पकड़ ऊपर उछालने लगे …मैं भी चूत ऊपर नीचे आगे पीछे हिला रही थी ……..……..……..मैं जोर से .म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म आआआआआआआआ की आवाजे निकाल रही थी ……..…..मुझे लग रहा था की मैं अभी छूट जाउंगी ……..और वही हुआ ……..जब मेरा छुटा तो राणा जी बोले जान मेरा भी होने को है ……..मैं उनसे उठ गई ….मैंने राणा जी को पलंग के साइड पर बैठाया…..और खुद जमीन पर घुटनों के बल बैठ उनका लंड चूसने लगी ……..उससे पहले मैंने पैग वाला खाली गिलास साथ रख लिया था ……..चूसते चूसते जब मुझे जब लगा की अब छुटने वाला है तो मैंने लंड को गिलास के अन्दर कर दिया और लंड हिलाने लगी …तभी एक पिचकारी के साथ राणा जी का वीर्य छुटा …..फिर पांच सात झटकों में लंड खाली हो गया ……...गिलास में काफी वीर्य था ……..मैं जब अनिल के साथ कंडोम लगा करवाती थी ….इस से चोथा हिस्सा भी वीर्य नहीं होता था ……..लड़कों का भी इतना नहीं निकला था ……..मैं गिलास को साइड मैं रख लंड को जीभ से साफ़ करने लगी ….पूरा लंड साफ़ करके मैं पलंग पर लेट गई ……..……..राणा जी मेरे साथ लेट गए और मैंने अपना सर उनकी छाती पर रखा ….उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया ……...मैं अपनी टांग उनकी टांग पर रख उनसे पूरी तरह लिपट गई …और ऐसे ही हम सो गए ……..……..……..……....


करीब चार बजे मेरी नींद खुली ……..राणा जी भी उठ गए ……..मैंने राणा जी से कहा की आप अब चले जाये राणा जी ने कपडे पहन लिए ……..मैंने राणा जी को बोला की अनिल को बेड पर डलवा दीजिए ……..राणा जी ने अकेले ही अनिल को गोद में उठा पलंग पर लिटा दिया ……..राणा जी बोले अनिल से क्या कहोगी ……....मैंने कहा ….वही कहूँगी जो आप ने किया है ……..…राणा जी बोले मजाक मत करो ….मैंने कहा मैं सब संभाल लूँगी……...राणा जी ने मुझे अपनी बाँहों में लिया मेरे माथे पर किस किया ….मैंने उनके होंठों पर किस करके उन्हें बाय कहा ……...राणा जी को भेज कर दरवाज़ा बंद करके मैंने अनिल के सारे कपडे उतार नंगा कर दिया ……...उसका सर गीली चद्दर के पास कर दिया …..फिर गिलास उठा थोडा वीर्य उसके लंड और आसपास मल दिया ……...कुछ छाती पर और बाकी अनिल के मुहँ के आस पास होंठों पर लगा दिया ……...फिर मैं उसके साथ लेट गई और सो गई


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