नौकर के गंदे लंड से बीवी चुदवाई
अपने ही घर के अन्दर मैं एकदम चोर के जैसे घुसा। मेरे दोस्त वैभव ने मुझे बताया था की हमारा नोकर दीपक मेरी बीवी के साथ सबंध बनाता हैं। और यही बात की पुख्ता जांच करने के लिए मैंने ये सब ड्रामा कर रखा था। दोस्तों मेरा नाम अमर सिंह हैं और मैं हरयाना के रोहतक से हूँ। मेरी बीवी हिमान्शी एक गुजरातन हैं जिसके साथ मेरी लव मेरेज हुई हैं। वो लोग यहाँ काफी सालों से बसे हुए हैं। और एक दिन सिनेमा हॉल के बहार मैंने हिमान्शी को पटाया था।
फिर घर वालो की मर्जी से ही हमने शादी की। और 3 साल के वैवाहिक जीवन में मुझे कभी नहीं लगा की हिमान्शी मेरे से खुश नहीं हैं। मेरा लंड ठीक ठीक ही हैं, उसकी लम्बाई 5 इंच की हे और चौड़ाई 2 इंच की। हिमान्शी को मैं जब भी रोहतक में होता हूँ तो सिर्फ मासिक के दिनों में नहीं चोदता हूँ वरना ऑलमोस्ट हर रात रंगीन ही होती हैं। कम से कम सकिंग तो होता हैं अगर रियल चुदाई ना भी हो तो। तभी वैभव की बात मेरे कान में पिगले हुए लोहे के जैसे उतर गई थी। हिमान्शी की ख़ुशी के लिए मैंने कभी भी सेक्स से महरूम नहीं रखा था उसे। एक तरह से मैं ये सोच रहा था की शायद वैभव को किसी ने एकदम गलत जानकारी दी थी। लेकिन बात की जड तक जाना भी जरुरी तो था ही था।
हिमान्शी को मैंने बोला था की मैं कल मोर्निंग में आऊंगा। और रात के 9 बजे ही मैं अपने घर में घुस के छिपा हुआ था। जहां मैं छिपा था वो हमारा बेडरूम था। सामने बिस्तर के ऊपर नयी चद्दर डाली हुई थी। अभी तक कमरे के अंदर मैं अकेला ही था और मेरी दो आँखे किसी चीज की वेट में थी। और मैं चाहता था की मेरी आँखे बस इन्तजार में ही रहे। 10-15 मिनीट तक कुछ नहीं हुआ तो मैंने सोचा की शायद वैभव की बात जूठी हैं। लेकिन फिर मेरे दिमाग में सन्नाटा छ गया जब मैंने देखा की घर का नौकर दीपक मेरी वाइफ को अपने कंधे के उपर ले के कमरे मेंदाखिल हुआ। उसका लंड ऐसे लटक रहा था जैसे की काला नाग बाँध के रखा हुआ हो। और मेरी बीवी भी पूरी न्यूड ही थी उसके साथ में।वैभव की बात 100% सच्ची थी, लेकिन पता नहीं की कैसे उसको मेरी बीवी के इस अफेयर के बारे में पता चला!
दीपक का लंड अभी आधा खड़ा हुआ था। लेकिन वो आधा भी मेरे पुरे कडक लंड से बड़ा दिख रहा था। मैं एक ही पल में समझ गया की क्यूँ हिमान्शी ने नौकर के साथ सबंध बनाया था। अब मेरी हिम्मत ही नही हुई की मैं उन दोनों को नंगे पकड लूँ। अगर मेरी बीवी कह देती की मैं उसे खुश नहीं कर सकता हूँ तो!!!
मैंने सोचा की अब इतना देखा तो दोनों का सेक्स भी देख लूँ, ताकि मुझे कुछ टिप्स मिले!
दीपक ने हिमान्शी को बिस्तर में पटक सा दिया। और वो बोला: साहब के जाते ही तुम रंडी बन जाती हो, साली इतनी बड़ी रंडी मैंने अपनी लाइफ में नहीं देखी हैं। साहब रोज तेरी चूत मारते हैं लेकिन फिर भी उनके घर ना होने पर तू मेरा लंड खड़ा करती हैं।
हिमान्शी: अरे तेरा लोडा जितना बड़ा और चौड़ा हैं उतना तेरे साब का नहीं हैं। वो 10 बार चोदे और तू एक बार मेरे लिए बराबर है। चल जल्दी से मेरे मुहं में दे दे इस सेक्सी कुल्फी को।
दीपक ने लंड को हाथ में पकड़ के उसे हिलाया। जैसे किसी काले कोब्रा नाग ने अपने फन को हिलाया हो ऐसा लगा मुझे। दीपक के लंड कस सुपाड़ा इतना मोटा था की मैं सोच रहा था इ हिमान्शी कैसे उसे अपनी चूत में ले पाती होगी। लेकिन अवसर मिला था मुझे वो सब कुछ लाइव देखने का।
दीपक के लंड को हिमान्शी ने फटाक से मुहं में घुसा लिया। वो बॉल्स को लिक करते हुए लंड की कैंडी को सक करने लगी थी। देखते ही देखते दीपक के लंड में अलग सी ताजगी आ गई। कुछ देर पहले जो आधा खड़ा था वो अब पूरा तन के मेरी मिसिस के मुहं में अन्दर बहार हो रहा था।
दीपक ने हिमान्शी के बाल पकड लिया और बोला: चूस इसे और जोर जोर से मेरी रांड, साहब के लंड को रोज लेती हैनं फिर भी तेरी भोसड़ी की आग कम नहीं होती हैं मादरचोद!
हिमान्शी ने मुहं को खोला और दीपक ने फटाक से अपने लंड को पूरा उसके मुहं में पेल दिया। टट्टे भी आ के जैसे हिमान्शी की दाढ़ी को लग रहे थे। पहले ही बोल पर सिक्स लगाईं थी दीपक ने लंड को सत प्रतिशत मुहं में दे के। और हिमान्शी को देखा तो वो किसी पोर्नस्टार के जैसे एकदम मजे से लंड को सक कर रही थी। उसने अपने मुहं को पता नहीं किस अंदाज में खोला था की पूरा के पूरा लंड अन्दर जा घुसा फिर भी वो आराम से उसका लिकिंग और सकिंग कर रही थी। दीपक ने हिमान्शी के बाल पकडे और वो उसके मुहं को किसी वहसी जानवर के जैसे चोदने लगा। हिमान्शी भी ये एन्जॉय करती लग रही थी। क्यूंकि वो भी अपने मुहं को खोल के आराम से इस हार्ड फकिंग का मजा लुट जो रही थी।
दीपक ने और पांच मिनिट हिमान्शी का फेस फक किया। और फिर वो बोला, चल अब जल्दी से घोड़ी बन जा बहन की लोडी।
हिमान्शी अपने फैले हुए चूतड़ को दीपक की तरफ कर के घोड़ी बन गई। दीपक ने पहले तो अपने लोडे को हिमान्शी की गांड पर फडफडा दिया। और फिर उसने हिमान्शी की चूत के अन्दर एक ऊँगली डाली। उसकी चूत पहले से एकदम गीली थी। अब दीपक ने लौड़े को चूत की छेद पर रखा और एक धक्का दे दिया। एक ही झटके के अन्दर उसका पूरा लंड हिमान्शी की बुर में जा घुसा।
हिमान्शी ने बड़े ही प्यार से ऐसी सिसकी निकाली जैसी उसने मेरे साथ किये हुए किसी भी सेक्स में नहीं निकाली थी। दीपक ने उसे अपनी बाहों में भर लिया, पीछे से ही। उसकी छाती हिमान्शी की कमर के ऊपर थी। उसने हाथ को आगे कर के मेरी सेक्सी वाइफ के बूब्स मसले और पूछा, कैसा लगा मेरी जान?
हिमान्शी हंस के बोली: तुम तो हमेशा ही मजे से पहला धक्का देते हो मेरी जान। अब जल्दी से जोर जोर के धक्के लगाओ और मेरी चूत में ही अपने लोडे की पिचकारी छोड़ना!
दोस्तों मैंने अपनी वाइफ की पूरी चुदाई वही पर खड़े हुए देखी। सच में मेरी 10 चुदाई दीपक की एक चुदाई जितनी थी। वो हिमान्शी को हर तरह से खुश कर रहा था। उसका लोडा लम्बा और चौड़ा था, वो मेरे से ज्यादा रोमांटिक था, वो लम्बा चोद सकता था और मैं अब जान गया था की मेरी वाइफ उस से क्यूँ खुश रहती थी!
चुदाई के बाद दीपक ने हिमान्शी को कहा, मुझे 5000 रूपये चाहिए, अपनी बीवी को गाँव में मनी ऑर्डर करना हैं।
हिमान्शी ने एक मिनिट के लिए भी मना नहीं किया और 2 हजार की दो और पांच सौ की दो नोट निकाल के दीपक को दे दी।