सौतेली बहन को चोदकर अपने लौड़े की गर्मी शांत की
मैं गौरव आप सभी का Adultstories|co|in में बहुत स्वागत करता हूँ| मैं कन्नौज का रहने वाला हूँ| आज आपको अपनी कहानी सुना रहा हूँ| मेरा बाप सुरु से ही चूत का भूखा आदमी थी| मेरे पैदा होने से पहले उसने कई लड़कियों की इज्जत लूटी थी| सबसे पहला शिकार उसकी बहन हुई थी| हाँ ये बिलकुल सच्ची खबर है की मेरे बाप से अपनी जवान बहन को दोपहर में मुँह पर रुमाल रखकर चोद लिया था| इस बात को लेकर बहुत बवाल मचा था| मेरे ठरकी बाप का चाल चलन देख कर उसकी शादी तुरंत कर दी गयी| अब नयी बीबी को मेरा बाप दिन-रात पेलता खाता रहता|
पर इससे पहले वो जादा मजा ले पाता तो पहली औरत जिसकी मैं औलाद हूँ, मर गयी| कोई बिमारी हो गयी थी मेरी माँ को| मैं उस समय २ साल का था| मेरी माँ की चिता ठंडी भी न हो पायी थी की मेरे बाप को चूत की तलब होने लगी| उसने दूसरी शादी कर ली| नई बीबी और उसके साथ ही नयी चूत मेरे बाप को फिर से मिल गयी| इससे पहले मेरा बाप मेरी नई माँ को खूब चोद खा पता उसकी भी मौत हो गयी| दोस्तों, मैं जानता हूँ की आपको ये सुनकर अजीब लगेगा की कैसे किसी आदमी की २ २ बीबियाँ ख़त्म हो सकती है| पर ये बात १६ आने सच है| अब मेरी दूसरी सौतेली माँ के टपकने के बाद मेरा बाप बहुत ही डर गया| उसने पंडित को अपनी कुंडली दिखाई तो पता चला की बहुत सी गड़बड़ी है| मेरे बाप के गृह गड़बड़ चल रहे है|
ये बात भी पता चली की तीसरी शादी करने पर उसकी नयी बीबी उसका साथ निभायेगी और न मारेगी और ना छोड़ कर जाएगी| मेरा घर और मेरा बाप पुरे मोहल्ले में मजाक का कारण बन गया था| सब लोग हमेशा मेरे बाप की बात ही करते रहते थे| ‘ देख !! ये गौरव का घर है| उसका बाप तो हर साल एक जवान लौडिया ले आता है और खूब पेलता है| पर कोई भी चूत साल दो साल से ज्यादा नहीं चलती| गौरव का बाप तो शेन वार्न है| २ २ औरतों को आउट कर चूका है| अब तीसरी औरत को लाने वाला है’ इस तरह की सब लोग बात करते थे| धीरे धीरे मैं भी जवान हो गया| मेरा बाप पता नही किस घडी में पैदा हुआ था उसको चूत की तलब बहुत लगती थी| मेरे बाप ने तीसरी बार शादी करने का मन बना लिया| वो पुरे यू पी में कानपुर, लखनऊ , कन्नौज, इटावा, मैनपुरी आदि जगहों पर घुमने लगा| पर सब मेरे बाप को कोई भी आदमी अपनी लडकी देने को तैयार नहीं था| सब कहते थे की इसके पूर्व जन्मों के पाप ही है की जो औरत ये लाता है उसे खा जाता है|
जैसे-जैसे हफ्ते महीने बीतने लगे, मेरे बाप को चूत की बड़ी जोरों की तलब लगने लगी| मेरा बाप एक छोटा मेडिकल स्टोर चलाता है| उसने अब मुझे दुकान पर बिठाना शुरू कर लिया| मोटर साइकिल वो बस रिश्तेदारी में ही टहलता रहता और अपने लिए लडकी ढूंढ़ता रहता| पर अब हालत बदल गये थे| कोई भी बाप अपनी लडकी को मेरे मनहूस बाप को देने को तयार नही था| जब काम न बना तो मेरे बाप ने रिश्तेदारी, पट्टीदारी में कह दिया की जो कोई उसकी शादी करवाएगा उसे वो १ लाख का इनाम देगा| मेरे रिश्तेदार भी बड़े लालची थी| कुछ दिन बाद ही एक विधवा औरत का रिश्ता आ गया| मेरे बाप ने झट से उससे शादी कर ली| मेरी सौतेली माँ की एक जवान लडकी भी थी| पर ये बात मुझे नही पता चली| अभी २ महीने पहले की मेरी तीसरे नंबर की सौतेली माँ की जवान लडकी नीमा मेरे घर आ गयी| मेरे बाप ने नीमा को लाने मुझे रेलवे स्टेशन भेजा| जैसे ही वो ट्रेन से उतरी मेरा उखड़ा उखड़ा मूड तुरंत बन गया|
इसकी माँ की !! तुरंत ये मेरे मुँह से निकल गया|
भाई वो सच में बड़ी कमाल थी| नशीली आँखें, गोरे गोरे हाथ पैर, गोरी गोरी पतली-पतली उँगलियाँ| पहली नजर में नीमा मेरी नजर और आँखों में बस गयी| वो अच्छी खासी कद काठी वाली लडकी थी| मेरे घर में सिर्फ २ कमरे ही है इसलिए मेरे बाप ने मुझे हुक्म दिया की नीमा मेरे साथ मेरे कमरे में रहेगी| नीमा के बोलने का तरीका मुझे बहुत जादा पसंद आया| वो बड़ी प्यारी लगी मुझे| वो बड़े प्यार से धीरे धीरे बोलती थी| मैं अपनी तीसरे नंबर की सौतेली माँ को कुछ जादा पसंद नही करता था, पर नीमा को देख में मुझे अच्छा लगा| नीमा की शादी हो चुकी थी| पर पति से कुछ झगड़ा हुआ था| इसलिए वो हमारे घर में आ गयी थी| नीमा मेरे कमरे में साथ में पहने लगी|
तुरंत मेरे दिमाग ने उसे अपना दोस्त मान लिया| मुझे नीमा में अपना एक अच्छा दोस्त मिल गया था| एक दिन वो रो रोकर अपने पति के बारे में बताने लगी की किस तरह से उसका पति उसके साथ मारपीट करता है| अपनी कहानि सुनाते सुनाते नीमा होने लगी| मुझे उस पर कुछ जादा ही प्यार आ गया| मैंने उसे सीने से लगा लिया ‘मत रो बहन !! मत रो!!’ मैंने कहा| रिश्ते में नीमा मेरी बहन लगती थी, पर सच कहूँ तो मुझे उसे देखते ही प्यार हो गया था| पहले की दिन से जबसे मैंने उसे देखा था मैं उसका दीवाना हो गया था| और आज जब नीमा बड़े बड़े मोटे मोटे आंसू बहा रही थी, मैंने उसे सीने से लगाकर दिलासा दे रहा था| नीमा मुझे अपना सौतेला भाई समझ के सिसक रही थी| मैं उसके रोते हुए नही देख पा रहा था| पता नही क्या हुआ मैंने नीमा को चूम लिया| मैंने झुककर उसके आशुं से बहते गोरे चिकने गाल को चूम लिया|
नीमा को कुछ गलत लगा| मैं उसका सौतेला भाई था| वो हट गयी और दूर हो गयी| रात में वो मेरे कमरे में सो रही थी| मुझे चुदास लगी थी| नीमा जैसी हसीन लडकी कोई रोज रोज नही मिलती| ये सब सोचकर मैं उसके दुसरे बेड पर चला गया| उसका बेड मेरे बेड से कोई ७ ८ फिट दूर थी| वो गहरी नींद में सो रही थी| मैंने उसके बगल लेट गया| उसके हाथ पर मैंने अपना हाथ और पैर पर मैंने अपना पैर रख दिया| वो जग गयी|
‘भाई !! ये सब क्या है? क्या कर रहे हो ये??’ वो अपनी टिपिकल स्टाइल में बोली| जिस तरह वो बड़ी धीरे धीरे बड़े प्यार से बोलती थी उसी तरह बोली|
‘बहन!! तुम्हारी दुखी कहानी सुनकर मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ| जिस दिन मैं तुमको लाने रेलवे स्टेशन गया था उसी दिन से तुम मेरी आँखों में बस गयी हो| मैं तुमसे प्यार करता हूँ| तुमको मैं अपना प्यार देना चाहता हूँ| पर कोई जबरदस्ती नही है!’ मैंने नीमा का हाथ पकड़ के कहा| वो सोच में पड़ गयी| फिर वो मान गयी| सायद उसको भी लंड चाहिए था| मैंने उसको बाहों में कस लिया| दोस्तों, वो इतनी प्यारी थी की मैंने उसको बड़ी सम्भाल के मैंने उसको पकड़ा था| सच में वो बहुत सुंदर थी| उस जैसी प्यारी लडकी से कोई आदमी मारपीट कैसे कर सकता है| यही बात मैं बार बार सोच रहा था| मैंने आगे बढ़कर नीमा के गुलाबी पंखुडियां जैसे होठ पर चुम्मी ले ली| वो मान गयी| सर हिलाकर मुझे मूक सहमती थी| मैंने नीमा की कमर में हाथ डाल उसे अपनी तरफ खींचा| फिर उसके ओंठ पीने लगा| उसकी सांसों की खुसबू मेरी साँसों में गयी|
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मैंने कई बार नीमा की खुबसुरत आँखों में चूम लिया| वो मुझे बहुत सुंदर लगी| मेरे हाथ उसके उरोज छूने को बेताब थे| मैंने उसके सूट के उपर से नीमा के मम्मो का पता लगाया फिर दाबने लगा| पर उपर से कुछ ख़ास मजा नही आ रहा था| मैंने अपना हाथ उसके सूट में नीचे से डाल दिया और उपर उसके मम्मों तक ले आया| नीमा के मलाई के गोले ब्रा की दीवारों में कैद थे| इसलिए मैंने नीमा को हल्की करवट दिलाई और पीठ में हाथ डाल के उसकी ब्रा को खोल दिया| अब मेरी सौतेली बहन के शानदार मलाई के गोले ब्रा की दीवार से आजाद हो गये थे| मैंने बिना देर किये सूट के भीतर से उमरी के चूचो को हाथ में ले लिया और दबाने लगा|
वो मचलने लगी| मेरे हाथ नीमा के मम्मो का साइज़ नापने लगे| मैं जोर जोर से उसे दबाने लगा| १० १५ मिनट बीते होंगे की नीमा चुदासी हो गयी| ‘भाई! सूट निकाल के पी सकते हो| मुझे की आपत्ति नही’ वो बोली| मैंने उसको बिठाया और सूट निकाल दिया| ब्रा भी हटा दी| नीमा फिर से लेट गयी| मैं अपनी सौतेली बहनिया के दूध पीने लगा| नीमा इतनी गोरी और चिकनी थी की उसकी छातियों की नसें नीली नीली मुझे दिख रही थी| सच में वो किसी अफसरा से कम न थी| मैं उसके दूध पीने लगा| मैंने उसकी शानदार छातियों को पीने लगा| उसकी छातियों पर भुंडी पर बड़े बड़े काले गोले के छल्ले थे| वो बहुत कामुक लडकी थी| मैं जोर जोर से नीमा के दूध पी रहा था| बड़ी जोर जोर से दबा रहा था| मैंने पल भर के लिए वहसी बन गया था| अपनी सौतेली बहन के आमों को मैं बड़ी जोर जोर से दबा रहा था| नीमा को भी चुदास लग चुकी थी| जब मेरा दिल नीमा की छातियों से भर गया तो मैंने अपना लोअर उतार दिया| फिर नीक्कर उतार दिया| मेरा लौड़ा मेरी सौतेली बहन को चोदने को तयार था|
अब मैं उसके बगल लेट गया| सौतेली बहन की सलवार के नारे को मैंने खीच दिया जैसे ट्रेन रोकने के लिए चैन खींच देते है| मैंने सलवार निकाल दी| नीमा ने गुलाबी रंग की लेस डर पेंटी पहनी हुई थी| मैं निकाल दी| मुझे इतनी तेज चुदास लगी की मेरे बदन का खून बड़ी तेज रफ्तार से दौड़ने लगा| मेरे शरीर में भयंकर आग लग चुकी थी| कामवासना की आग में मैं जल रहा था| मेरा हाथ नीमा के भोसड़े पर खुद चला गया| मेरी उँगलियों ने नीमा की चूत की गहराई छू कर चेक की| अच्छी खासी चुदी थी| चूत पूरी तरह से फटी और खुली थी| मेरा हाथ सौतेली बहन के चूत में चला गया| मैं अपनी सीधे हाथ की हथेली की आगे की उँगलियाँ बहन के भोसड़े में देने लगा| नीमा की चूत में जोर जोर से फेटने लगा| फच फच की आवाज मेरे कमरे में होने लगी| नीमा के चूत में दाने को भी मैंने खूब सहलाया|
फिर मैंने निचे सरक गया| सौतेली बहन की चूत पीने लगा| मैंने कई बार उसकी चूत सूंघी| बड़ी ही भीनी भीनी खुसबू थी| कुछ देर तक बहन की चूत पीने के बाद मैंने लौड़े हाथ की मदद से नीमा के भोसड़े में दे दिया और चोदने लगा| नीमा आ हा हा हूँ हूँ हूँ ! की धीमी धीमी आवाज निकालने लगी| मैंने उसको पेलने लगा| दोस्तों, जब मेरे बाप ने तीसरी शादी की थी तो बहुत जादा खुश नही था| पर जब मुझे नीमा के बारे में पता चला, अचानक से अपनी सौतेली माँ के लिए मेरा दिल में सम्मान जाग उठा| फट फट करके मैं नीमा को खाने लगा| उसे नशीली रगड़ चूत के अंदर लगी| वो बार बार दोनों पैर उठाने लगी| दोस्तों, नीमा उस क्लास की लडकी थी जिसे देखते ही तस्वीर सीधा दिल में छप जाती है| और इस फर्स्ट क्लास की लडकी को चोदते पेलते माँ बहन की गाली बकना सीधा सीधा पाप होता| नीमा तो पलकों पर बिठाने लायक लडकी थी|
मैं उसका पूरा सम्मान करता था| पुरे प्यार और सम्मान से मैं उसको चोद रहा था| अपने दिल में मैंने उसको अपनी प्रेमिका का दर्जा दे दिया था| नीमा ने चुदते चुदते दोनों पर हवा में सीधा उठा दिए| इससे मुझे कोई ख़ास दिक्कत नही हुई| मैंने बैठ कर उसको चोद रहा था| फिर मैंने नीमा की गोरी गोरी चिकनी जाँघों को पूरे प्यार, सम्मान और नजाकत से चूम लिया| उसके दोनों पैरों को और आगे नीमा के सिर की तरह झुका दिया और फट फट करके लेने लगा| नीमा गहराई से चुदने लगी| कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में ही झड गया| हम दोनों लिपट गये और साथ बड़ी देर तक लेटे रहे| मैंने पानी पीने बाहर कमरे से निकला और वाटर प्यूरी फायर तक गया| हमेशा की तरह चूत का भूखा मेरा बाप नीमा की माँ को चोद रहा था| मैंने अंदर आ गया| मेरा बाप उधर नीमा की माँ को चोद रहा था और इधर मैं उनकी लडकी को खा रहा था|
मैंने इस बार नीमा को अपने लौड़े पर बिठा लिया| ‘चोद बहन!’ मैंने धीरे से कहा| उधर मेरे लौड़े पर उठक बैठक लगाने लगी| कुछ देर बाद वो फट फट करके चुदवाने लगी| जैसी कोई लडकी घोड़े की सवारी करती है, उसी तरह कुडुक कुडुक करके नीमा चुदाने लगी| मुझे बड़ी मौज आई| ‘और जोर जोर से बहन!! जरा और उचाई से उठो बैठो और फिर मुझे चोदो!’ मैंने कहा| अब तो नीमा किसी पेशेवर रंडी की तरह मेरे लौड़े की सवारी करने लगी| सच में ये पल मेरी जिन्दगी के खुशनुमा पलों में से एक था| फटर फटर करके मैं उसे पेलने लगा| नीमा की बड़ी ही सफ़ेद सफ़ेद छातियों को मैंने हाथों से दबा रहा था| अगर इस वक़्त कोई मुझे नीमा जैसी माल को खाते देख लेता तो जल जल के मर जाता| मैं अपनी सौतेली बहन को पूरी शिद्दत से खा रहा था| कुछ देर बाद मैंने अपनी गर्म गर्म खीर उसके भोसड़े में छोड़ दी| दोस्तों, आप लोग विश्वास नही करेंगे पर कुछ ही देर में तीसरी बार मेरा लौड़ा फिर से टनटना गया और खड़ा हो गया| मैंने नीमा को दोनो हाथों और घुटनों पर कुतिया बना दिया| उसके मस्त मस्त गोल गोल बेहद खुबसुरत चूतड़ों को चूम लिया| जैसे ही लौड़े मैंने उसके फटे हुए भोसड़े में दिया सौतेली बहन उछल गयी|