मुस्लिम लड़की की खेत में चुदाई
मेरा नाम निरंजन है। मै गांव में रहता हूं। मेरे पिताजी किसान हैं।
ये कहानी कुछ साल पहले की है जब मेरी उम्र 18 साल थी गर्मियों के दिन थे। गेन्हू की कटाई चल रही थी।
उस साल मजदूरों की बहुत किल्लत थी तो हमें अपना गेन्हु खुद ही काटना पड़ा था।
मेरा एक खेत घर से बहुत दूर है इतना की एक बोझा लाने ले जाने का समय 30 मिनट से ज्यादा लग जाता है। वाहा 3 बीघे से ज्यादा खेती है।
उस दिन हम बाप बेटे खाना खा कर खेत पहुंचे सारा खेत कट गया था और सुबह ही हमने आकार सबको बांध दिया था बोझा।
पापा आज बोझा ढोने वाले थे क्योंकि कल मैने ढोया था तो पापा ने कहा कि आज वो ढोए , फिर परसों मेरी बारी होगी। नही तो एक ही आदमी के काम करने से उसकी तबियत खराब हो जायेगा।
मेरे बगल के खेत मे एक लड़की भी अपने पापा को बोझा उठाने आई थी उसका नाम सबनम था वो बचपन मे 8वी तक मेरे साथ ही पढ़ती थी, मेरे ही गांव की थी।
अब हम दोनो के पापा 30 मिनट मे आते हम दोनो जाकर बोझा उठा देते और वही एक पेड़ की छांव मे बैठ जाते।
पहला ही बोझा उठा हम बात करने लगे।
मै: काफी दिन बाद दिख रही हो, मुझे लगा कि शादी हो गई होगी तभी नजर नही आती।
सबनम: शादी होती तो तुम्हारे यहां कार्ड ना जाता, और तुम बताओ तुमने शादी कर ली क्या।
मै: अरे कहा अभी।
कुछ देर हम यूंही बात करते रहे।
सबनम: अपने मोबाईल में कोई गन्दी फिल्म दिखाओ ना नही तो हम दोनो उन्ही दिन भर थक जाएंगे।
मै: ठीक है।
अब हम गमछा बिछा कर बैठ गए। मेरे मोबाइल मे सिर्फ गैंग ऑफ वासेपुर फिल्म थी तो मैने लगा दी हम देखने लगे।
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कुछ देर बाद मेरे पापा आते दिखे तो मै उठ कर उनका बोझा उठाने चला गया, फिर कुछ देर बाद उसके पापा आते दिखे तो वो चली गई उठाने। मैने उन दोनों को कह दिया कि आप दोनो एक साथ जाओ और एक साथ आओ तो हमें बार बार उठना नही पड़ेगा।
हम फिर बैठ फिल्म देखने लगे अब उसमे वो सीन आता है, जिसमे मनोज बाजपेई बोलता है की इतना बड़ी हो गई हो और अभी तक ब्याह नही हुआ है।
तो मै भी उसके गाल दबा बोलता हूं वही डायलॉग।
तो वो हंसने लगती है। फिर उसमे तुरन्त बाद सेक्स सीन आ जाता है।
सबनम: हूं कैसा गंदा गन्दी फिल्म लगाया है।
मै: अरे जो था वो लगा दिया।
मै फिल्म बंद कर देता हूं।
सबनम: और कोई फिल्म नही है।
मै: नही है, है जो तुम्हारे देखने लायक नही है।
सबनम: (मेरा मोबाईल लेते हुए) तो लाओ कोई गाना वाला वीडियो देखने दो, उसने एमएक्स प्लेयर खोल लिया।
उसमे मैने बहुत सारी ब्लू गन्दी फिल्म डलवा रखा था जो उस जमाने मे हर कोई करता था जब जियो नही था तो।
मै: अरे वो सब मत खोलो, तुम्हारे देखने के लिए नही है।
लेकिन वो एक वीडियो चला देती है।
उसमे पहले एक लड़का लडकी इंग्लिश में कुछ बात करते हैं, तो।
सबनम: अच्छा तो है इसका लैंग्वेज कैसे चैंज होता है।
मै मना करता हूं मत देखो लेकिन वो मोबाइल नही देती है।
फिर अचानक वो दोनों चुदाई करने लगते हैं आह आह की आवाज आने लगती है।
वो मोबाइल देते हुए।
सबनम: ये सब क्या है।
मै: मै मना कर रहा था ना मत देखो।
सबनम: तुम गंदी फिल्में देखते हो मै नही जानती थी।
मै: अरे क्या हो गया अब तो तुमने भी देख लिया।
हम कुछ देर बात नही करते।
कुछ देर बाद हम अपना बोझा उठा फिर से आकर बैठ जाते हैं।
मै फिर से उसे हंसाने के लिए वही डायलॉग बोलता हूं इतना बड़ी हो गई हो अभी तक ब्याह नही हुआ है।
सबनम:(हंसते हुए) कहा से हम तुमको बडा नजर आते हैं। तुमसे तो छोटा ही हैं।
मै: (उसके चूंच के तरफ इशारा करते हुए) वहा से।
वो अपना दुपट्टा सही कर मुझे मजाक में ही मारने लगती है।
सबनम: बड़े तो तुम ही गए हो, बड़े लोगों वाली फिल्में देखने लगे हो।
मै: अरे वो तो कभी कभी मन नही लगता है तो देख लेता हूं, जैसे अभी अगर तुम नही होती तो मन नही लग रहा होता तो देख लेता।
सबनम: यानि मै कबाब में हड्डी हूं।
मै: नही, मैने ऐसा कब कहा।
सबनम: तो देखो मेरे सामने क्या बुराई है।
मै कुछ देर चुप हो जाता हूं।
सबनम: सही मे मन नही लगता है लाओ वही देखते हैं।
अब हम साथ में बैठ ब्लू गन्दी फिल्म देखने लगे।
पुरा इलाका सुनसान था हमे छोड़ यहां कोई कुत्ता भी नही था गर्म लहर वाली हवा चल रही थी।
सबनम: क्या सही मे इतना मजा आता है जो इतना चिलाते हैं।
मै: मुझे क्या पता, मैने थोड़े ना किया है कभी।
कुछ देर बाद अब मुझे पैसाब आया तो मै जाने लगा।
सबनम:( हस्ते हुए) पीसाब ही करना कुछ और मत करने लग जाना।
मै: और क्या करुंगा।
सबनम: मुझे मत सिखाओ मै सब जानती हूं कि तुमलोग गंदी फिल्में देखने के साथ क्या करते हो।
फिर मैं पीसब कर आ जाता हूं वो बड़े गौर से चुदाई की वीडियो देख रही थी।
अब वो पिसाब करने जाने लगी।
मै: तुम भी कुछ और मत करना।
वो शर्मा कर चली जाती है पास में ही मै छुप कर उसे देखने की कोशिश करता हूं वो पास मे ही अपना सलवार खोलती है और चड्डी उतार बैठ जाती है, मुझे उसकी गांड़ दिखती है, उसकी गांड़ एक दम सफेद थी। वो मूत कर अपनी चूत को उंगलियों से छूती है फिर उठ जाती है।
मै जल्दी से बैठ मोबाइल देखने लगता हूं।
वो आती है और अपना हाथ मेरे कंधे पर रख मेरे पीठ से सट बैठ जाती है और ब्लू गन्दी फिल्म देखने लगती है।
उसकी बाई चूंची मेरे पीठ मे छू रही थी।
सबनम: ये सब गलत दिखाता है।
मै: कैसे?
सबनम: अरे जितनी जोर से ये दबा रहा है, वो हल्का भी दब जाए तो बहुत दर्द होता है।
मै: कुछ नही होता मजा आता है
सबनम: तुम्हे कैसे पता, तुम्हारे पास है क्या? या तुमने किसी का दबाया है।
मै: दबाया नही तो क्या पता नहीं है।
सबनम: ठीक है मेरे दबा कर देख कितना दर्द होता है।
मै उसके कपड़ो के ऊपर से एक चूंचे पर हाथ रख दिया और उसे सहलाने लगा ।
कुछ देर उसे उन्ही सहलाता रहा।
मै: देखा दर्द नही ना हो रहा है।
मुस्लिम लड़की की चुदाई की कहानी
सबनम: अरे उसमे क्या ऐसा कर रहा था जोर से दबा रहा था लेकिन तुम जोर से मत दबा देना।
मैं हल्के हाथ से सहलाता रहा कभी दाई तो कभी बाई चूंची, उसे मजा आने लगा था।
सबनम: थोड़ा जोड़ से दबाओ देखो दर्द होगा।
इतने मे हमारे पापा आते दिखे तो हम उठ कर बोझा उठाने चले गए।
फिर आकर ब्लू गन्दी फिल्म देखने लगे।
सबनम: तुम जोर से दबाते तो दर्द होता।
मै:(उसकी चूंची सहलाते हुए) वीडियो में वो खुले पे दबा रहा था इसलिए शायद उसे दर्द ज्यादा हो रहा था तुमने यहां ब्रा ऊपर से सूट पहन रखा है।
सबनम: ठीक है अन्दर से भी दबा कर देख लो।
वो अपना सूट ऊपर करती है और ब्रा मै हटा देता हूं उसकी छोटी छोटी चूंचियां एक दम तनी हुई थी समोसे के तरह नुकीली मै उन्हें सहलाने लगता हूं उनके निप्पल भूरे थे जो मनमोहक लग रहे थे।
मै: कहा दर्द हो रहा है तुम्हे देख लग रहा है कि मजा ही आ रहा है।
सबनम: जोड़ से दबाओ।
मै जोड़ से दबा देता हूं वो आह कर देती है।
सबनम देखा दर्द होता है।
वो अपना सूट नीचे कर लेती है।
मुझे हाथ हटाना पड़ा।
मै: सही कहा तुमने सब फेक ही होता है भला इतना बडा होता है किसी का।
सबनम: मुझे क्या पता मेरे पास थोड़े है।
मै: अरे किसी का देखा तो होगा।
सबनम: नही नही देखा।
मै: देखना है?
सबनम: दिखाओ।
मैने अपन पैंट से लन्ड निकाला दिया मेरा लन्ड खड़ा था एक दम रॉड की तरह।
सबनम: उतना बडा तो नही पर काफी बडा है तुम्हारा,।
पर उसका गोरा है तुम्हारा काला क्यों है और उसके अगले भाग गुलाबी जैसा है।
मै: अरे मेरे आगे भी गुलाबी है बस चमड़े से ढका है, मेरा काला इसलिए है क्योंकि मैं इंडियन हूं अधिकांस इंडियन का काला ही होता है,तुम्हारा भी काला ही होगा।
सबनम: नही मेरा तो गोरा है।
मै: चल झूठी,दिखाओ तो।
वो अपनी सलवार उतार पैंटी हटा ऊपर पेडू के पास का भाग थोड़ा दिखाती है।
सबनम: देख गोरा है ना ।
मै: वहा नही निचे, वहा तो मेरा भी गोरा है मैने अपने पेडू का भाग उसे दिखाते हुए।
अब वो पूरी पैन्टी उतार मुझे अपना चूत दिखाती है
मै: वाओ सच में तेरी गोरी है, इसके होंठ कितने चिपके हुए हैं ना,बहुत सुंदर है तेरी पुपु।
सबनम: (हंसते हुए) तू इसको अभी तक पूपू ही कहता है।
मै: नही, और भी नाम जानता हूं लेकिन बचपन मे तू इसे पूपू ही बोलती थी।
सबनम: अब क्या बोलते हैं इसे।
मै:चूत, बूर।
सबनम:और तेरे इसके।
मै: लन्ड।
हम हसने लगते हैं।
मै: तेरे छू कर देखूं।
सबनम: हां देख ले।
इतने मे हमे अपने पापा आते दिखते हैं हम अपने कपड़े सही करते हैं बोझा उठाने चला जाता हूं।
इस बार मै उन्हें कह देता हूं 2 बजने वाला है तो आप दोनों खा लेना और हमारे लिए लेते आना।
फिर हम आकर वापस बैठ जाते हैं। हमारी बात तो अधूरी रह गई थी इसलिए मै फिर से ब्लू गन्दी फिल्म लगा देता हूं। हम देखने लगते हैं।
मै: तुम सही कह रही थी औरत के दूदू पीने पर उससे दूध आने लगता है, इसमें तो नही आ रहा।
सबनम: अरे हमेशा नही आता दूध जब मां बनती है तभी एक दो साल तक आता है। मेरे नही आए थे ना।
मै:मैने देखा था थोड़े पी कर।
वो अपना शूट ऊपर उठा देती है।
सबनम: पियो नही आएगा।
मैं उसके समोसे जैसे चुंचे चुसने लगता हूं उन्हें पीने लगता हूं वो आह कर उठती है।
मै:जैसा इसमे कर रहे हैं वैसा करें क्या।
सबनम: नही मुझे शर्म आती है।
मै: करो ना प्लीज।
जुली: ठीक है।
अब मै उसे गोद मे बिठा लेता हूं उसके होंठों को चूमने चाटने लगा।
उसके गर्दन को चूसा उसके गले को चूसा उसके चूंचे चुसने लगा उसके पेट पर नाभी चुसने लगा।
अब उसे नीचे लिटा दिया और उसकी चिकनी चूत चाटने लगी।
वो आह आह कर मेरे बालों में हाथ फिराने लगी ।
कुछ देर मे मै उसके ऊपर लेट गया और उसके चूत पर लन्ड रख घिसने लगा, फिर धीरे से सुपाड़ा घुसा दिया, वो आह कर उठी ।
अब मैने धीरे धीरे आधा लन्ड अन्दर डाल दिया वो आह आह करने लगी रोने लगी।
मैने उसे चुप कराया और वैसे ही पड़ा रहा, जब वो शान्त हो गई तो मैंने पुरा लन्ड घुसा दिया वो चीख उठी।
अब कुछ देर में उसे अच्छा लगने लगा तो अपने चूतड हिलाने लगी मै उसे धीरे धीरे चोदने लगा 20 मिनट उसकी चुदाई करने के बाद मै उसके बाहर निकाल झड़ गया वो 2 बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर बाद मै उसके ऊपर से उतर गया।
मै: कैसा लगा।
सबनम: बहुत अच्छा लगा पर चूत मे दर्द हो रहा है।
मैने पानी का बोतल लिया जिसका पानी गर्म हो चुका था। उस गर्म पानी से उसके चूत को धो दिया, गर्म पानी जाने वो सिहर गई उसकी चूत के होंठ हल्के फूले लग रहे थे।
अब हमने अपने कपड़े पहन लिए कुछ देर मै उसे बाहों मे भर प्यार करता रहा।
कुछ देर बाद हमारे पापा खाना लाते नजर आए तो हम अलग हुए और बोझा उठाने चले गए।
मेरे पापा रोटी सब्जी, मिठाई और स्प्राइट लाए थे उसके घर चिकन बना था तो उसके पापा चिकन रोटी लाए थे।
हमने उनका बोझा उठा अपना खाना ले पेड़ के नीचे आ गए और खाना मिल जुल कर खाया।
अब मैंने ठंडी स्प्राइट की बोतल उसके चूत पर रख बोला।
मै: इसे अपने चूत से सटा लो अच्छा लगेगा।
उसने सलवार पैन्टी उतार बोतल सटा लिया।
सबनम: आह सच मे अच्छा लग रहा है।
अब मैने उसे मिठाई खिलाई और उसके होंठ चूसने लगा।
उसके चूचों पर मिठाई लगा उसे खाने लगा वो आह आह करने लगी।
कुछ देर मे हमे पापा आते दिखे तो हम अलग हो कपड़े सही किए और बोझा उठा वापस आ गए।
हम फिर चूमने लगे एक दुसरे को मैने उसके चूत को छुआ तो। उसने कहा नही वहा नही दर्द हो रहा है।
तो मैंने अपना हाथ हटा लिया उसके चूंचे चुसने लगा।
अब मैंने अपना लन्ड उसके हाथ में पकड़ा दिया।
मै: इस चमड़े को नीचे करो तो तुम्हें गुलाबी भाग दिखेगा।
उसने नीचे किया
जुली: वाओ कितना अच्छा है,।
मै: अब उसे चूम लो।
सबनम: नही,(बोलते हुए भी अपने होंठ से थोड़ा सा चूम लेती है)
मै: तो अब इसे अपने हाथों से ऊपर नीचे करो।
वो ऐसा ही करती है कुछ देर बाद उसके हाथ में मेरा माल निकल जाता है।
मै: इसी से लडकी मां बन जाती है।
वो अपना हाथ धोती है।
अब हमारे पापा आते दिखते हैं हम अलग हो बोझा उठाने जाते हैं।
अब हम फिर बैठ जाते हैं वो थक गई थी तो मेरे गोद मे सर रख सोने लगती है मै उसके बालों मे हाथ फिराने लगता हूं। तो उसे नींद आ जाती है।
जब हमारे पापा आते दिखते तो मै उसे जगा देता।
ऐसे ही शाम हो अंधेरा हो गया।
मेरे खेत में बोझा खत्म हो गया लेकिन उसके खेत में 3 बोझा अभी भी बचा था।
मेरे पापा मेरे खेत का लास्ट बोझा लेकर चलें गए।
अब अगर मै चला जाता तो वो अकेले रह जाती और सिर्फ 3 ही बोझा बचा था तो वो बोली कि मै अकेले कैसे रहूंगी तो पापा ने कहा कि मै भी रुक जाऊं 1 घण्टे की ही तो बात है। तो मै रूक गया।
एक दम घुप अंधेरा छा गया। दूर दूर तक कोई रोशनी नही थी।
सिर्फ हम दोनो थे।
पेड़ के नीचे ज्यादा अंधेरा था तो हम अपना सारा सामान उठा खेत में बोझा के पास ही आ गए।
वो मेरे गले से चिपकी थी, उसे पिसाब आया तो।
सबनम: मुझे पिसाब लगी है।
मै: तो जाओ कर लो।
सबनम: नही मुझे डर लग रहा है तुम भी चलो ना।
मै बगल मे उसे बैठने बोला और उसके बगल मे मै भी बैठ गया वो सलवार पैन्टी खोल मूतने लगी।
मैने उसके चूत पर हाथ रख दिया।
सबनम:(अपनी पिसाब रोकते हुए) क्या कर रहे हो।
मै: तुम करती रहो।
उसने करना शुरु किया मैं उसके गर्म मूत को हाथ से फील करता रहा।
अब वो उठ गई अब मै मूतने लगा तो उसने मेरा लन्ड पकड़ मुझे पिसाब कराया।
अब वो मेरे लन्ड को सहलाने लगी।
मै: अब चूत का दर्द कैसा है।(इसकी चूत सहलाते हुए)
सबनम: अब नही कर रहा।
अब हम किस कर रहे थे उसके सूट उठा उसके चूंचे चुसे।
अब मैंने उसे बोझा पर बिठा दिया और उसके ऊपर चढ़ उसे चोदने लगा अभी कुछ धक्के मारा था की एक टॉर्च की रोशनी आती दिखी हम समझ गए कि ये सबनम के पापा हैं।
हम जल्दी से अलग हुए और अपने कपड़े सही किया।
कुछ देर में वो आ गए और मैंने उनका बोझा उठा दिया अब लास्ट बोझा बचा था हम उसपर लेट गए और मैंने उसे चोदना शुरू किया उसके होंठ चूसते हुए उसे जोर जोर से चोदने लगा वो आ आ आह आह करने लगी कुछ देर बाद हम झड़ गए।
कुछ देर बाद उसके पापा आते दिखे तो हम उठ कर कपड़े पहन लिए।
मैने उनका बोझा उठा दिया और उनके पीछे पीछे चलने लगे।
कुछ कदम चल कर हम उनसे धीरे धीरे चलने लगे और कुछ पीछे हो गए इतना की उन्हें दिखाई ना दे।
अब मै उसे गोद मे उठा उसे चूमे हुए चलने लगा वो मेरे गले में बांहे डाल मुझे चूमती रही।
जब गांव नजदीक आ गया तो मैने उसे उतार एक फाइनल स्मूच किया और अलग हो अपने अपने घर चले गए।