बारिश में दोस्त की बहन की चूत में सबने बारी बारी से लंड डाला
Dost ki Bahan ki Chudai : हेलो दोस्तों, अर्जुन आप सभी का इं adultstories.co.in में आपका बहुत बहुत स्वागत करता है। जब मेरे सभी भाई अपनी अपनी सेक्सी स्टोरी सुना रहे है तो मैं ही क्यों पीछे रहू। दोस्तों, मैं बलिया का रहने वाला हूँ। ये उत्तर प्रदेश में है, पर बिहार के बोर्डर को छूता है। उस महीने बहुत भीसड गर्मी पड़ रही थी। सब लोग जानवर, पशु पक्षी और इंसान सब के सब बलिया में बहुत परेशान थे। मेरा घर गाँव में पड़ता था। मैं भी एक किसान था।
हमारे गाँव में जबरदस्त सुखा पड़ा हुआ था। हमारे गाँव के लोग जल्दी बारिश हो जाए इसके लिए हवन करने लगे। ५ जुलाई निकल गया, पर बारिश नही हुई। उसके बाद १० जुलाई भी निकल गया, पर बारिश नही हुई। और दोस्तों इतनी सड़ी गर्मी पड़ने लगी की मैं उपरवाले से मन ही मन में कहने लगा की या तो मुझे धरती से उठा ले, या बारिश करवा दे।
दोस्तों, मुझे वो दिन आज भी याद है १५ जुलाई तक अरब सागर का मानसून हमारे उत्तर प्रदेश के बलिया में पहुच गया और झमाझम बारिश शुरू होने लगी। सिर्फ २ दिन में इतनी झमाझम बारिश हो गयी की हमारे गाँव के सभी छोटे मोटे गड्ढे और नदी नाले और तालाब भर गये। मेरे दोस्त किशोर, राज शास्त्री, और राज शास्त्री की बहन पायल मेरे घर पर आ गये और पानी में चलकर मछली मारने की जिद करने लगी। हम सभी १८ साल के उपर और पहले भी हम सभी राज शास्त्री की बहन को चोद चुके थे। क्यूंकि राज शास्त्री बहनचोद था और रोज अपनी जवान मस्त मस्त बहन पायल की चूत लेता था। इतने दिनों बाद हम आज दोस्तों को बारिश में नहाने का मौका हाथ लगा था। इसलिए हम सभी तुरंत तैयार हो गये।
दोस्तों, आप लोग तो जानते ही होंगे की गाँव में जादातर लड़के कच्छा, बनियान और एक हल्की लुंगी बांधकर कहीं भी निकल जाते तो हम सभी दोस्तों मैं, किशोर, और राज शास्त्री कच्छा बनियान और कमर पर एक लुंगी लेकर और मछली पकड़ने के लिए बाल्टी और फावड़ा लेकर मछली पकड़ने निकल गए। हमारे साथ में राज शास्त्री की मस्त बहन पायल थी जो एक मैला सलवार सूट पहन कर हमारे साथ निकल पड़ी।
पायल काफी लम्बी चौड़ी ५ फुट ८ इंच की थी और उसका बदन काफी भरा हुआ था। वो बहुत गर्म लड़की थी और अपने सगे भाई राज शास्त्री से खूब चुदवाती थी। इसलिए अक्सर मैं, किशोर और राज शास्त्री पायल के इर्द गिर्द ही घूमा करते थे। हम ४ लोग की टोली पुरे गाँव में बड़ी मशहूर थी। उस दिन भी बारिश हो रही थी। अप्रैल, मई, जून की भींसड़ गर्मी झेलने के बाद आज हम दोस्तों को नहाने का मौका मिला था।
हमारे गाँव में एक बड़ा तालाब था, जो पूरी तरफ से पानी में भर गया था। उसके बगल एक छोटा तालाब था वो भी पानी से पूरी तरह से भर गया था। हम चारो उसी तालाब में कूद गये और पानी में लेटकर नहाने लगे। हम जवान हो चुके थे, पर अब भी हम चारो में काफी बचपना भरा हुआ था। दोस्तों, बारिश के ठंडे पानी में नहाना किसी वरदान से कम न था। कुछ देर बाद हम तीनो लड़को ने अपनी अपनी लुंगी निकाल दी और सिर्फ बनियान और कच्छा में आ गये और लोट लोटकर हम तालाब में नहाने लगा। ये तालाब कुछ दिन पहले बिलकुल सुख गया था, पर अब २ ३ दिनों में सारा दिन पानी गिरने के कारण दोनों तालाब भर गये थे।
ठंडे पानी में नहाने के कारण हम तीनो लड़को के लंड अपने आप खड़े हो गये। मैंने राज शास्त्री की बहन पायल की बहन को पकड़ लिया और यहाँ वहां उसे छूने लगा। फिर किशोर भी मेरे पास आ गया और पायल पर हाथ से पानी भर भरके फेकने लगा। राज शास्त्री ने जब देखा की दोनों लड़के उसकी बहन को हाथ लगा रहे है तो वो भी आ गया। हम तीनो पायल के उपर पानी डालने लगे और उसे छेड़ने लगे।
पायल बड़ी गर्म और बेहद चुदासी लड़की थी। मैं कमर पानी के अंदर थी। पायल को भी शरारत सूझी और उसने पानी के निचे मेरे कच्छे में हाथ डाल दिया और मेरा लंड पकड़ लिया और फेटने लगी। किशोर पायल के दूध को छूने लगा। और राज शास्त्री खुद अपनी पहन की गोरी पीठ पर हाथ लगाने लगा। बड़ा देर तक ये सब कार्यक्रम चलता था। फिर गिर ने पायल के हाथ को पकड़कर अपने कच्छे में डाल दिया
“ऐ पायल!!! देख आज कितने दिनों बाद गाँव में बारिश हुई है…इसलिए तेरी चूत तो बनती है!!” किशोर बोला
“हाँ पायल!! आज हम तुझे बिना चोदे नही मानेंगे!!…आज तो पार्टी होनी चाहिए!” मैंने भी कहा और हाथ से तालाब के पानी को भरके उसपर डालने लगा।
“हाँ !! बहना..बारिश होने की खुशी में तो आज हम सबको अपनी रसीली चूत के दर्शन करवा दे!!” बहनचोद राज शास्त्री अपनी बहना पायल से बोला
“ठीक है !!…गाँव में बरसात होने की खुशी में आज तुम सबको मैं अपनी रसीली चूत दूंगी….पर कोई मुझे ढंग से चोद ना पाया तो तुम सबको माँ बहन की गालियां मिलेंगी!!” पायल बोली। दोस्तों हम दोस्तों गवैयाँ [गावं की भाषा] में जादातर बात करते थे, पर आप लोग गावं की भाषा समज नही पाएंगे ,इसलिए मैं आप लोगो को सारी घटना शुद्ध हिंदी में सुना रहा हूँ। उसके बाद मैंने पानी के भीतर ही पायल की सलवार खोल दी और उसकी चड्ढी के भीतर उसकी चूत में हाथ डाल दिया और ठन्डे ठन्डे पानी में उसकी चूत को सहलाने लगा।
आप लोग अंदाजा लगा सकते है की हमको कितना मजा मिल रहा होगा। सुबह के ११ बजे थे। चारो तरफ जुलाई महीने वाले काले काले बादल छाए हुए थे, सारे उम्रदराज लोग अपने अपने घर में दुबके थे की कहीं बीमार ना पड़ जाए। सिर्फ बच्चे और हम जैसे जवान ही बाहर बारिश में नहा रहे थे और तालाब में लोट लोटकर नहा रहे थे। हम बड़े तालाब के बगल छोटे ताल में तैर रहे थे जिसमे डूबने का कोई खतरा नही था। बारिश का पानी काफी साफ़ था। बड़ी देर तक मैं पायल की चूत में ऊँगली पानी के भीतर ही करता था। वो आराम से पानी में बैठ गयी थी।
“अरे बहनचोद दीवान!!….अपना ही ऊँगली करेगा या मुझे भी करने देगा!!” किशोर मेरा लंगोटिया यार बोला
“आओ गांडू….तुम भी पायल की चूत में ऊँगली कर लो!!” मैंने मजाक करते हुए कहा। उसके बाद किशोर से राज शास्त्री के सामने ही उसकी बहन की चूत में हाथ डाल दिया और पूरी पूरी ऊँगली पायल की कई बार चुदी चूत में जोर जोर से करने लगा। ठन्डे पानी में इस तरह से जलक्रीडा के साथ रतिक्रीड़ा करना किसी जन्नत से कम नही था। पायल खूब मजे लेती थी। हम सब पानी में लोट भी रहे थे। राज शास्त्री इधर उधर नहा रहा था तो मैंने पायल के भीगे मम्मो पर हाथ रख दिया और उसके मम्मे दबाने लगा। उफफ्फ्फ्फ़ ….क्या बड़े बड़े ३६” के दूध से पायल के। धीरे धीरे हम लड़के लौड़े टन्न होकर खड़े हो गये थे।
“राज शास्त्री!!….देख तू अपनी बहन को रोज चोदता है भाई…..आज मैं इसकी चूत में लौड़ा दूंगा!!” मैंने कहा
“चोद चोद ले….मैं इसको आखिरी में लूँगा!!” राज शास्त्री बोला। मैं पायल को पानी के किनारे ले गया। वहाँ पर कम पानी था और नीचे सफ़ेद साफ़ बालू बालू थी। “पायल!! आजा इधर !! यही तुझको चोदूंगा!!” मैंने कहा। पायल आकर तालाब के किनारे आकर लेट गयी। उसकी सलवार तो पहले से खुली थी और पानी में भीगी थी। वो छिनाल लेट गयी। मैंने उसकी सलवार हाथ से पकड़कर खींच दी और निकाल दी। पायल ने बैगनी रंग की चड्ढी पहन रखी थी। इतनी देर से मैं और किशोर उसकी चूत में ऊँगली कर रहे थे पर उसकी चड्ढी का रंग नही देख पाए थे क्यूंकि उसकी चूत पानी के अंदर थी। मैंने पायल की चड्ढी निकाल निकाल दी। उसकी चूत बिलकुल साफ़ थी एक भी झांट का बाल नही था। पायल हमेशा बाल सफा वाले साबुन को इस्तेमाल करती थी। जहाँ वो लेती थी, वहां तालाब के पानी की लहरे आ रही थी। इसलिए हम सबको बहुत मजा मिल रहा था।
मैंने अपनी बनियान और कच्छा निकाल दिया और पूरी तरह से नंगा हो गया। बरसात हो रही थी। भीगते हुए मैं और भी सेक्सी लग रहा था। मेरा जिस्म बारिश और तालाब के पानी से भीगा हुआ था। मेरा बदन इकहरा था और मैं बहुत सेक्सी लग रहा था। मैंने भी तालाब के उथले पानी में लेट गया और शस्त्री की बहन पायल की चूत पीने लगा। ओह्ह वाह….मजा आ गया था दोस्तों। कितनी रसीली कितनी सफ़ेद, गोरी और चिकनी चूत थी। मानसून अपने शबाब पर आ चूका था और चारो तरफ काले काले बादल आसमान में थे। मौसम इतना रोमांटिक था की आपको मैं क्या बताऊँ। ऐसे में राज शास्त्री की बहन की चूत मिलना किसी पार्टी से कम नही था। मैं तालाब की रेत में लेट गया और पायल की चूत मजे लेकर पीने लगा। बड़ी देर तक मैं किसी चुदसे और चूत के प्यासे कुत्ते की तरह पायल की बुर अपनी जीभ से चाटता रहा।
कुछ देर में पायल की बुर अपना माल छोड़ने लगी। जिसको मैं पूरा का पूरा चाट गया। कुछ देर बाद मैंने अपना ६” लम्बा लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया और उसे चोदने लगा। खूब मजा आया दोस्तों। क्या आप लोगो ने बारिश में किसी लड़की की चूत मारी है। एक बार करना जन्नत मिल जाएगी। पायल तालाब का पानी अपनी हथेली में भर भर के मेरे मुँह पर मारने लगी और हंसी ठिठोली करने लगी। मुझे भी मस्ती सूझी। मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और उसके मुँह से अपना मुँह जोड़ दिया और उसके गुलाबी ओंठ पीने लगा। जहाँ हमारे गावं की लडकियाँ शर्मीली थी और जल्दी चूत देने को तयार नही होती थी वही पायल का रहन सहन कीसी लड़के जैसा था। उसकी दोस्ती हम लड़कों से जादा थी और लड़कियों से कम। पायल हम तीनो को खुलकर चूत दिया करती थी।
मैंने तालाब के पानी में पायल का हाथ पकड़ लिया जिससे वो मेरे साथ और शरारत ना कर सके। मेरे मुँह पर और पानी ना मार सके और मैं उसके होठ पीने लगा। नीचे से मैं किशोर और राज शास्त्री के सामने ही पायल की चूत की सिटी खोल रहा था। अपनी कमर से जोर जोर से लंड उसकी बड़ी से चूत में दे रहा था। कुछ देर में पायल सरेंडर हो गयी और उसने शरारत करना बंद कर दी।
“चुद गयी….चुद गयी….राज शास्त्री!!….तेरी बहना तो आज चलती बारिश में लंड खा गयी!!” किशोर बोला
“गांडू!…तेरी बहन को भी किसी दिन इसी तालाब में लेकर आऊंगा और चलती बारिश में उसकी चूत में लौड़ा डालके जीभरके उसको कूटूँगा!!” राज शास्त्री थोडा चिढकर बोला। मैं इधर गपागप पायल की चूत में लंड देता रहा। फिर वो पानी में ही मुझसे चिपक गयी और मजे से चुदवाने लगी। २५ मिनट बाद मैंने जल्दी से अपना लौड़ा पायल के भोसड़े से बाहर निकाल दिया और उसके मुँह पर सारा माल गिरा दिया। मैं उस समय जवान १८ साल का युवा लड़का था। मेरे लंड से १२, १५ बार माल निकला जो सीधा राज शास्त्री की बहन पायल के मुँह पर जाकर गिरा। कुछ माल को चाट गयी। कुछ को उसने तालाब के पानी से साफ़ कर लिया। फिर बारिश के पानी से उसका मुँह तुरंत ही साफ़ हो गया।
“जा गांडू!!…..जाकर मेरी बहन को चोद ले…..पर याद रहे एक दिन अपनी बहन की चूत दिलवाना भोसड़ी के!!” राज शास्त्री बोला
उसके बाद किशोर आकर पायल के पास तालाब के उथले पानी में लेट गया और पायल की चूत पीने लगा। उसने तालाब के ताजे बारिश वाले पानी से उसकी चूत साफ़ कर दी क्यूंकि उसको मैंने अभी कुछ देर पहले चोदा था। अब किशोर मजे लेकर अपनी जीभ पायल के भोसड़े में दे रहा था और गुलाबी मीठी चूत का पान कर रहा था। फिर किशोर ने अपनी बीच वाली लम्बी ऊँगली पायल के भोसड़े में पेल थी और उसकी चूत फेटने लगा। पायल आह आह आ आ माँ माँ आई आई….करने लगी। मुझे ये देखकर ही खूब मौज मिली। गिरिश इतनी जोर जोर से पायल की बुर फेटने लगा की पानी के भीतर पच पच की पनीली आवाज आने लगी।
“ओए भोसड़ी के बहन के मेरी….कोई रंडी नही है बलिया के तिवारी बजार की!! जो पूरा हाथ उसके भोसड़े में पेले दे रहा है…..आराम से चोद!!” राज शास्त्री चिल्लाया। अब किशोर पायल की बुर में आराम आराम से ऊँगली करने लगा। कुछ देर किशोर ने अपना लौड़ा पायल के भोसड़े में डाल दिया। हम तीनो दोस्तों का लौड़ा ६ ६ इंच के आसपास था। कोई एक दो मिली सेंटीमीटर कम हो तो अलग बात है। पर हम तीनो लड़को के लंड काफी तगड़े तगड़े थे। मैंने देखा की जैसे जैसे किशोर पायल को लेने लगा पायल अपनी गांड और पिछवाड़ा उठाने लगी। किशोर पायल के दूध पी पीकर उसको ठोंक रहा था। मुझे पायल को चुदते हुए देखने में बहुत मजा मिल रहा था। पायल बार बार अपने ओठ चाबने लग जाती थी।
किशोर फट फट करके उसकी चूत की हवा निकाल रहा था। पायल चुद रही थी और उसकी इस वक़्त बुरी हालत थी।“ आह आह आह ….फाड़ दो!!…फाड़ दो मेरी चूत को….किशोर….चोद डालो आज मुझे कीसी गाँव की रंडी की तरह!!” पायल चिल्लाने लगी तो किशोर बहुत जोर जोर से पानी में डूबी पायल की चूत में लंड देने लगा जिससे पानी छप्प छप्प करके उपर की तरफ उठने लगा। किशोर जोर जोर से पायल की चूत में लंड देने लगा। पायल हम तीनो के सामने पूरी तरह से नंगी थी और उसके जूसी स्तन तलाब के ठंडे पानी में भीगे हुए थे। पायल के मम्मे के उपर चमकीले काले रंग के काले काले घेरे थे जिसमे वो बला की खूबसूरत माल लग रही थी। मेरे दोस्त किशोर ने पायल के दूध को मुँह में भर लिया और मम्मे पीते पीते उसकी चूत मारने लगा।
मैं और राज शास्त्री मजे से पायल की ठुकाई देख रहे थे। इसी बीच मैंने शरारत करते हुए कुछ पानी हथेली पर लिया और पायल के मुँह पर डाल दिया। वो चिढ़ गयी, वो मुझे कुछ नही कर सकी। क्यूंकि वो मजे से चुदवा रही थी। कुछ देर बाद किशोर ने पायल के लाल लाल भोसड़े में ही अपना माल छोड़ दिया। उसके बाद राज शास्त्री ने अपनी बहना को चोदा। दोस्तों, हमारे गावं में बारिश होने की खुशी में हम लोगो ने राज शास्त्री की बहना पायल को चोदकर उस दिन खूब मजा लिया।