गुस्से में छोटी बेटी की चुदाई

गुस्से में छोटी बेटी की चुदाई

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गुस्से में छोटी बेटी की चुदाई, छोटी बेटी की चुदाई, छोटी बेटी की जबरदस्ती चुदाई

बालन ने किया अपनी छोटी बेटी के साथ सेक्स। बालन ने बताया की उसकी बेटी जवान होते ही चुदाई का माल बन गई। कामुक बेटी को देख बालन का लिंग जवाब देने लगता। छोटी बेटी की चुदाई कहानी में बालन ने बताया की जब उसने अपनी बेटी को वीडियो कॉल पर बॉयफ्रेंड से सेक्स करता देखा तो गुस्से में उसने क्या किया। इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की कोई भी लड़की शरीफ़ नहीं होती चाहे वो कितनी भी भोली दिखती हो। मेरी दोनों बेटियां मेरे जान है। मैंने धुप में पसीना बहा कर उन्हें अच्छी जिंदगी देने की कोशिश की है। मेरी दोनों बेटियां पड़ी लिखी है और बड़ी वाली तो अच्छी  जगह नौकरी भी करने लगी है। मेरी छोटी बेटी काफी भोली थी। वो सूट सलवार के अलावा कुछ नहीं पहनती थी। और वो कभी किसी लड़के बजी में नहीं पड़ी।
पर जैसे ही बेटी जवान हो गई मैं खुद उसे कामुक नजरो से देखने लगा। बेटी का सूट स्तनों की तरफ से टाइट हो गया और सलवार से उसकी मोटी गांड दिखने लगी। मैं कई बार खुली आँख से अपनी छोटी बेटी की चुदाई करने का सपना देखा करता था क्यों की इसके अलावा मैं कर भी क्या सकता था। मेरा गुस्सा अपनी छोटी बेटी पर तब फूटा जब उसने मेरी दी हुई आजादी का गलत फ़िदा उठाया। उस रात मेरी छोटी बेटी ने खाना नहीं कहाया और तबियत खराब का बहाना कर के अपने कमरे में चली गई। मुझे चिंता हुई तो मैं खाना खाने के बाद उसके लिए दलिया बना कर ले गया।

मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो देखा जो 40,000 का लैपटॉप मैं उसे पढ़ाई के लिए लेके दिया था वो उसके जरिये गन्दी फिल्मे देख रही थी। बेटी ने अपनी सलवार में हाथ डाला हुआ था और सूट ऊपर उठा कर अपने स्तन बाहर निकाल रखे थे। ये देख मेरा लंड तो खड़ा हुआ ही पर साथ मैं गुस्सा भी काफी आया। मैं दरवाजा खोल कर अंदर आया तो बेटी डर गई और शर्म के मारे अपने ऊपर कंबल लपेट लिया। बेटी ने जल्दी से लैपटॉप बंद करने की कोशिश की पर मैंने लैपटॉप छीने लिया। लैपटॉप में मैंने देखा की एक नंगा लड़का अपना लंड निकाल कर बिस्तर पर लेटा था। मुझे देखते ही लड़का भी डर गया और उसने अपना लैपटॉप बंद कर दिया। मैं समझ गया की मेरी बेटी अपने बॉयफ्रेंड के साथ वीडियो कॉल पर गन्दी और अश्लील हरकते कर रही थी। मैंने गुस्से में लैपटॉप तोडा और बेटी को खींच कर खड़ा कर दिया। बेटी डर से कापने लगी और तेज सासे लेने लगी।


बेटी ने अपने स्तन काफी बार चूसे हुए थे। जिस वजह से वो लाल हो हुए थे और योनी के पानी से सलवार निचे से गीली थी। ये देख मुझे चुदाई की इच्छा होने लगी। घर पर मेरी बीवी और बड़ी बेटी नींद में सो रही थी। इसलिए मैंने छोटी बेटी का कमरा अंदर से बंद किया और बेटी को अश्लील जगहों पर छूने लगा। बेटी का डर के मारे बुरा हाल था।

बेटी – पापा सॉरी सॉरी सॉरी !! आज के बाद ऐसा नहीं करू गई। मैंने बेटी को गले लगाया और बेटी शांत हो गई। गले लगते हुए मेने अपनी बेटी की गांड पर दोनों हाथ रखे और मजे से सेहलने दबाने लगा।

बेटी – पापा !! क्या कर रहे हो ?

मैंने कहा – वही तो तुझे पसंद है !

ये सुनते ही बेटी का सर शर्म से झुक गया और वो कुछ नहीं बोली। पर मुझे अपनी छोटी बेटी की चुदाई करने का मौका मिल गया था। बेटी और खुद की काम वासना मिटाने के लिए मेने बेटी की सलवार में हाथ दे कर उसकी नरम गांड में ऊँगली करने लगा। बेटी डर और आनंद से गहरी सांसे लेने लगी। मैंने बेटी का सर अपनी छाती से चिपकाया और उसकी गर्म सासो को महसूस करने लगा। फिर मैंने अपनी ऊँगली बेटी के मुँह में डाली और ऊँगली थूक से गीली हो जाने के बाद बेटी की गांड ऊँगली से चोदने लगा। ये सब कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया और मैंने बेटी का हाथ लेकर अपने पजामे में डाल दिया। बेटी मेरा सूखा और कड़ा लिंग हिलाने लगी और मेरे टोपे से माल रिसने लगा। जोश चढ़ जाने पर मैंने बेटी को बिस्तर पर धका दिया और उसका सूट उतार कर मजे से स्तन दबोच लिया। बेटी के स्तन गोरे और गोल थे साथ ही उसकी दोनों चुसनी भी गुलाबी थी। मैं कामुक तरीके से उन्हें चाटने चूसने लगा और अपना मुँह बेटी की नरम छाती पर रगड़ने लगा। इतने में बेटी भी कामुक होने लगी और मेरा लंड पकड़ कर उलटे सीधे तरीके से मसलने लगी। बेटी कभी मेरा लंड हिलाती तो कभी मेरे गोटे दबाती।
 

बेटी – पापा मुझे चोदोगे कब ?
 

मैंने कहा – हाँ हाँ बेटिया।

उसके बाद मैं बिटिया के साथ देहाती चुदाई करने लगा। मैंने बेटी की सलवार और गन्दी चड्डी उतारी और उसकी छोटी चुत में अपना मोटा लोडा देना शुरू कर दिया। मैं उसके ऊपर चढ़ कर धीरे धीरे अपनी कमर हिला कर छोटी लड़की की चूत की चुदाई करने लगा। बेटी को भी लैंगिक सुख जोरो से मिलने लगा। बेटी की चुत टाइट थी इसलिए मैं उसे धीरे चोद रहा था। अगर मैं उसे उस तरह चोदता जैसा की उसकी माँ को चोदता हूँ तो वो दर्द से रोने लग जाती।

बेटी – अहह पापा !! थोड़ा और अंदर डालो और तेजी से करो न।

 मैंने बेटी की बात मानी और मजे से उसकी चुत का छेद बड़ा करने में लग गया।

बेटी बिस्तर पर उलटी लेटी थी और मैं उसके पर चढ़ कर कभी उसकी गांड चोद रहा था कभी चुत।
गांड में पहली बार लंड पड़ते ही बेटी के आँसू निकल गए और वो चिलाने लगी।

मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और उसका शरीर दबोच लिए।

बेटी – पापा यहाँ मत डालो !! दर्द होता है यहाँ।

मैंने कहा – तेरी माँ भी नहीं कहती थी पर अब उसे अपनी गांड चुदवाने का ही शोक है।

मैं पलंग हिला हिला कर छोटी बेटी की चुदाई करने लगा और वो दर्द से अपनी चीखे रोकती रही। तभी उसकी चुत से तेज पानी की धार निकली और बेटी शांत हो गई। पर मैं उसकी गांड तब भी चोदे जा रहा था। मेरे मुकाबले बेटी का शरीर काफी छोटा था और मैं उसे उल्टा सीधा उठा कर चोदे जा रहा था। उसके बाद मेने बेटी को उल्टा उठाया और उसके पैर अपनी गर्दन पर लपेट लिए। इस तरह से मैं बिस्तर पर खड़ा हुआ और बेटी की चुत गांड से टपकते रस की लार चाटने लगा। बेटी की लसलसा गांड और चुत का छेद मीठा पानी टपका रही थे। मैं बेटी के शरीर से निकलता तरल चाट रहा था और निचे बेटी के मुँह में लंड दे कर उसका मुँह चोद रहा था। मैं बेटी के मुँह में लंड दे कर तेजी से कमर हिला रहा था और उसके मुँह से अबा अबा ऊआ ऊआ अबा  की आवाजे आने लगी। साथ ही बेटी के मुँह से काफी सारा थूक भी निकलने लगा। थूक और मेरे माल की लम्बी लार कभी बिस्तर पर गिरती तो कभी मेरी जांघों पर। 

मुँह चुदाई के बेटी की आँखों से आंसू टपकने लगे पर मैं उसे चोदे जा रहा था।
छोटी बेटी के शरीर का कर एक छेद चोदने के बाद मेने अपना माल उसके मुँह में खुसा दिया। उसका मुँह भर गया और वो खांसने लगी। खांसने के साथ साथ उसने मुँह में जमा सारा माल और थूक बिस्तर पर गिरा दिया। छोटी बेटी की चुदाई करने के बाद मैंने अपने कपडे पहने और बेटी और नहाने को कहा। बेटी खुद देर उसकी हालत में बैठी रही तो ये सोचती रही की आखिर ये सब क्यों कैसे हो गया। बेटी का चुदाई और शर्म के मारे बुरा हाल था और मैं पूर्ण यौन संतुष्टि। ये थी एक बाप बेटी की चुदाई कहानी अगर आपको अच्छी लगी तो adultstories.co.in को सपोर्ट करना जिनकी वजह से मैं अपनी छोटी बेटी की चुदाई कहानी आप तक पंहुचा सका।

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