बचपन के प्यार की सील तोड़ चुत चुदाई
मेरे पड़ोस में मेरी एक प्यारी सी लड़की रहती है, जिससे मैं बचपन से प्यार करता आ रहा हूँ … लेकिन उसे अपना प्यार जताने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई-. हम दोनों के परिवारों में काफी अच्छे सम्बन्ध थे, इस वजह से मैं ज्यादा हिम्मत नहीं कर पा रहा था कि कहीं हमारे परिवारों के बीच कोई कटुता न पैदा हो जाए-.
बचपन के प्यार की सील तोड़ चुत चुदाई
फिर एक दिन मैंने हिम्मत करके उसे अपने दिल की बात बता ही दी-. लेकिन उस समय उसने मेरा प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि वो लव मैरिज नहीं करना चाहती है-.
मेरे लाख समझाने और कोशिश करने पर भी वो नहीं मानी-. मैंने भी उसे फ़ोर्स करना अच्छा नहीं समझा-. फिर हम दोनों अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए-. एक दिन मुझे खबर लगी कि उसके लिए एक विदेश में नौकरी कर रहे लड़के का रिश्ता आया है-.
ये जानकर मैं बहुत निराश हुआ क्योंकि मैं अभी भी उससे बहुत प्यार करता था-. एक दिन हमारे परिवार के लोग किसी रिश्तेदार की शादी में गए थे-. मैं घर पर अकेला था-. मैं पूरे दिन काम का थका शाम को हाफ-डे लेकर ऑफिस से जल्दी आ गया था और आते ही बेड पर सो गया-.
करीब आधे घंटे बाद मेरे घर की डोर बेल बजी-.
मैंने पूछा- कौन है?
बाहर से महिमा की आवाज आई- मैं हूँ-.
ये महिमा मेरी वही पड़ोसन है … जिससे में प्यार करता हूँ-.
मैं आपको महिमा के बारे में बता दूँ कि वो एक सुन्दर, कमसिन, कोमल, हॉट एवं काफी प्यारी सी लड़की है-. उसका फिगर 32-24-30 का है-.
पहली नजर में जो भी उसे देखता, उसकी खूबसूरती का दीवाना बन जाता था-.
जब दरवाजे पर उसकी आवाज सुनी, तो मैं उठ गया और उसे अन्दर आने को कहा-.
जैसे ही वो अन्दर आई, मैंने उसे ऊपर से नीचे तक निहारा-.
उसने टाइट कुर्ती सलवार पहना हुआ था-. उसके तने हुए दूध देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए-.
मैंने उसे अन्दर आने को कहा-.
हम दोनों अन्दर आकर बात करने लगे-.
उसने सभी की अनुपस्थिति को लेकर पूछा-.
तो मैंने सभी को शादी में जाना बताया-.
उसने मुझसे पूछा कि तुम शादी में क्यों नहीं गए?
तो मैंने उत्तर दिया कि मेरा मन नहीं था-.
कुछ देर तक यूं ही बात करते रहने के बाद उसने पूछा- घर के लोग वापस कब आएंगे?
मैंने कहा- दो दिन बाद आएंगे-.
उसने मुझे खाना खाने के लिए पूछा-.
तो मैंने जवाब में मना कर दिया क्योंकि मैं तो उसके प्यार का भूखा था-.
मेरे मना करने पर वो जाने लगी और जैसे ही वो मुड़ी … तो उसकी चुनरी उसके पैरों में फंस गई और वो घूम कर मेरे ऊपर गिर गयी-.
इस तरह से हम दोनों में एक चुम्बन का सीन हो गया-.
यह अहसास मेरे लिए काफी रोमांचक था-. हम दोनों की आंखें एक दूसरे की आंखों में स्थिर हो गईं और कुछ आश्चर्यचकित सी रह गईं-.
क्या बताऊं दोस्तो, उसका कोमल शरीर मेरे बदन से सट गया था और उसके बड़े बड़े स्तन मेरी छाती को छू रहे थे-.
मुझे लग रहा था मानो कोई मुलायम गद्दे मेरे सीने दब गए हों-.
हमारी धड़कनें तेज हो गईं-.
फिर वो धीरे से उठने हो हुई-.
मगर उसी समय मैंने उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक और होंठों पर मुस्कान देखी-.
मुझे उसकी आंखों में एक ऐसी कामना सी दिखी मानो वो मुझे फिर से चूमने का न्यौता दे रही हो-.
हमारी सांसें गर्म हो चुकी थीं और हमारी नजरें एक दूसरे को ही ताक रही थीं-.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे चूमने लगा-.
पहले तो उसने विरोध किया लेकिन फिर उसने भी मेरा साथ दिया और हम एक दूसरे को चूमने चाटने लगे-.
कभी मैं उसके मुलायम गुलाब जैसे होंठों को चूमता, तो कभी गर्दन पर किस करता, तो कभी उसके कान की लौ काट लेता-.
वो भी मुझे इसी तरह से चूमने लगी-. हमें कोई होश नहीं था … हम एक दूसरे में मदहोश हुए जा रहे थे-.
थोड़ी देर चूमने के बाद मैंने उसे जल्दी से पलटा दिया और मैं उसके ऊपर आकर उसे चूमने लगा-.
उसे चूमते चूमते मेरा हाथ उसके स्तनों को दबाने लगे-.
उसके स्तन इतने बड़े थे कि एक स्तन मेरे पूरे हाथ में नहीं आ रहा था-.
मैं यूं ही धीरे धीरे उसके स्तनों को मसलता रहा और दबाता रहा-.
उसे भी मजा आने लगा और उसके मुंह से ‘आह … आह …’ की मादक आवाज आने लगी-.
उसकी कामुक सिस्कारियां मुझे और उकसाने लगी थीं-.
धीरे धीरे मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया और चुत को कपड़ों के ऊपर से ही मसलने लगा-.
पहले तो उसने मुझे रोका, लेकिन जब मैं नहीं रुका तो थोड़ी देर बाद उसने मुझे रोकना बंद कर दिया-.
शायद उसे भी अब मज़ा आने लगा था-.
ये सब चलते चलते पूरे कमरे में उसकी मादक सिसकारियों और मनमोहक खुशबू फ़ैल गई थी-.
मेरा लंड धीरे धीरे कड़क होने लगा था और उसे पैंट में से चुभने लगा था-.
वो धीमी आवाज में बोली- ये क्या चुभ रहा है?
उसकी बात सुनकर मैं रुक गया और जरा उठ सा गया-.
उसने मेरे पैंट पर बने तम्बू को देखा और सोच में पड़ गयी कि ये क्या है?
मैंने मुस्कुराकर कहा- क्या तुम्हें वाकयी नहीं पता कि ये क्या है?
उसने शर्मा कर न में सर हिला दिया-.
मैंने उसके कान में कहा कि ये मेरा औज़ार है और इससे हम मर्द, चुत चोदते हैं-.
उसने शर्मा कर पूछा कि चुत माने क्या?
मैंने उसकी चूत की ओर इशारा करते हुए उसे बताया कि चुत इधर होती है-.
वो शर्मा गई और मुस्कुराने लगी-.
उसे मुस्कुराता देख कर मेरी उत्तेजना और भी बढ़ गयी-.
तभी उसने आव देखा न ताव … और फट से मेरी पैंट का बटन और चैन खोल दी-.
मैंने अंडरवियर पहना था, जिसमें से मेरा लंड और भी बड़ा लग रहा था-.
उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और मसलने लगी-.
पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को टच किया था; मैं सिहर उठा और पागल सा हो गया-.
वासना में मैं उसके मम्मों को जोरों से दबाने लगा और किस करने लगा-.
वो भी गर्मा उठी थी-.
मैंने देर न करते हुए उसकी कुर्ती को ऊपर किया और उसकी गर्दन से निकालते हुए अलग को फेंक दिया-.
उसने अन्दर लाल कलर की नेट वाली ब्रा पहनी थी-.
लाल मेरा पसंदीदा रंग है तो मेरी वासना और भी भड़क गई-.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तन दबाता और चूमता रहा और उसकी गर्म गर्म सांसें तेज होने लगीं-.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पीठ के पीछे हाथ लेजाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया-.
उसकी ब्रा उतार कर अलग कर दी तो उसने शर्मा कर अपने स्तनों पर हाथ रख लिया और उन्हें ढक दिया-.
मैंने उसके हाथों को प्यार से हटाया और उसके स्तनों से अलग कर दिया-.
मेरे सामने दुनिया के बेहतरीन स्तन खुल गए थे-.
ये इतने मादक थे कि मैंने अब तक कभी भी किसी साईट में नहीं देखे थे … बल्कि अपनी कल्पना में भी ऐसे चुचे नहीं सोचे थे-.
उसके स्तन किसी पोर्नस्टार से भी अच्छे थे-. मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया-.
दूसरी तरफ उसने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर लीं-.
मैंने उसके एक स्तन को हाथ में लिया और सहलाते हुए दबाने लगा-. दूसरे स्तन की चौंच को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा-.
आह ऐसा स्वाद मैंने अब तक कभी नहीं लिया था-.
मैं एकदम से बौरा सा गया था-. कभी उसके एक स्तन को दबाता, तो कभी कसके चूसने लगता-. उसके दूध को जोर जोर से पीता … तो कभी उसकी चूची को जोर से भींच देता-.
कुछ पल बाद मैं नीचे नाभि पर चूमने लगा-. मैं अपनी जुबान से उसकी नाभि को चोदने सा लगा था-.
वो तेज तेज स्वर में ‘आह -.-. आह -.-.’ की आवाजें निकालने लगी थी-.
कुछ देर बाद उसने मुझे खड़ा किया और खुद बैठ कर मेरी अंडरवियर को उतारने की जगह एक झटके से फाड़ दिया और मेरे लंड को आज़ाद कर दिया-.
मेरा 7 इंच का फनफनाता लंड देख कर उसके होश उड़ गए और वो घबरा गयी-.
वो लंड देख कर कहने लगी कि य…ये क्या है … इतना बड़ा और सख्त!
मैंने कहा- ये मेरा औजार है और इसे लंड भी कहते हैं-. अंग्रेजी में पेनिस इसे कहते हैं-. क्यों … क्या तुमने पहले कभी लंड नहीं देखा?
उसने कहा- देखा है … लेकिन केवल फोटो में … मगर इतना बड़ा नहीं देखा-.
वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी-.
उससे रहा नहीं गया और उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और उसे कुल्फी की तरह चूसने चाटने लगी-.
मुझे मज़ा आने लगा-.
लेकिन मेरा सिर्फ आधा लंड ही उसके मुँह में जा रहा था तो मैंने जोर से उसका मुँह दबाया और मेरा पूरा लंड उसके गले तक चला गया-.
उसने झट से लंड बाहर निकाला और खांसने लगी-.
मैंने उसे उठाया और उसे किस करने लगा और उसका स्तन पान करने लगा-.
वो मुझे खुद दूध पिलाने लगी-.
कुछ पल बाद मैंने उसे उठा कर बेड पर लुढ़का दिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा; उसके मम्मों को दबाने लगा-.
उसकी वासना से लबरेज सिसकारियां पूरे वातावरण को मादक बना रही थीं-.
अचानक से उसका शरीर अकड़ने लगा-.
मैं समझ गया कि उसका पानी छूट गया है-. लेकिन उसके लिए ये पहला अनुभव था … तो वो डर गई कि उसे क्या हो रहा है … कहीं पीरियड्स तो नहीं होने लगे हैं-.
मैंने उसे समझाया कि ये तुम्हारी चुत से निकलने वाला पानी है … जो उत्तेजना बढ़ने पर निकलता है-.
उसकी सलवार गीली हो चुकी थी-.
मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसे उतार दिया-.
उसने अन्दर नेट वाली लाल पैंटी पहनी थी, जो पूरी गीली हो चुकी थी-.
मैं लाल रंग की गीली पैंटी में उसकी फूली हुई चुत देख कर एकदम पागल हो गया और मैंने देर न करते हुए उसकी पैंटी को उतार फैंका-.
अब मेरे सामने एक कमसिन कुंवारी नंगी चूत थी-. उसकी चुत पर बारीक झांटें उगी थीं-.
चुत ऐसी लग रही थी … जैसे कुछ ही दिन पहले उसने चुत की झांटें साफ़ की हों-.
मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रखा और उसकी खुशबू लेने लगा-.
काफी मनमोहक सुगंध थी-.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उसे गुदगुदी होने लगी और वो हंस पड़ी-.
धीरे से मैंने उसकी चुत में अपनी जीभ लगा दी … लेकिन उसकी चुत काफी टाइट थी और मेरी जुबान अन्दर न जा सकी-.
मैंने फिर से कोशिश की मगर फिर से असफल हो गया-.
अब मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चुत को फैलाया और अपनी जीभ दरार में डाली-.
मेरी जीभ अन्दर तो गई मगर एक तंग जगह में फंस सी गयी-.
मैं धीरे धीरे जुबान को अन्दर बाहर करने लगा और अपने हाथों से उसके बड़े स्तनों को दबाता रहा-.
वो ‘आह … आह … आह …’ की मादक आवाज निकालने लगी थी-.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद वो फिर से झड़ गयी और मैंने उसका सारा पानी पी लिया-.
उसकी कुंवारी चुत का रस ऐसा लगा मानो मैंने अमृत पी लिया हो-.
वो झड़ने के बाद निढाल हो चुकी थी-.
कुछ देर बाद हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए-.
मैंने अपना लंड उसके मुंह में दे दिया और वो उसे मसल मसल कर चूसने लगी-.
कभी वो लंड के ऊपर के सुपारे को चूसती … तो कभी मेरे आंडों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसती-.
एक तरफ वो मेरे लंड को चूस रही थी और दूसरी तरफ मैं अपनी उंगली उसकी चुत में डालने लगा था-.
उसकी चुत एकदम टाईट थी तो उंगली तक घुसेड़ने में मुश्किल हो रही थी-.
मैंने मेज़ पर रखा तेल उठा लिया और हाथ पर लगा कर उसकी चुत में मलने लगा-.
उसकी चुत के अन्दर तक कुछ तेल गया, तो अब मेरी उंगली उसकी चुत में आसानी से अन्दर चली गयी-.
उंगली को अपनी चुत के अन्दर लेते ही वो सिसक उठी और गांड उठाने लगी-.
कुछ देर एक उंगली से ही चुत को ढीला करने के बाद मैं अपनी दो उंगलियों से उसे चोदने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा-.
अब उससे रहा नहीं गया और वो गिड़गिड़ाने सी लगी- आह रॉकी प्लीज … मुझसे रहा नहीं जाता … अब मुझे चोद दो-. मुझे अपनी रानी बना लो-.
उसके मुँह से यह सुन कर मैं चौंक गया और काफी खुश हुआ-.
मैं उस पर से उठा और नंगा ही भाग कर अपने बड़े भाई के कमरे में गया, उसकी अलमारी से कंडोम का पैकेट ले आया-.
मेरे बड़े भाई की शादी कुछ महीने पहले ही हुयी थी-. मुझे मालूम था कि वो भाभी को कंडोम लगा कर ही चोदता है-.
दोस्तो, चाहे कुछ भी हो … सेफ्टी फर्स्ट होती है-. कभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए-.
मैं जल्दी से कंडोम लेकर आया और अपने लंड पर पहनने लगा-.
उसने पूछा कि ये क्यों?
मैंने कहा- सेफ्टी जरूरी है … तुम्हारे लिए भी … और मेरे लिए भी!
मेरी बात सुनकर वो खुश हो गई और उसने मुझे गले से लगा लिया-.
मैंने झट से कंडोम पहन लिया और उसे लिटा कर चूमने चाटने लगा-.
अब मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी बुर पर रखा और चुत के ऊपर घिसने लगा-.
वो मेरे लंड को चुत में लेने के लिए तड़प रही थी-.
अपनी आंखें बंद किए हुए वो मादक सिसकारियां ले रही थी-.
मैं लंड चुत पर घिस कर उसे और उकसा रहा था-.
वो कहने लगी- मेरे राजा … अब देर मत करो … और डाल दो इस हथियार को मेरी चुत में-.
मैंने अपना लंड उसकी गर्म चूत के द्वार पर सैट किया और हल्का सा धक्का दे दिया-.
लेकिन उसकी चूत काफी टाइट थी … पहली बार जो चुद रही थी-.
मेरा लंड फिसल गया और यह देख कर वो हंस पड़ी-.
मैंने उसकी गांड को कसके पकड़ा और लंड को फिर से सैट किया-.
इस बार सुपारा चुत की फांकों के मध्य जैसे ही सैट हुआ … मैंने जोर का धक्का लगा दिया-. मेरे लंड का मुखड़ा उसकी चूत में घुसता चला गया-.
मोटा लंड जब संकरी चुत में घुसा, तो वो जोर से चीख पड़ी-.
वो रोने लगी … मैं उसे किस करने लगा ताकि उसकी चीख दब जाए-.
वो रोती हुई कहने लगी- इसे निकालो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है-.
मैं उसे चूमने लगा और उसके स्तन दबाने लगा-.
थोड़ी देर बाद वो शांत हुई तो मैंने एक और जोर का धक्का दे दिया-.
इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया था-.
वो फिर से चीख उठी- हाय मर गई मैं तो … इसे निकालो … मुझे नहीं करना-.
लेकिन अब मैं कहां रुकने वाला था … मैंने एक और जोर का झटका दे दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया था-.
वो दर्द से कराह रही थी और उसके आंसू रुक ही नहीं रहे थे-. मैं उसे चूमता रहा ताकि वो शांत हो जाए-.
थोड़ी देर मैं ऐसे ही पड़ा रहा-.
फिर कुछ पल बाद जब वो शांत हुई तो मैं आगे पीछे होकर लंड को अन्दर बाहर करने लगा-.
पहले उसे दर्द हुआ … फिर वो भी मजे लेकर मेरा साथ देने लगी-.
अब तो वो अपनी गांड को उछाल उछाल कर साथ देने लगी थी-.
मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पर लिया और उसकी गांड पकड़ कर जोर जोर से झटके मारने लगा-.
पूरे कमरे में उसकी सिस्कारियों की आवाज ‘आह … आह … ओह माय गॉड … फ़क मी फ़क मी … रॉकी-.’ और ‘फच्च फच्च …’ की आवाजें गूंजने लगीं-.
मैंने दस बारह तेज शॉट मारे और उससे पूछा- मजा आ रहा है जान!
वो चीखने लगी, चिल्लाने लगी- ओह रॉकी बहुत मज़ा आ रहा … और जोर से करो … आह-.
मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दी-.
करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ गया-.
इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी-. मैं लंड उसकी चूत में रखे ही उस पर लेटकर सो गया-.
कुछ देर बाद मेरी आंखें खुलीं, तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा था-.
मैंने देखा कि वो खून महिमा की चूत से आ रहा था-.
मुझे पता था कि पहली चुदाई में लड़की की सील टूटने पर खून निकलता है-.
मुझे लगा अगर महिमा ने ये देख लिया तो वो घबरा जाएगी-.
वो अभी सो रही थी-.
मैं जल्दी से बाथरूम से गीला कपड़ा लेकर आया और उसकी चूत और मेरे लंड से खून साफ़ किया-.
लेकिन अभी भी बेडशीट पर खून लगा था-. मैंने महिमा को उठाया तो उसमें उठने की भी ताकत नहीं थी-.
मैंने उसे सहारा देकर उठाया और अपनी गोद में उठा कर उसे बाथरूम में ले गया, उसे बाथटब में लिटा दिया और हल्का गर्म पानी भर दिया-.
गर्म पानी में उसे अच्छा लगा-.
वो अपने बदन की गुनगुने पानी से सिकाई करने लगी-.
तब तक मैंने जल्दी से कमरे में आकर बेडशीट को हटाया और धोने में डाल दिया-.
फिर मैं भी बाथरूम में आ गया और महिमा के साथ बाथटब में बैठ गया-.
मैंने उसे अपनी तरफ किया और उसके गोरे बदन पर साबुन मलने लगा-.
कभी उसके स्तन पर साबुन लगा कर दूध मसलता और दबाता, तो कभी उसकी चूत के ऊपर साबुन लगाता और अन्दर तक उंगली डाल कर चुत को मसलता-.
इसी तरह वो भी मेरे लंड पर साबुन मलती और उसे मसलती रही-.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया-. मैं उसकी गांड मसलने लगा-.
मैं टब में ही लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी-.
मेरे लंड को हाथ में लेकर वो अपनी चूत पर सैट करने लगी-.
धीरे से मेरा लंड उसकी चूत में जाने लगा-.
अब वो धीरे धीरे अपनी गांड को हिलाने लगी और ऊपर नीचे होने लगी-. इसी तरह हमने कई पोजीशन में टब में ही चुदाई की-.
डॉगी स्टाइल में कभी 69 में चुदाई का मजा आता रहा-. कभी मैं उसके ऊपर चढ़ जाता … तो कभी वो मेरे ऊपर चढ़ जाती-.
1st सेक्स करने के बाद मैंने उसे पूछा- तू तो बड़ी अनजान बन रही थी चूत लंड से? फिर कैसे तुझे सब पता चल गया और …
वो बोली- वो तो मैं ऐसे ही भोली बन कर दिखा रही थी-. ब्लू फ़िल्में देख कर मुझे सब पता था पहले से!
उस रात हमने पूरे घर में कई जगह और कई बार चुदाई की-. किचन में, खाना खाते समय डाइनिंग टेबल पर भी उसे चोदा, टीवी देखते समय सोफे पर चोदा-. टहलते समय छत पर भी चोदा-.
उस रात की सेक्स कहानी आगे भी बताऊंगा मगर वो सब अगली बार लिखूंगा-.
उस दिन के बाद जब भी हम दोनों अकेले में मिलते हैं, तो मिनटों तक किस करते हैं और कभी कभी मैं उसके मम्मों को भी चूस लेता हूँ-.
जब भी हम दोनों देर के लिए अकेले में मिलते हैं, तो चुदाई भी कर लेते हैं-.